लॉकडाउन के बाद भी बिक सकेंगी बीएस-4 वाली गाड़ियां

-सुप्रीम कोर्ट ने दी एनसीआर से बाहर बेचने की इजाजत
-डीलर्स को 10 दिन में खत्म करना होगा पुराना स्टॉक

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
यदि आप दो-पहिया या फिर चार पहिया गाड़ी खरीदने की तैयारी में हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। लॉकडाउन के बाद आपको नई गाड़ियां कम दामों में खरीदने का मौका मिलने जा रहा है। यदि आप बीएस-4 मानक वाली गाड़ी खरीदने का विचार कर रहे हैं तो आपके लिए यह फायदे का सौदा हो सकता है। शर्त यह है कि आपको यह गाड़ियां दिल्ली-एनसीआर के बाहर से खरीदनी होंगी।
जी हां, डीलर्स को सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के बाद दिल्ली-एनसीआर के बाहर अपना पुराने मानकों वाली बीएस-4 गाड़ियों को बेचने की इजाजत दे दी है। लेकिन डीलर्स को अपना पूरा स्टॉक लॉकडाउन खत्म होने के 10 दिन के अंदर खत्म करना होगा। इसके बाद भारत स्टेज-4 यानी बीएस-4 मानकों वाली गाड़ियों का पंजीकरण नहीं किया जाएगा। खास बात है कि गाड़ियां बनाने वाली कंपनियों और डीलर्स को मजबूरी में गाड़ियों के दाम घटाने होंगे। इसमें खरीदारों का फायदा होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार 27 मार्च को कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश में लागू लॉकडाउन खत्म होने के बाद भारत स्टेज-4 (बीएस-4) मानक वाले वाहनों की दिल्ली-एनसीआर के बाहर दस दिन के लिये बिक्री की अनुमति दे दी है। सर्वोच्च अदालत ने इससे पहले बीएस-4 मानक वाले वाहनों की बिक्री की समय सीमा 31 मार्च 2020 तय की थी। न्यायमूति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) की याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया।
इस संगठन ने देश में कोराना वायरस की दहशत और आर्थिक मंदी के मद्देनजर न्यायालय से बीएस-4 मानक वाले बचे हुये वाहनों की बिक्री की अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट ने ऑटोमोबाइल डीलर्स को थोड़ी राहत देते हुए लॉकडाउन खत्म होने पर दस दिनों के अंदर बचे वाहनों के स्टॉक में से 10 फीसदी बेचने की इजाजत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि यह वाहन दस दिनों के भीतर ही पंजीकृत किए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि ये वाहन दिल्ली-एनसीआर में नहीं बेचे जाएंगे। कोर्ट ने कहा कि कोरोना के नाम पर इस तरह 30 दिनों के लिए डेडलाइन नहीं बढाई जा सकती।
जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि हमें बीएस-4 वाहनों के प्रति सहानुभूति दिखानी चाहिए और पर्यावरण को बचाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि हमें देश और पर्यावरण के लिए बलिदान देना सीखना चाहिए। हमें बिजनेस और डीलरों से सहानुभूति है। वहीं एफएडीए की ओर से कहा गया कि देश में 7 हजार करोड़ के वाहन बचे हैं। इसलिए 30 दिन की मोहलत और दी जानी चाहिए। क्योंकि बड़े स्तर पर डीलर्स दिवालिया हो सकते हैं और इसके चलते लोगों की नौकरियों पर भी असर पड़ सकता है। एसोसिएशन ने कहा कि बीएस-4 की समय सीमा के कारण 15 हजार यात्री कारें, 12 हजार व्यावसायिक वाहन और 7 लाख दोपहिया वाहन दांव पर लगे हैं।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में याचिका की सुनवाई वीडियो कांफ्रेन्सिग के जरिए हुई। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एक अप्रैल 2020 से बीएस-4 मानक वाले वाहनों की बिक्री दिल्ली-एनसीआर में नहीं होगी। सरकार ने मोटर वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिये भारत स्टेज मानक निर्धारित किये हैं देश में अप्रैल 2017 से बीएस-4 मानक लागू हैं।
स्टॉक निकालने के दबाव का मिलेगा लाभ
जो लोग नई गाड़ी खरीदना चाहते हैं और जिन्हें बीएस-4 मानक व दिल्ली-एनसीआर से बाहर से गाड़ी खरीदने पर कोई फर्क नहीं पड़ता, उनके लिए यह अच्छा मौका है। निर्माता कंपनियों और डीलर्स के सामने 15 हजार पैसेंजर कार, 12 हजार व्यावसायिक वाहन और 7 लाख दोपहिया वाहन बेचने की चुनौती होगी। ऐसे में कंपनियों को औसत से ज्यादा दाम घटाने होंगे। इसका लाभ लॉकडाउन के बाद उपभोक्ता उठा सकेंगे।