A2Z NEWS की खबर पर मुहरः बीजेपी ने तीन जोन से बनाये एल्डरमैन पार्षद, दो जिला अध्यक्षों की लगी लॉटरी… स्टेंडिंग कमेटी में 7 सदस्य लाने का जोड़-तोड़ चालू आहे…

-उपराज्यपाल ने दी 10 एल्डरमैन पार्षदों के नामों को मंजूरी, मंगलवार की शाम या बुधवार को जारी हो सकती है अधिसूचना
-पार्टी में विवाद को रोकने के लिए संबंधित जोन से लिये गये नाम, जबकि इससे पहले दूसरे निगम क्षेत्र से भी रहे एल्डरमैन

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 3 जनवरी, 2023।
दिल्ली नगर निगम की सत्ता का सियासी खेल दिलचस्प होता जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की ओर से जिन 10 लोगों के नाम एल्डरमैन पार्षदों के रूप में मनोनीत करने के लिए भेजे थे, उन्हे उपराज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। खास बात है कि पार्टी में बवाल को रोकने के लिए बीजेपी नेतृत्व ने संबंधित जोन से ही अपने नेताओं को एल्डरमैन बनाने का फैसला किया है। फिलहाल सेंट्रल जोन से 1, सिविल लाइंस जोन से 4 और नरेला जोन से 5 लोगों को एल्डरमैन के रूप में मनोनीत करने का फैसला किया गया है। पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इनमें दो जिला अध्यक्षों की लॉटरी भी लगी है। तीन जोन से 10 एल्डरमैन सदस्य बनाये जाने से एटूजेड न्यूज की खबर पर मुहर लग गई है। हमने यह खबर 17 दिसंबर, 2022 को प्रमुखता के साथ प्रकाशित की थी।

