-महज तीन विभागों में ओपीडी सेवा दे रहा हिंदूराव अस्पताल
-बाकी अस्पतालों का बुरा हाल… डॉक्टर कर रहे सेलरी का इंतजार
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
लॉकडाउन-4 की शर्तों में ढील मिलते ही केंद्र व दिल्ली सरकार के अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं शुरू हो गई हैं। लेकिन इसे नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही कहें या काम के प्रति असंवेदनशीलता कि नगर निगम के अस्पताल अब भी एक तरह से बंद ही पड़े हैं। यहां ओपीडी सेवाएं अब भी पूरी तरह से नहीं खोली गई हैं। खास तौर पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अस्पतालों की हालत ज्यादा दयनीय है।
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नॉर्थ डीएमसी के हिंदूराव अस्पताल को छोड़कर बाकी अस्पताल अब भी बंद जैसी हालत में पड़े हैं। क्योंकि यहां अब भी ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाई हैं। एक ओर नॉर्थ डीएमसी के डॉक्टर्स और स्वास्थ्यकर्मी अपने वेतन का इंतजार कर रहे हैं, दूसरी ओर नगर निगम की बड़ी सीटों पर बैठे अधिकारी लोगों को इनकी सेवाओं का लाभ तक नहीं दे पा रहे।
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बाड़ा हिंदूराव की पहाड़ी पर स्थित हिंदूराव अस्पताल को उत्तरी दिल्ली नगर निगम का सबसे बड़ा अस्प्ताल कहा जाता है। इस अस्पताल में भी महज तीन मेडिसिन, पीडियाट्रिक एवं स्त्री रोग विभागों में ही ओपीडी सेवाएं शुरू हो पाई हैं। हिंदूराव अस्पताल के भी बाकी विभागों की ओपीडी बंद पड़ी हैं। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों की इतनी बड़ी लापरवाही की वजह से आम लोगों को भारी परेशानी हो रही है। कस्तूरबा और गिरिधर लाल अस्पतालों में कुछ ओपीडी गुरूवार से शुरू की गई हैं।
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बता दें कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पास पांच बड़े अस्पताल हैं। इनमें हिंदू राव अस्पताल, कस्तूरबा गांधी अस्पताल, राजन बाबू टीबी अस्पताल, महर्षि वाल्मीकि अस्पताल और गिरधर लाल अस्पताल शामिल हैं। इनके अलावा नॉर्थ डीएमसी के द्वारा बालक राम अस्पताल जैसे कालोनी हॉस्पिटल और कई डिस्पेंसरी चलाई जाती हैं। लेकिन इन अस्पतालों में अभी तक ओपीडी की सेवाएं शुरू नहीं हुई हैं।
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हिंदूराव अस्पताल में भी केवल तीन दिन पहले ही तीन विभागों में ओपीडी सेवा शुरू हो पाई है। इन तीन दिनों में महज 764 मरीज ही अस्पताल में अपना इलाज करवाने पहुंचे। नॉर्थ दिल्ली के इस अस्पताल में सामान्य तौर पर रोजाना 4 हजार तक लोग आते रहे हैं। लेकिन सभी विभाग शुरू नहीं हो पाने की वजह से लोगों को वापस जाना पड़ रहा है। ईएनटी, इर्मेटॉलॉजी, हड्डी रोग और अन्य विभागों की ओपीडी सेवाएं शुरू ही नहीं हो पाई हैं।
चुप हैं अधिकारी
इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से जानकारी मांगी गई, लेकिन संबंधित अधिकारी जानकारी देने के लिए उपलब्ध नहीं हुए। यदि नॉर्थ दिल्ली नगर निगम के संबंधित अधिकारियों की ओर से कोई जानकारी आती है तो उसे खबर में स्थान दिया जाएगा और उसे भी पाठकों तक पहुंचाया जाएगा।