-दूसरे दलों से बीजेपी में आए नेताओं का विरोध शुरू
-राजकुमार चौहान के खिलाफ जिले में घेराबंदी
-आप से आए नेताओं के विरोध की सुगबुगाहट
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आधिकारिक ऐलान के साथ ही दिल्ली भाजपा में बाहरी नेताओं का विरोध जोर पकड़ने लगा है। पार्टी के पुराने नेता कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से बीजेपी में आए नेताओं के विरोध पर उतर आए हैं। पार्टी में मंडल और जिला स्तर पर अंदरूनी घमासान शुरू हो गया है। कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान को पार्टी में विरोध झेलना पड़ रहा है। माना जा रहा है कि वह वापस कांग्रेस में जा सकते हैं। इसी तरह बिजवासन से आप विधायक रहे कर्नल सहरावत और गांधी से आप विधायक रहे अनिल वाजपेयी को भी पार्टी में स्थानीय कार्यकर्ताओं का विरोध झेलना पड़ रहा है। करावल नगर से आप विधायक और पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा को भी बीजेपी में स्थानीय नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
आम आदमी पार्टी से आए कपिल मिश्रा, कर्नल सहरावत और अनिल वाजपेयी भाजपा के टिकट पर अपने-अपने इलाकों से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। लेकिन पार्टी के पुराने नेता और स्वाभाविक दावेदार इनका विरोध कर रहे हैं। करावल नगर से बीजेपी के पूर्व विधायक मोहन सिंह बिष्ट चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं। वह पिछले छह माह में पूरे विधानसभा क्षेत्र की एक-एक गली में छह बार चक्कर लगा चुके हैं। दूसरी ओर कपिल मिश्रा ने भी मतदाता सूची लेकर करावल नगर से ही चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में यदि बीजेपी कपिल मिश्रा को विधानसभा चुनाव में करावल नगर सीट से उतारती है तो उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना होगा। दूसरी ओर इसका लाभ आम आदमी पार्टी को मिल सकता है।