BJP BREAKING: एक पार्षद ने कारोबारी से मांगी 1 लाख की मंथली तो दूसरे ने मकान बनाने के बदले 4 लाख

-दिल्ली बीजेपी प्रदेश नेतृत्व के राडार पर पार्टी के कई पार्षद
-पीड़ितों ने की बीजेपी प्रदेश नेतृत्व से शिकायत

हीरेन्द्र सिंह राठौ़ड़/ नई दिल्लीः 4 सितंबर, 2023।
दिल्ली नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi) के पार्षदों में उगाही के आरोप लगना आम बात है। लेकिन दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेतृत्व के राडार पर अपनी ही पार्टी के कई पार्षद आ गये हैं। बताया जा रहा है कि करीब आधा दर्जन निगम पार्षदों की शिकायतें पार्टी नेतृत्व तक पहुंची हैं। इनमें से दो पार्षदों के खिलाफ तो एक-दो दिन में भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली हैं।
बताया जा रहा है कि दक्षिणी दिल्ली के एक निगम पार्षद ने एक व्यक्ति से मकान बनाने के लिए 4 लाख रूपये की मांग की है। शिकायत में कहा गया है कि दोबारा चुनकर आये इस निगम पार्षद के ऊपर एक सांसद का हाथ भी है। ये निगम के कई उच्च पदों पर रह चुके हैं! निगम पार्षद महोदय ने मकान बनाने वाले व्यक्ति को कहा है कि यदि उसने डिमांड पूरी नहीं की तो उसका मकान तुड़वा दिया जायेगा।
दूसरी ओर उत्तरी दिल्ली इलाके से चुनकर आई एक महिला निगम पार्षद ने एक कारोबारी से मंथली देने की मांग की है। बताया जा रहा है कि निगम पार्षद ने कहा है कि पहले 5 लाख रूपये एक साथ दिये जायें और इसके पश्चात हर महीने 1 लाख रूपये देने होंगे। नहीं तो उसके चालान कटवाकर कारोबार सील करा दिया जायेगा। बताया जा रहा है की एससी सीट से चुनकर आयी ये पार्षद महोदया अपनी पार्टी के लोगों को भी नहीं बख्श रही हैं! केवल इतना ही नहीं पूर्वी दिल्ली के शाहदरा दक्षिणी जोन के एक पार्षद के खिलाफ भी काफी शिकायतें मिल रही हैं, बताया जा रहा है कि इनके ऊपर एक प्रदेश महामंत्री का हाथ है! हालांकि पार्टी के किसी नेता ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है!
भ्रष्टाचार के आरोपों में पहले भी किये थे कई पार्षद निलंबित
गौरतलब है कि निगम पार्षदों के ऊपर भ्रष्टाचार और अवैध उगाही के आरोप पहले भी लगते रहे हैं। पिछले कार्यकाल में प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने भ्रष्टाचार और अवैध उगाही के आरोप में अपने कई पार्षदों को निलंबित किया था। जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) की एक निगम पार्षद के ऊपर भी अवैध उगाही के आरोप लगे थे और मामला दर्ज हुआ था। अब एक बार फिर से बीजेपी नेतृत्व के पास पार्षदों के खिलाफ इसी तरह की शिकायतें आ रही हैं। हालांकि इन शिकायतों में अभी कोई प्रमाण सामने नहीं आये हैं।