गौरतलब है कि नगर निगम के 12 जोन में से शाहदरा नॉर्थ जोन, शाहदरा साउथ जोन, नजफगढ़ जोन और केशव पुरम जोन में बीजेपी पहले ही बहुमत में है। यहां उसी के जोन चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन चुने जाने तय हैं। अब 10 एल्डरमैन पार्षदों के जरिये बीजेपी ने तीन जोन पर कब्जे कवायद शुरू की है। इनमें से नरेला जोन की बात करें तो यहां आम आदमी पार्टी (आप) के 16 में से 10 पार्षद हैं। बीजेपी के 5 और 1 निर्दलीय पार्षद गजेंद्र दराल हैं, जो पहले ही बीजेपी में शामिल हो चुके हैं और स्टेंडिंग कमेटी के सदस्य के लिए नामित किये गये हैं। यहां से 5 एल्डरमैन पार्षद मनोनीत किये जाने के बाद बीजेपी के 11 पार्षद हो गये हैं। इसका अर्थ यह है कि नरेला जोन पर बीजेपी का कब्जा रहेगा और इस जोन से बीजेपी का 1 सदस्य स्टेंडिंग कमेटी के लिए भी चुनकर जा सकता है।
यदि सिविल लाइंस जोन की स्थिति पर नजर डालें तो यहां कुल 15 पार्षदों में से आम आदमी पार्टी के 9 पार्षद हैं और बीजेपी के 6 सदस्य हैं। अब उपराज्यपाल ने बीजेपी की सिफारिश पर 4 एल्डरमैन पार्षदों को मनोनीत किया है। इस तरह से सिविल लाइंस जोन में बीजेपी के कुल 10 पार्षद हो गये हैं। इस तरह से सिविल लाइंस जोन पर भी बीजेपी का कब्जा होना तय है और यहां से भी 1 सदस्य स्टेंडिंग कमेटी के लिए चुनकर जाना निश्चित है।
सेंट्रल जोन की स्थिति इन दोनों जोन से अलग बनती नजर आ रही है। इस जोन में कुल 25 में आम आदमी पार्टी के पास 13 निगम पार्षद हैं। वहीं बीजेपी के पास कुल 10 निगम पार्षद हैं। कांग्रेस के पास इस जोन से 2 निगम पार्षद चुनकर आये हैं। यहां से बीजेपी ने 1 एल्डरमैन पार्षद मनोनीत करवाकर अपना आंकड़ा 11 कर लिया है। अब बीजेपी का सारा दारोमदार कांग्रेस के 2 निगम पार्षदों के ऊपर है। यहां बीजेपी कांग्रेस के दोनों निगम पार्षदों को अपने साथ मिलाने के लिए उनमें से एक को जोन चेयरमैन और दूसरे को डिप्टी चेयरमैन नाने का ऑफर दे सकती है। हालांकि फिर भी बीजेपी और आप का आंकड़ा टाई पर आकर फिक्स हो सकता है। ऐसे में पर्ची के द्वारा चेयरमैन या डिप्टी चेयरमैन का चुनाव हो सकता है। बीजेपी को यहां से अपना एक सदस्य स्टेंडिंग कमेटी में लाने के लिए भी इसी तरह के पापड़ बेलने पड़ सकते हैं। कहा जा सकता है कि सेंट्रल जोन का मामला अगले पांच साल तक इसी तरह दिलचस्प बना रहने वाला है।
स्टेंडिंग कमेटी में भी बनने जा रही टाई की स्थिति
दिल्ली नगर निगम के वर्तमान सियासी हालातों पर नजर डालें तो मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव के बाद स्टेंडिंग कमेटी में टाई की स्थिति बन सकती सदस्य होते हैं। इनमें से 6 हाउस से और 12 सदस्य 12 जोन से चुनकर आते हैं। वर्तमान गणित के मुताबिक आप और बीजेपी का 6-6 जोन पर कब्जा हो सकता है। अतः यहां से दोनों दलों के 6-6 सदस्य चुनकर आ सकते हैं। यही स्थिति फिलहाल नगर निगम के हाउस में बनी हुई है। हाउस से जो 6 सदस्य चुनकर आने हैं। उनमें से आप और बीजेपी के 3-3 सदस्य चुनकर आ सकते हैं। ऐसे में स्टेंडिंग कमेटी में दोनों दलों के 9-9 सदस्य हो सकते हैं। इस तरह से मामला फिर से टाई की स्थिति का बन सकता है। हालांकि यदि बीजेपी सेंट्रल जोन को अपनी ओर करने में कामयाब हो जाती है तो स्टेंडिंग में उसके 10 सदस्य और आप के 8 सदस्य रह जायेंगे। ऐसे में स्टेंडिंग कमेटी पर बीजेपी का कब्जा हो सकता है।
पार्टी में विवाद को टालने के लिए दिया जोन का मतदाता होने का हवाला
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि 10 एल्डरमैन पार्षदों के लिए पार्टी के कई नेता दावेदारी कर रहे थे। इनमें से कई वरिष्ठ पूर्व निगम पार्षद भी शामिल हैं। जबकि रणनीति के मुताबिक केवल तीन जोन से ही एल्डरमैन बनाये जाने थे, अतः पार्टी नेतृत्व ने केवल संबंधित जोन से ही एल्डरमैन चुने जाने का हवाला देकर एल्डरमैन की दावेदारी करने वालों को शांत किया है।
बता दें कि इससे पूर्व आम आदमी पार्टी ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम के लिए एल्डरमैन के रूप में दो ऐसे लोगों मनोनीत कराया था जो संबंधित जोन तो दूर उस नगर निगम के क्षेत्र में भी नहीं रहते थे। आप सरकार ने अधिकारिक रूप से दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आने वाले विकास पुरी में रहने वाले घनेंद्र भारद्वाज और द्वारका में रहने वाली शालिनी को पूर्वी दिल्ली नगर निगम के लिए एल्डरमैन मनोनीत कराया था। खास बात है कि तब पूर्वी दिल्ली नगर निगम में सत्ताधारी बीजेपी ने इन दोनों की शपथ को भी रूकवाया था, लेकिन दिल्ली नगर निगम एक्ट में ऐसा कुछ नहीं होने की वजह से दोनों एल्डरमैन पार्षदों ने शपथ भी गृहण की थी और अपना कार्यकाल भी पूरा किया था।