-आपस में बात करें आरक्षण का समर्थन और विरोध करने वाले लोगः मोहन भागवत
-आरक्षण के बयान पर सफाई देने में जुटे भाजपा और सहयोगी दलों के नेता
टीम एटूजेड/ नई दिल्ली
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर सियासी बवाल मच गया है। एक ओर विपक्षी दलों के नेता केंद्र की मोदी सरकार और आरएसएस पर जातिगत आरक्षण को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगा रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा के अंदर और सहयोगी दलों की ओर से भी सफाई देने का दौर शुरू हो गया है।
बता दें कि रविवार 18 अगस्त को एक कार्यक्रम के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि आरक्षण एक समस्या है। यदि आरक्षण के समर्थक और इसका विरोध करने वाले एक साथ बैठकर आपस में बात करें तो इस समस्या का समाधान तुरंत निकल सकता है। गौरतलब है कि मोहन भागवत ने अपने बयान में कहीं भी आरक्षण को तुरंत हटाने की बात नहीं कही। लेकिन विपक्ष ने उनके इस बयान को लेकर संघ और भाजपा पर सियासी हमले तेज कर दिए हैं।
प्रियंका ने साधा संघ पर निशाना
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आरक्षण पर दिए मोहन भागवत के बयान को लेकर आरएसएस और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने मंगलवार को ट्विीट किया कि आरएसएस का हौसला बढ़ा हुआ है और मंसूबे खतरनाक हैं। जिस समय भाजपा सरकार एक-एक करके जनपक्षधर कानूनों का गला घोंट रही है, आरएसएस ने भी लगे हाथ आरक्षण पर बहस करने की बात उठा दी है। बहस तो शब्दों का बहाना है, मगर आरएसएस-भाजपा का असली निशाना सामाजिक न्याय है। क्या आप ऐसा होने देंगे?’
किसी बहस की गुंजाइश नहींः रामबिलास
दूसरी ओर एनडीए के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि आरक्षण पर किसी बहस की जरूरत नहीं है। यह कमजोर वर्गों को मिला संवैधानिक अधिकार है, जो कभी खत्म नहीं होने वाला है। पासवान ने आगे कहा कि आरक्षण पर किसी तरह की बहस की गुंजाइश नहीं है। यह पहले की तरह ही चलता रहेगा और सभी पक्षों को मिलता रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार दोहराया है कि इससे छेडछाड़ नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि आरक्षण ऊंची जाति के गरीब तबके के लिए भी उपलब्ध है। इसलिए यह असंभव है कि इसे समाप्त कर दिया जाएगा। लोजपा प्रमुख ने विपक्षी दलों पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष विवाद को तूल देने की कोशिश कर रहा है, लेकिन लोग उसके झूठ पर विश्वास नहीं करेंगे।
अठावले का बयानः पक्ष में है सरकार
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री और सहयोगी दल के प्रमुख रामदास अठावले ने कहा कि भारत में आरक्षण कभी खत्म नहीं किया जा सकता है। केंद्र की एनडीए सरकार दलितों, ओबीसी और गरीब सवर्णों को मिले आरक्षण के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के बनाए संविधान को धर्म ग्रंथ के रूप में मानते हैं। लिहाजा इस सरकार में आरक्षण से छेड़छाड़ नहीं हो सकती। अठावले ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दल इस मुद्दे को आम जनमानस के बीच गलत ढंग से पेश कर रहे हैं।
संवैधानिक मूल्यों पर प्रतिबद्ध है भाजपा
दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आरएसएस प्रमुख के बयान पर प्रियंका गांधी की प्रतिक्रिया को अज्ञानता का परिचायक बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा और अन्य राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्रीय हितों एवं संवैधानिक मूल्यों को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। कांग्रेस आज भी अपनी पिटी हुई पटकथा पर राजनीतिक दिखावे का प्रयास कर रही है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों का चैन कुछ लोगों के मन में बेचैनी पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का पीवीआर (प्रियंका-वाड्रा-राहुल) शो पूरी तरह से फेल हो चुका है। उसे ऐसी बयानबाजी छोड़कर राष्ट्रीय मुद्दों पर सकारात्मक सोच का परिचय देना चाहिए।