MCD का एक और कारनामाः अवैध उगाही के लिए जब्त कर डाला छूट प्राप्त पॉलीथिन… लाखों की वसूली और जुर्माने के बाद छोड़ा!

-परत दर परत खुल रहीं शाहदरा दक्षिणी जोन के लाइसेंसिंग इंसपेक्टर और सहयोगी दलाल की करतूतें
-दो टैंपो माल उठाने के बाद एक को ही जमा करने का आरोप, स्टोर में ही घट गया दूसरे टेंपों का माल

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 18 मई, 2023।
दिल्ली नगर निगम (MCD) के शाहदरा दक्षिणी जोन (Shahdara South Zone) में लाइसेंसिंग इंसपेक्टर्स (LIs) और उनके दलालों मनमानी जारी है। जोन के आला अधिकारियों के ‘चहेते’ एक लाइसेंसिंग अधिकारी (एलआई) और उसके सहयोगी दलाल के कारनामे परत-दर-परत खुलते जा रहे हैं। इनसे सनसनीखेज खुलासा हो रहा है कि यह दोनों मिलकर किसी भी दुकानदार/ कारोबारी/ उद्यमी और दूसरे लोगों के खिलाफ चालान और माल जब्त करने जैसी कार्रवाई कर देते हैं, भले उनकी कानूनन सभी औपचारिकताएं पूरी हों। इसके बाद उनसे लाखों रूपये की वसूली करने के बाद ही उन्हें छोड़ा जाता है।

एमसीडी अधिकारियों ने रिलीज ऑर्डर में स्वीकार किया कि प्लास्टिक मेटिरियल पर्मिसेबल लिमिट में था

ऐसा ही एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें जनरल ब्रांच में तैनात एलआई ओम सिंह और उसके सहयोगी दलाल राहुल गुप्ता ने 7 जनवरी 2023 को कैलाश नगर इलाके के एक कारोबारी राकेश गर्ग का पॉलीथिन पैकिंग मेटिरियल (प्लास्टिक मेटिरियल) जब्त कर लिया था। बाद में 23 जनवरी 2023 को इस माल के रिलीज ऑर्डर जारी किये गये और 24 जनवरी 2023 को 34,200 रूपये का जुर्माना वसूलने के बाद इस प्लास्टिक मेटिरियल को छोड़ा गया। पीड़ित कारोबारी एलआई ओम सिंह और जोन के आला अधिकारियों के सामने कहता रहा कि उसका प्लास्टिक मेटिरियल निर्धारित मानकों के अनुसार है। लेकिन किसी अधिकारी ने उसकी नहीं सुनी। आरोप है कि कारोबारी से जुर्माने के अलावा 2 लाख रूपये की अलग से वसूली की गई, उसके बाद उसका माल छोड़ा गया।
छूट प्राप्त प्लास्टिक मेटिरियल को जब्त करने पर होनी चाहिए थी एलआई के खिलाफ कार्रवाई
बता दें कि राजधानी दिल्ली में निर्धारित मानकों से कम के प्लास्टिक मेटिरियल के उत्पादन, भंडारण और बिक्री प्रतिबंधित है। केवल सरकार द्वारा निर्धारित मानकों वाला (छूट प्राप्त) प्लास्टिक मेटिरियल ही बेचा या भंडारित किया जा सकता है। लेकिन एलआई ओम सिंह और उसके साथियों ने राकेश गर्ग का जो माल जब्त किया वह निर्धारित मानकों के आधार पर खरा था। इस बात की पुष्टि जोन के असिस्टेंट कमिश्नर की ओर से जारी रिलीज ऑर्डर में की गई है। आदेश में लिखा गया है कि जांच करने पर प्लास्टिक मेटिरियल को पर्मिसेबल लिमिट के अनुसार पाया गया। ऐसे में इस माल को जब्त करने वाले एलआई के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए थी, लेकिन उसके बजाय पीड़ित से अवैध वसूली के साथ जुर्माना भी वसूला गया। आश्चर्य की बात तो यह है कि माल को जब्त करते समय एलआई के पास ऐसा कोई उपकरण ही नहीं था, जिससे यह पता लगाया जा सके कि प्लास्टिक मेटिरियल किस माप का है।

3ः29 बजे बताया गया 1100 किलो पॉलिथिन सीज किया

पहले 1100 किलो जब्त किया और फिर 940 किलो
एलआई और उसके साथियों की ओर से एमसीडी के अधिकारियों को 7 जनवरी को 3ः29 बजे सूचित किया गया था कि उन्होंने 1100 किलो पॉलीथिन जब्त करके एमसीडी के झिलमिल स्थित गोदाम में जमा करवा दिया है। इसके पश्चात उन्हीं कर्मचारियों ने एक बार फिर सांय 9ः46 बजे सूचित किया कि उन्होंने 940 किलो ग्राम पॉलीथिन सीज किया है और उसे झिलमिल स्थित गोदाम में जमा करवा दिया है।

MCD के गोदाम में बचा केवल लाल पैकिंग का प्लास्टिक मेटिरियल

लेकिन जब 24 जनवरी, 2023 को उसी गोदाम से वह माल छोड़ा गया तो केवल 900 किलो ग्राम के आस-पास ही निकला। इसका उल्लेख जुर्माने की रसीद में भी किया गया है। सवाल यह उठाये जा रहे हैं कि जब एक बार 1100 किलो और दूसरी बार 940 किलो प्लास्टिक मेटिरियल दो अलग अलग गाड़ियों में जब्त किया गया तो एक गाड़ी का 1100 किलो माल कहां गया?

सांय 9ः46 बजे बताया गया कि 940 किलो पॉलिथिन सीज किया गया है

लाल व नीले रंग की पैकिंग में जब्त किया गया प्लास्टिक मेटिरियल, रिलीज किया लाल पैकिंग का माल
एलआई ओम सिंह ने 7 जनवरी को एक गाड़ी में लाल और नीले रंग की पैकिंग में 940 किलो ग्राम प्लास्टिक मेटिरियल जब्त किया था। जैसा कि गोदाम पहुंची गाड़ी की फोटो से स्पष्ट है। लेकिन जब 24 जनवरी को वह प्लास्टिक मेटिरियल रिलीज किया गया तो केवल लाल पैकिंग वाला माल ही मौजूद था। खास बात है कि एमसीडी के गोदाम में रखे-रखे ही 20 दिन में 40 किलो प्लास्टिक मेटिरियल घट भी गया।

जुर्माने की यह रसीद बताती है कि माल घटकर 900 किलो रह गया

अधिकारी कर रहे मनमानी, जनता हो रही परेशानः प्रिया कांबोज
स्थानीय निगम पार्षद प्रिया कांबोज का कहना है कि जो भी एलआई या अधिकारी माल जब्त करने गये थे उन्हें पहले ही माल की जांच करनी चाहिए थी। यदि प्लास्टिक मेटिरियल निर्धारित मानकों के अनुसार सही नहीं होता तभी उसे जब्त करना चाहिए था। यदि माल जब्त कर भी लिया था तो जांच के बाद सही पाये जाने पर उद्यमी से जुर्माना नहीं वसूला जाना चाहिए था। एमसीडी अधिकारियों की यह कार्रवाई गलत है और हम इसका विरोध करते हैं।