कोरोना पर कोहराम… भूख हड़ताल पर आसाराम

-जोधपुर में आसाराम सहित एक हजार कैदी भूख हड़ताल पर
-कर रहे कोरोना के चलते पेरोल पर घर भेजने की मांग

टीम एटूजैड/ जोधपुर
देश भर में कोरोना के कहर एक ओर सामान्य लोग परेशान हैं। वहीं जेलों में बंद कैदी भी इसके नाम पर घर भेजने की मांग करने लगे हैं। राजस्थान में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच जोधपुर जेल में बलात्कार के आरोपी बापू आसाराम सहित एक हजार से ज्यादा कैदी भूख हड़ताल पर हैं। उनकी मांग है कि जेल में कोरोना फैलने से पहले उन्हें पेरोल पर रिहा किया जाए। कैदियों का कहना है कि वह बीमारी में फंसने के बजाय अपने परिवार के साथ रहना चाहते हैं।
देश की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली जेलों में से एक जोधपुर जेल में इस समय 1355 कैदी बंद हैं। सूत्र बताते हैं कि इनमें से करीब 1200 कैदी भूख हड़ताल पर हैं। इस मामले में जेल प्रशासन ने कहा है कि किसी को रिहा करना उनके हाथ में नहीं है। यह फैसला राज्य सरकार ही कर सकती है।
एक हजार ने नहीं खाया खाना
बता दें कि जोधपुर जेल में कई हाईप्रोफाइल मामलों से जुड़े अपराधी बंद हैं। इनमें से आसाराम जैसे कई कैदियों को सजा सुनाई जा चुकी है। बहुचर्चित भंवर प्रकरण से जुड़े पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। जेल के डॉक्टर जगत चौधरी ने एटूजैड के साथ बातचीत में बताया कि करीब एक हजार कैदियों ने खाना नहीं खाया था। इनमें आसाराम भी शामिल है। इससे पहले दिन आसाराम ने सिर्फ नाश्ता ही लिया था। उन्होंने दावा किया कि आसाराम की नियमित जांच की गई और उनकी तबीयत एकदम ठीक है। जबकि महिपाल मदेरणा भूख हड़ताल में शामिल नहीं है। डॉ. चौधरी ने कहा कि जेल में सभी कैदियों की नियमित जांच की जा रही है और हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं।
किया जा रहा क्वारेंटाइन
गौरतलब है कि कुछ कैदियों ने जेल से सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए दावा किया था कि जेल की स्थिति खराब है। बाहर से आने वाले नए कैदियों के कारण कभी भी कोरोना फैल सकता है। हालांकि जेल अधीक्षक कैलाश त्रिवेदी ने कहा कि बाहर से ज्यादा एहतियात जेल में बरती जा रही है। जेल में आने वाले नए बंदियों की जांच की जा रही है। पूरी तरह से सैनिटाइज करने के बाद उन्हें दस दिनों के अलग-थलग (क्वारैंटाइन‌) में रखा जा रहा है। ऐसे में जेल में कोरोना फैलने की आशंका नहीं है। यह बंदी खुद को रिहा करने के लिए सरकार पर इस तरह का दबाव बना रहे हैं।
महाराष्ट्र, पंजाब और हरियाणा में जेलों से रिहा किए जा रहे कैदी
बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते महाराष्ट्र, हरियाणा और पंजाब सरकारों ने अपने यहां जेलों में मामूली अपराधों में बंद कैदियों को रिहा करने का फैसला लिया है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने जेलों में भीड़ कम करने के लिए 11 हजार सजायाफ्ता और विचाराधीन कैदियों को आपात पेरोल और फर्लो देने का आदेश दिया है। पंजाब र्के जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि जेलों में महामारी को रोकने के लिए पूरे प्रदेश से छह हजार कैदी छोड़े जाएंगे। वहीं हरियाणा सरकार ने भी अपनी जेलों में बंद कुछ कैदियों को पेरोल पर छोड़ने का ऐलान किया है।