दिया भोज…की तारीफ, बैठक में नहीं बुलाए कुलजीत चहल
23 दिसंबर को इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित बूथ सम्मेलन में वरिष्ठ नेताओं के अपमान का मामला प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी के दरबार में पहुंच गया है। तिवारी ने शुक्रवार को संगठन मंत्री सिद्धार्थन, दिल्ली के करीब 14 हजार मतदान केंद्रों (बूथ) के संयोजन के लिए बनाई गई बूथ प्रबंधन समिति अध्यक्ष धर्मवीर सिंह और इस आयोजन में शामिल रहे पार्टी नेताओं को अपने आवास पर भोज पर बुलाकर सम्मानित किया। खास बात यह रही कि शिकायत को संज्ञान में लेते हुए बूथ सम्मेलन के संयोजक रहे प्रदेश महामंत्री कुलजीत चहल को इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया और इससे पूरी तरह से दूर रखा गया। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी बूथ सम्मेलन की सफलता से गद्गद नजर आए। दरअसल पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भी इस कार्यक्रम की तारीफ की है और इस कार्यक्रम को सफल बताया है।
अनदेखी पर पार्टी नेताओं में नाराजगी
23 दिसंबर को हुए बूथ सम्मेलन के लिए प्रदेश भाजपा ने प्रदेश महामंत्री कुलजीत चहल को संयोजक बनाया था। लेकिन चहल के प्रति पार्टी नेताओं में इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को जो सूची संबोधन के समय सोंपी थी, उसमें कई पदाधिकारियों के नाम ही गायब थे। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दुष्यंत गौतम जैसे नेता का नाम भी सूची में कुलजीत चहल ने अपने नाम के बाद दिया। जबकि राष्ट्रीय मंत्री आरपी सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री सिद्धार्थन और प्रदेश महामंत्री रविंद्र गुप्ता का नाम ही सूची में नहीं दिया गया। यहां तक कि कुलजीत चहल ने बूथ प्रबंधन समिति के संयोजक धर्मवीर सिंह को तो मचं और संबोधन के नामों की सूची से पूरी तर से दूर रखा। इसके चलते राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने संबांधन में इन नेताओं का नाम ही नहीं लिया।
कुलजीत ने नहीं कराया बड़े नेताओं का भाषण
पार्टी नेताओं में इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि कई प्रमुख नेताओं को कार्यक्रम के संचालक कुलजीत चहल ने बूथ सम्मेलन के दौरान बोलने का मौका ही नहीं दिया। सम्मेलन में कई कनिष्ठ नेताओं को को तो बोलने का मौका दिया गया। लेकिन प्रदेश सह प्रभारी तरूण चुग, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दुष्यंत गौतम और बूथ प्रबंधन समिति के अध्यक्ष धर्मवीर सिंह को बोलने का मौका ही नहीं दिया गया।