-‘धन्यवाद सभा’ के नाम पर प्रदेश बीजेपी ने उठाया समारोह का खर्च
-विधानसभा चुनाव लड़ चुके कई नेताओं को मंच पर नहीं बुलाया, पार्षदों को मिला स्थान
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 4 सितंबर, 2023।
एक महीने से पार्टी नेतृत्व से नाराज चले आ रहे अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष मोहन लाल गिहारा ने सोमवार को अपना पदभार संभाल लिया। खास बात यह रही कि सोमवार की सांय प्रदेश भारतीय जनता पार्टी कार्यालय ढोल-नगा़ड़ों की आवाज से करीब तीन घंटों तक गूंजता रहा। केवल इतना ही नहीं बल्कि जुटाई गई भी़ड़ के लिए खाने से लेकर अन्य मामलों में इस पूरे कार्यक्रम का खर्च प्रदेश बीजेपी ने उठाया।
प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने अपनी नई टीम की घोषणा 1 अगस्त को की थी। इस टीम में मोहन लाल गिहारा को अनुसूचित जाति मोर्चा का मुखिया बनाया गया था। इससे पहले वह सांसद मनोज तिवारी की टीम में भी अनूसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेश कार्यकारिणी में महत्वपूर्ण पद नहीं मिलने की वजह से मोहन लाल गिहारा कई दिनों तक नाराज रहे और उन्होंने प्रदेश के नेताओं के फोन तक नहीं उठाये थे।
बताया यह भी जा रहा है कि मोहन लाल गिहारा को प्रदेश के कुछ नेताओं ने ही कार्यभार संभालने के लिए तैयार किया है। इसके पश्चात उन्होंने सोमवार को अपनी नई जिम्मेदार संभाल ली है। सूत्रों का कहना है कि मोहन लाल गिहारा जिस इलाके से आते हैं, उस इलाके से वह निगम चुनाव में टिकट मांग रहे थे। लेकिन बीजेपी ने अनुसूचित जाति की समान्य सीट पर पहले से निगम पार्षद चली आ रही सुनीता कांग़ड़ा को टिकट दे दिया था।
सुनीता कांग़ड़ा 2022 के नगर निगम चुनाव में तीसरे स्थान पर रहीं थीं। लेकिन मोहन लाल गिहारा तभी से पार्टी नेतृत्व से नाराज चले आ रहे थे। इसके पश्चात प्रदेश बीजेपी नेतृत्व ने संघ के एक अधिकारी के दबाव और सिफारिश पर सुनीता कागड़ा को प्रदेश बीजेपी उपाध्यक्ष बनवा दिया। इसको लेकरि मोहन लाल गिहारा की नाराजगी और ज्यादा ब़ढ़ गई थी। हालांकि प्रदेश बीजेपी के नेताओं के द्वारा समझाने पर मोहन लाल गिहारा ने धन्यवाद सभा में प्रदेश नेतृत्व का स्वागत करवाकर अपना कार्यभार संभाल लिया है। लेकिन इस कार्यक्रम का खर्च प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को उठाना पड़ा है।
विधानसभा चुनाव लड़ चुके नेताओं को मंच पर नहीं बुलाया, पार्षदों को मिला स्थान
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में इस बात को लेकर चर्चा है कि सोमवार को आयोजित धन्यवाद समारोह में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके अनुसूचित जाति के कई नेताओं को मंच पर नहीं बुलाया गया। जबकि पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल दुष्यंत गौतम के साथ उनके निगम पार्षद पुत्र को भी मंच पर स्थान दिया गया। इसके चलते विधानसभा का चुनाव लड़ चुके कई अनुसूचित जाति के नेता नाराज होकर बीच कार्यक्रम से ही उठकर चले गये। बताया जा रहा है कि ऐसे कई नेताओं को तो इस कार्यक्रम में बुलाया ही नहीं गया था।