हार पर मंथन करेगी बीजेपी… पार्षदों सहित नेताओं की पेशी

-शुक्रवार को बुलाई प्रदेश बीजेपी कार्यालय में बैठक
-चुनाव हारे उम्मीदवारों से लिया जाएगा फीडबैक

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार पर अब प्रदेश भारतीय जनता पार्टी शुक्रवार को मंथन करेगी। पंत मार्ग स्थित दिल्ली बीजेपी कार्यालय में इस बार विधानसभा चुनाव में उतारे गए सभी उम्मीदवारों को इस मंथन बैठक में बुलाया गया है। इसके साथ ही सभी सांसदों, निगम पार्षदों व अन्य वरिष्ठ नेताओं की भी पेशी होगी। बताया जा रहा है कि बैठकों का दौर सुबह से शाम तक कई चरणों में चलेगा।
सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में प्रदेश प्रभारी, सह प्रभारी, चुनाव प्रभारी, चुनाव सह प्रभारी और प्रदेश के वरिष्ठ पदाधिकारियों को भी बुलाया गया है। अलग अलग चरणों में होने वाली इस बैठक में जिला पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। बताया जा रहा है कि बैठक अलग अलग चरणों में होगी और प्रदेश संगठन महामंत्री व राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बैठक में प्रमुख रूप से उपस्थित रहेंगे।
नजफगढ़ में बढ़ा बीजेपी का वोट शेयर
बता दें कि दिल्ली विधानसभा की 70 में से 63 सीटों पर बीजेपी का वोट शेयर बढ़ा है। इनमें से 20 सीट ऐसी हैं जहां बीजेपी का वोट शेयर 10 फीसदी से ज्यादा बढ़ा है। इनमें से एक सीट नजफगढ़ पर तो 2015 की तुलना में बीजेपी का वोट शेयर 21.5 फीसदी तक बढ़ा है। जबकि 62 सीटों पर जीत हासिल करने के बावजूद 2015 की तुलना में आम आदमी पार्टी का वोट शेयर इस बार 38 सीटों पर घटा है। कांग्रेस को 2015 की तुलना में कस्तूरबा नगर की केवल एक सीट पर वोट शेयर बढ़ाने में सफलता मिली है।
करावल नगर में घटा आप का वोट शेयर
ज्यादा मुस्लिम आबादी वाली सीटों जैसे कि मुस्तफाबाद, सीलमपुर, चांदनी चौक, मटिया महल व बल्लीमारान सीटों पर आम आदमी पार्टी का वोट शेयर सबसे ज्यादा बढ़ा है। इनमें से मुस्तफाबाद सीट पर आम आदमी पार्टी को वोट शेयर पिछले चुनाव के मुकाबले 23 फीसदी तक बढ़ा है। करावल नगर ऐसी सीट रही जहां आम आदमी पार्टी का वोट शेयर सबसे ज्यादा घटा। इस सीट पर आप का वोट शेयर 2015 के मुकाबले 13.5 फीसदी तक घट गया।
अपने ही वार्डों में हारे बीजेपी पार्षद
बता दें कि बीजेपी मीनाक्षी लेखी, डॉ हर्षवर्धन और प्रवेश वर्मा के लोकसभा क्षेत्र में एक भी सीट नहीं जीत पाई। वहीं ‘लीडरशिप डेवलपमेंट’ के नाम पर लड़े बीजेपी के सभी निगम पार्षद अपना चुनाव हार गए। यहां तक कि कई पार्षद तो अपने निगम वार्डां में भी अपनी इज्जत नहीं बचा सके। माना जा रहा है कि इन सभी विषयों पर शुक्रवार को होने वाली बैठक में चर्चा होगी।
36 लाख से कम रहे बीजेपी के वोट
इस बार के दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति पूरी तरह से दयनीय हो गई। कांग्रेस को पूरी दिल्ली में कुल 3 लाख 95 हजार 924 वोट ही हासिल हुए। वहीं आम आदमी पार्टी को सबसे ज्यादा 49 लाख 74 हजार 522 वोट मिले। भारतीय जनता पार्टी को 35 लाख 75 हजार 430 वोट के साथ 8 सीटों पर संतोष करना पड़ा।