बीएल संतोष को भाजपा की कमान, औरों का भी बंधेगा सामान

-संघ ने भाजपा के संगठन महामंत्री रामलाल को वापस बुलाया
-बीएल संतोष को मिली भाजपा में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी
बीएल संतोष

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली

रामलाल

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने बड़ा फैसला लिया है। करीब 12-13 साल से भाजपा में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे रामलाल को संघ ने वापस बुला लिया है। पार्टी में बीएल संतोष को राष्ट्रीय संगठन महामंत्री की नई जिम्मेदारी दी गई है। माना जा रहा है कि संघ से जुड़े दूसरे सगठनों में वरिष्ठ पदों की जिम्मेदारी संभाल रहे कुछ और लोगों की भी उनके पदों से जल्दी छुट्टी की जाएगी। बता दें कि रामलाल की जगह बी एल संतोष को बीजेपी का संगठन महासचिव बनाया गया है। इससे एक दिन पहले ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल

को वापस बुला लिया था। रामलाल को आरएसएस के अखिल भारतीय सह-प्रमुख की बागडोर सौंपी गई है। आरएसएस के इस बदलाव को रामलाल की संठगन में मूल वापसी के तौर पर भी देखा जा रहा है। रामलाल 2006 से भाजपा में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
दो साल पहले ही होनी थी भाजपा से वापसीः
संघ से जुड़े सूत्रों के मुताबिक रामलाल की राष्ट्रीय संगठन महासचिव पद से विदाई दो साल पहले ही होनी थी। इसका कारण उनकी उम्र और उनके बारे में मिलने वाली शिकायतों को माना जा रहा था। दूसरी ओर भाजपा से जुड़े एक खेमे का कहना है कि रामलाल खुद भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री के पद से हटना चाहते थे। उन्होंने पार्टी से इच्छा भी जताई थी। रामलाल ने 30 सितंबर 2017 को पीएम मोदी के नाम एक खत लिखा था। इस चिट्ठी में उन्होंने जाहिर किया था कि इस दायित्व को निभाते हुए मुझे 11 वर्ष बीत चुके हैं, मेरी आयु 65 वर्ष हो चुकी है। इसलिए आपसे अनुरोध है कि संबंधित अधिकारियों से परामर्श करके किसी अन्य को यह कार्य सौपें ताकि तेज गति से काम हो सके।
हाल ही में उन्होंने अमित शाह को पत्र लिखकर याद दिलाया था कि लोकसभा चुनाव की तैयारियों की शुरुआत की वजह से आपको दायित्व परिवर्तन उपयुक्त नहीं लगा था। अब चुनाव संपन्न हो चुके हैं और सभी के परिश्रम से पार्टी को अच्छी जीत भी मिल चुकी है। लिहाजा अब दायित्व परिवर्तन किया जाए और इसके लिए यह समय भी उपयुक्त भी है। राम लाल की इस चिट्ठी के बाद सरकार की तरफ से उन्हें दायित्व से मुक्त कर दिया गया है।
50 साल से कम उम्र वालों को दी जाएगी जिम्मेदारी!
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े सूत्र बताते हैं कि आने वाले दिनों में भाजपा, विश्व हिंदू परिषद व अन्य सहयोगी संगठनों में प्रमुख जिम्मेदारी संभाल रहे कुछ और संघ से जुड़े लोगों की उनके पदों से छुट्टी हो सकती है। संघ ने फैसला किया है कि अब भाजपा सहित सभी सहयोगी (अनुषांगिक) संगठनों में 50 साल या इससे कम आयु वाले प्रचारकों व स्वयंसेवकों को जिम्मेदारी दी जाएगी। संघ से जुड़े वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि लंबे समय से अनुषांगिक संगठनों की जिम्मेदारियां संभाल रहे लोगों का उपयोग अब संघ में किया जाए और संघ के दूसरे लोगों को सहयोगी संगठनों में भेजा जाए।
येदुयिरप्पा के साथ रहा छत्तीस का आंकड़ाः
इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके बीएल संतोष का का कार्यक्षेत्र कर्नाटक रहा है। पूर्णकालिक प्रचारक रहे संतोष लंबे समय तक कर्नाटक भाजपा के संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी निभाते रहे हैं। कर्नाटक प्रदेश संगठन महामंत्री बनने पहले संतोष मैसुरू और शिमोगा जिलों में कार्यरत रहे हैं। बेंगलुरू में जन्मे और पले-बढ़े संतोष दक्षिण कन्नण जिला के पुत्तूर में रहते हैं। बताया जा रहा है कि 2011 में जब लोकायुक्त ने भाजपा के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों सुनवाई की थी। तो येदियुरप्पा का इस्तीफा कराने के पीछे बीएल संतोष का बड़ा हाथ रहा था। कारण है कि संतोष को येदियुरप्पा की जातिवादी राजनीति भी पसंद नहीं थी।
मीडिया प्रचार से हटवाए संतोष के फोटोः
संघ और संगठन को प्रथम मानने वाले बीएल संतोष प्रचार से अपन आपको दूर रखते रहे हैं। येदियुरप्पा और संतोष के बीच का संघर्ष कनार्टक में चर्चा का विषय रहा है। दो साल पूर्व भाजपा की राज्य कार्याकारिणी बैठक के मौके पर लगवाए गए फ्लैक्स के बैनर और होर्डिग इसलिए हटवा दिए गए थे कि उनमें संतोष का भी फोटो था। बताया जा रहा है कि इसके पीछे येदियुरप्पा का हाथ था। हालांकि बीएल संतोष के समर्थकों ने दावा किया था कि उन्होंने खुद अपने फोटो वाले होर्डिंग्स हटवाए थे।