भाजपा: आस्था का शोर-दलबदलुओं पर जोर

पार्टी में आस्था रखने वाले 19 सांसदों का टिकट कटा
भ्रष्टाचार के आरोपियों को मिला लोकसभा टिकट

टीम एटूजेड/ नई दिल्ली

भारतीय जनता पार्टी ने 184 सीटों की अपनी पहली सूची में 19 सांसदों को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। किसी को ज्यादा उम्र होने का खामियाजा भुगतना पड़ा है तो किसी को दूसरे कारणों से टिकट नहीं दिया गया। टिकट से वंचित दुर्भाग्यशाली 19 सांसदों वर्तमान सांसदों में लाल कृष्ण आडवाणी (गांधीनगर) व बिजॉय चक्रवर्ती (गुवाहाटी) की अधिक उम्र के नाम पर छुट्टी की गई है। पार्टी के कुछ नेता तो वर्ष 2014 में भी आडवाणी-जोशी को वनवास पर भेजने पर आमदा थे पर तब वे बीजेपी संसदीय बोर्ड के सदस्य थे और टिकट पर अडे थे, इसीलिए मोदी सरकार बनने के उपरानत उन्हें बीजेपी के सभी वैद्यानिक पदों से मुक्त कर उन्हें मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया गया। यह बात अलग है कि इस मार्गदर्शकमण्डल की न कभी मीटिंग हुई और न कभी मोदी-शाह की जोडी को उनके मार्गदर्शन की आवश्यकता लगी। कटने वाली 3 महिलाओं में बिजॉय चक्रवर्ती के अलावा उत्तर प्रदेश से केंद्रीय मंत्री कृष्णा राज और राजस्थान की एकमात्र महिला सांसद संतोष अहलावत हैं। घोषित सूची में उत्तर प्रदेश के कटने वाले 6 वर्तमान सांसदों में संभल के सांसद सत्यपाल सिंह सैनी की जगह दिसंबर 2015 में बीजेपी में शामिल होने वाले चंदौली से पूर्व बीएसपी एमएलसी दल-बदलू परमेश्वर लाल सैनी को लोकसभा का टिकट दिया गया है। आगरा के सांसद राम शंकर कठेरिया को चूंकि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है इसलिए उनकी जगह सपा, बसपा की यात्रा कर बीजेपी में आए दल-बदलू एसपी सिंह बघेल को टिकट दिया गया है। आगरा के उम्मीदवार एसपी सिंह बघेल के बारे में मशहूर है कि वे पार्टियों को ऐसे बदलते हैं जैसे कोई कमीज बदलता है। बघेल को राजनीति में लाई सपा ने उन्हें वर्ष 1998, 1999 और 2004 में उत्तर प्रदेश की जलेसर लोकसभा से समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधित्व कराया पर बहुत लंबे समय तक वह अपनी निष्ठा नहीं रख सके और जैसे ही उन्हें टिकट से वंचित किया गया, वह कूद कर बसपा में शामिल हो गए। बसपा के उम्मीदवार के रूप में उन्होंने दो लोकसभा चुनाव लड़े, उन्हें राज्यसभा भेजा गया। बघेल का फिर बसपा से मोहभंग हो गया और वह बीजेपी में आ गए और अब आगरा से बीजेपी उम्मीदवार बन गए। फतेहपुर सीकरी से चौधरी बाबूलाल की जगह वर्ष 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में निर्दलीय लड पटखनी खा चुके राजकुमार चहर को उम्मीदवार बनाया गया है।

हरदोई से अंशूल वर्मा की टिकट काट अप्रैल 2018 में बीजेपी में शामिल दल-बदलू जयप्रकाश रावत को टिकट दिया गया है। जयप्रकाश रावत वर्ष 1991 और 1996 में दो बार हरदोई से बीजेपी के सांसद रहे, फिर लोकतांत्रिक कांग्रेस में चले गए व वर्ष 1999 में सांसद का चुनाव लड़े और फिर वर्ष 2004 में जयप्रकाश सपा में शामिल हो गए और लखनऊ की मोहनलालगंज से लड़ सांसद बने लेकिन वर्ष 2009 में चुनाव हार गए। उसके बाद बसपा में जा राज्यसभा सदस्य बन गए, फरवरी 2012 में अखिलेश यादव के सत्ता में आने के बाद, फिर जय प्रकाश रावत अपनी पत्नी के साथ समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हो गए। वर्ष 2014 में वह फिर सपा से मिश्रिख क्षेत्र से चुनाव लड़े और बीजेपी सांसद अंजू बाला से हार गये।

मिश्रिख की सांसद अंजू बाला की टिकट काट अप्रैल 2018 में बीजेपी में शामिल दल-बदलू अशोक रावत को टिकट दिया गया है। अशोक रावत वर्ष 2004 और 2009 में मिश्रिख से बसपा के टिकट पर सांसद रहे लेकिन 2014 में ये भी बीजेपी सांसद अंजू बाला से हारे थे। खास बात यह कि मिश्रिख की बीजेपी सांसद अंजूबाला ही वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में उनसे हारे दोनों प्रतिद्वंद्वी जयप्रकाश और अशोक को कुछ माह पहले ही बीजेपी की सदस्यता दिलाने आयी थीं और अब उन्हें बाहर कर दोनों पिटे मोहरों को बीजेपी ने अलग-अलग लोकसभा से चुनाव लडा दिया। क्या खेल हुआ है, समझा जा सकता है ?

एक सप्ताह पहले ही काँग्रेस नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल के शरद पवार से स्वयंभू चुनाव लडने पर उतारू उनके बेटे सुजय के लिए अहमदनगर लोकसभा सीट छोड़ देने के अनुरोध को महाराष्ट्र व जनसेवा में सुजय के किसी भी प्रकार के कोई योगदान न होने की दलील दे ठुकराने पर बीजेपी में शामिल राजनैतिक शून्य, जनाधारविहीन दल-बदलू सुजय विखे को चार दशक से अधिक समय से बीजेपी के लिए कार्यरत तीन बार बीजेपी सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप गांधी की बली चढा उम्मीदवार बना दिया गया। झुंझुनू से राजस्थान की एकमात्र महिला सांसद संतोष अहलावत की जगह वर्ष 2013 में निर्दलीस विद्यायक बने नरेंद्र खींचल को टिकट दिया गया है। अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह से तीन दशक से अधिक समय से बीजेपी के लिए कार्यरत तीन बार वर्ष 1999, 2009 एवं 2014 में वर्तमान बीजेपी सांसद रहे विष्णु पद रे की टिकट काट विशाल जॉली को टिकट दी गई है। विशाल जॉली पर जलमग्न भूमि को घेरने व जिला परिषद का अध्यक्ष के रूप में सबसे भ्रष्ट लोगों में से एक साबित होने की चर्चा रही है। असम की जोरहाट सीट से बीजेपी के वर्तमान सांसद कामाख्या प्रसाद तासा का टिकट काट सितंबर 2015 में ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) छोड कर बीजेपी में शामिल हुए दल-बदलू तपन कुमार गोगोई को उम्मीदवार बनाया गया है। छत्तीसगढ से 5 सांसदों के टिकट कटे हैं।

-जगदीश ममगाईं