अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष जफरूल के खिलाफ देशद्रोह का मुकद्दमा… कुवैत ने भी पल्ला झाड़ा

-पीछे हटे जाकिर नाइक को हीरो बताने वाले जफरुल इस्लाम
-मीडिया के सिर फोड़ा ठीकरा, मानाः पोस्ट असंवेदनशील था

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम अपनी भारत विरोधी फेसबुक पोस्ट की वजह से मुस्किल में पड़ गए हैं। दिल्ली पुलिस ने जफरूल के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है । दिल्ली पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ कुछ दूसरे लोगों की शिकायतों के आधार पर अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के खिलाफ यह कार्रवाई की है।
जफरूल ने 28 अप्रैल को अपनी एक फेसबुक पोस्ट में भारत विरोधी बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कुवैत को धन्यवाद देते हुए और झूठ फैलाते हुए लिखा था कि भारत में मुसलमानों पर अत्याचार हो रहे हैं। अगर हिंदुस्तान के मुसलमानों ने इसकी शिकायत अरब देशों से कर दी तो हिंदुस्तान में जलजला आ जाएगा। इसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जफरूल के खिलाफ
जफरूल ने 28 अप्रैल को अपनी एक फेसबुक पोस्ट में भारत विरोधी बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कुवैत को धन्यवाद देते हुए और झूठ फैलाते हुए लिखा था कि भारत में मुसलमानों पर अत्याचार हो रहे हैं। अगर हिंदुस्तान के मुसलमानों ने इसकी शिकायत अरब देशों से कर दी तो हिंदुस्तान में जलजला आ जाएगा। इसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जफरूल के खिलाफ आईपीसी की धारा 124ए देशद्रोह और 153ए नफरत फैलाने के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
केवल यही नहीं कुवैत ने भी भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने से पल्ला झाड़ लिया है। इसके बाद दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम ने 28 अप्रैल की अपनी फेसबुक पोस्ट पर माफी मांगी है। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में भारत के मुसलमानों के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर संज्ञान लेने के लिए कुवैत को धन्यवाद कहा था। देशभर में उठे विरोध के बाद उन्होंने कहा कि मैंने गलत समय पर फेसबुक पोस्ट किया है। मुझे महसूस हुआ कि जब देश मेडिकल इमरजेंसी का सामना कर रहा है, उस समय यह ट्वीट असंवेदनशील था। मैं उन सभी से माफी मांगता हूं, जिनकी संवेदनाओं को चोट पहुंची है। मेरा इरादा किसी की भवनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। माना जा रहा है कि कुवैत के पीछे हट जाने, एफआईआर दर्ज हो जाने और चौतरफा दबाव के चलते जफरूल ने नई फेसबुक पोस्ट के जरिए माफी मांगी है।
बता दें कि दिल्ली प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता प्रवीन शंकर कपूर ने पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर जफरूल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने जफरूल को पद से हटाने की मांग की थी। इसके बाद विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामबीर सिंह बिधूड़ी के नेतृत्व में बीजेपी विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने भी उपराज्यपाल से मिलकर इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी।

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जफरुल इस्लाम ने अपने बयान में यह भी कहा कि ट्वीट के छोटे होने की वजह से उनकी बात साफ नहीं हो पाई। वहीं कुछ मीडिया संस्थानों पर अपने बयान के साथ झूठ जोडे जाने का ठीकरा फोड़ा। जफरूल ने अपने 28 अप्रैल के फेसबुक पोस्ट में कहा था कि कट्टरपंथियों! यह जान लो कि भारतीय मुसलमानों ने अब तक अरब और मुस्लिम जगत से आपके हेट कैम्पेन, लिंचिंग और दंगों की शिकायत नहीं की है। जिस दिन उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया जाएगा, उस दिन कट्टरपंथियों को तूफान का सामना करना पड़ेगा।

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बता दें कि शनिवार को कुवैत ने ऐसी पोस्ट्स से पूरी तरह से पल्ला झाड़ लिया है। कुवैत की ओर से कहा गया है कि कुवैत भारत के आंतरिक मामलों में किसी भी तरह के हस्तक्षेप का समर्थन नहीं करता है। यहां यह बताना भी जरूरी है कि कुवैत की कुछ गैर आधिकारिक साइटों में भारत के खिलाफ कुछ बातें लिखीं गई थीं। कुवैत के कुछ लोगों ने ट्विटर पर भारत के कुछ हिस्सों में मुसलमानों पर हमलों के आरोप वाली खबरों की आलोचना की थी। शायद जफरूल इस्लाम ने ऐसी खबरों को कुवैत का बयान समझ कर 28 अप्रैल को पोस्ट लिख दी थी।

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जाकिर नाइक को बता डाला हीरो
जफरुल इस्‍लाम ने अपनी फेसबुक पर की गई पोस्ट में जाकिर नाइक को हीरो बना दिया था। पूरे भारत में जफरूल की दो बातों पर लोगों ने सबसे ज्यादा आलोचना की थी। पहली यह कि उन्होंने अरब देशों का नाम लेकर भारत पर हमले तक की धमकी दे डाली थी। दूसरे उन्होंने अपनी पोस्ट में जाकिर नाइक को हीरो की तरह पेश किया था। बता दें कि जाकिर नाइक पर भारत में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं और उसे प्रतिबंधित किया गया था।

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दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हैं जफरूल
जफरुल इस्‍लाम दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन हैं। आयोग दिल्ली में मुस्लिमों के साथ ही अल्पसंख्यक जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाईयों का भी प्रतिनिधित्व करता है। लेकिन जफरूल इस्लाम ने कभी जैन, सिख, पारसी, बौद्ध ओर ईसाईयों के लिए कोई ट्वीट नहीं किया है। उन्होंने 28 अप्रैल को अपने फेसबुक पर की गई पोस्ट में दावा किया था कि मुसलमानों पर भारत में अत्याचार हो रहा है और अरब देश इसका विरोध कर रहे हैं। ऐसे में अगर भारतीय मुसलमानों ने उनसे (अरब देशों) से शिकायत कर दी तो भारत में जलजला आ सकता है। लेकिन अपनी पोस्ट के बाद तथाकथित जलजले का सामना खुद जफरूल को करना पड़ा है। क्योंकि जिस कुवैत को उन्होंने अपनी पोस्ट में धन्यवाद किया था, उसी ने उनके बयान से पल्ला झाड़ लिया है। दूसरे वह अब दिल्ली पुलिस के निशाने पर भी आ गए हैं।