50 साल… 50 हजार मंदिर… अब गूंजेंगी घंटियां

-जम्मू-कश्मीर में खुलेंगे बंद मंदिरों के ताले
-केंद्र सरकार ने कराया बंद मंदिरों का सर्वे

प्रीति चौहान/ नई दिल्ली
केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35ए हटाकर राज्य के दो केंद्र शासित प्रदेश बना दिए हैं। इसके बाद जम्मू कश्मीर में पिछले 50 वर्षों से बंद पड़े 50 हजार मंदिरों को फिर से खोले जाने की तैयारी है। गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने घोषणा की है कि सरकार घाटी में बंद पड़े मंदिरों का सर्वे करा रही है।
रेड्डी ने कहा कि हमने कश्मीर घाटी में बंद पड़े स्कूलों के सर्वे के लिए एक कमेटी का गठन किया है और उन्हें दोबारा खोला जाएगा। पिछले कुछ सालों में करीब 50 हजार मंदिर बंद हुए हैं। इनमें से कुछ नष्ट हो गए थे और मूर्तियां टूटी हुई हैं। हमने ऐसे मंदिरों के सर्वे का आदेश दिया है।
90 के दशक में हुआ अत्याचार
ज्ञात हो कि 90 के दशक में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का दौर शुरू हुआ था। तब घाटी से लाखों की संख्या में कश्मीरी पंडितों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा था। आतंकियों ने बड़े पैमाने पर कश्मीरी पंडितों का नरसंहार किया था। यहां के तमाम मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया था। पंडितों के पलायन के बाद घाटी में कई मंदिर बंद हो गए। इनमें कई मशहूर मंदिर भी हैं। शोपिया में भगवान विष्णु का मंदिर और पहलगाम में भगवान शिव के प्राचीन मंदिर भी बंद पड़े हैं।