छेनू और नासिर के बीच गैंगवार में मारे गए 35 लोग

-दोनों गैंग्स के बीच कई बार हो चुकी है भीषण गैंगवार
-दोनों गैंग्स के हैं दिल्ली के बड़े सरगनाओं के साथ संबंध

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
नासिर और छेनू गिरोह कितने खतरनाक हैं, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दोनों के बीच अब तक हुई गैंगवार में 35 लोगों की हत्या की जा चुकी है। दोनों गैंग्स के पास अपने-अपने खतरनाक शार्पशूटर हैं। दोनों ही गैंग के बदमाशों के खिलाफ हत्या, लूट, डकैती जैसे जघन्य अपराध दर्ज हैं। उत्तर पूर्वी दिल्ली, लोनी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दोनों गैंग्स का भारी दबदबा है। लेकिन दोनों ही गैंग्स के बीच साल 2011 से लगातार गैंगवार जारी है। खास बात है कि नासिर और छेनू पहलवान के खिलाफ पुलिस ने मकोका लगा रखा है।
यमुनापार के रहने वाले कुख्यात छेनू पहलवान व नासिर गिरोह फिलहाल दिल्ली पुलिस के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बने हुए हैं। दोनों गिरोहों में पहले कई बार दिनदहाड़े गैंगवार की घटनाएं होती आई हैं। छेनू गैंग को दिल्ली का सबसे खूंखार गैंग माना जाता है। यह गैंग दिल्ली के साथ लोनी गाजियाबाद इलाके में भी सक्रिय है।
बता दें कि आज का कुख्यात बदमाश नासिर साल 2004 में बिजनौर निवासी आरिफ के साथ मिलकर अवैध हथियारों की सप्लाई करता था। वह दिल्ली के बदमाशों को हथियार पहुंचाते थे। वर्ष 2010 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नासिर को 55 लाख की डकैती के मामले में गिरफ्तार किया। अपनी गिरफ्तारी के बाद नासिर ने कुख्यात बदमाश हाशिम बाबा से हाथ मिला लिया था। हाशिम की पहले से ही अकील मामा और छेनू गिरोह के साथ रंजिश चल रही थी। छेनू कुख्यात बदमाश हाजी अफजाल और कमाल का चचेरा भाई है।
यही कारण है कि नासिर भी छेनू गैंग का विरोधी हो गया और यहीं से दोनों गिरोहों के बीच गैंगवार शुरू हो गई। छेनू अपने गैंग का बड़ा शार्प शूटर माना जाता है। पुलिस के मुताबिक नासिर गैंग ने अपने विरोधी छेनू गैंग के बदमाश अकील उर्फ डॉन को ठिकाने लगाने के लिए इतना फूलप्रूफ प्लान बनाया था कि उसका बच पाना नामुमकिन था। डॉन को ठिकाने लगाने के लिए नासिर गैंग ने पहले रेकी कर उसके बारे में पूरी जानकारी जुटाई थी। नासिर गैंग के बदमाशों ने 24 सितंबर 2012 को अकील उर्फ डॉन की जाफराबाद इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी थी।
नासिर गैंग के बदमाशों ने बुर्का पहनकर इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया था। मर्डर का यह सिलसिला यहीं पर नहीं रुका। नासिर ने अपने गैंग में शामिल बाकी साथियों के साथ मिलकर 14 नवंबर 2013 को अकील मामा की भी गोली मारकर हत्या कर दी थी। नासिर गैंग ने अपने साथियों के मर्डर का बदला लेने के लिए विरोधी गैंग के बदमाश अकील मामा के भाई जाहिद पर हमला किया था। लेकिन इस हमले में वह बच गया था। नासिर गैंग ने शक्ति नायडू गैंग की मदद से कड़कड़डूमा कोर्ट के अंदर छेनू पहलवान पर हमला कराया था। इस वारदात को नायडू गैंग के नाबालिगों ने अंजाम दिया था। इसमें दिल्ली पुलिस का एक हेड कॉन्स्टेबल शहीद हो गया था। नासिर गैंग के ब्लेडबाजों की दिल्ली की तिहाड़ जेल में भी तूती बोलती है।
अठावले की पार्टी में यूथ अध्यक्ष बना था नासिर
यमुनापार का बड़ा गैंगस्टर कहे जाने वाले अब्दुल नासिर पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 9 जुलाई 2019 को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम ऐक्ट) के तहत मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन इसकी खबर गैंग के पास 6 जुलाई को ही पहुंच गई थी। इसके चलते गिरोह के करीब दो दर्जन बदमाश अंडरग्राउंड हो गए। नासिर ने 18 जुलाई को केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले की रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) जॉइन कर ली थी।
आरपीआई में नासिर की एंट्री इमरान सैफी ने कराई थी। लेकिन मंगलवार 23 जुलाई 2019 की रात को वेलकम इलाके में इमरान सैफी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस के मुताबिक इमरान सैफी की हत्या में इरफान उर्फ छेनू पहलवान गिरोह का हाथ था। नासिर की गैंगस्टर इरफान उर्फ छेनू पहलवान के साथ 2011 में जंग शुरू हुई थी।
नासिर ने नायडू तो छेनू ने मिलाया बवानिया से हाथ
सीलमपुर पुलिस ने इरफान उर्फ छेनू पर 2015 में ही मकोका लगा दिया गया था। वह अभी तिहाड़ जेल में है। इस दौरान नासिर ने साउथ दिल्ली के गैंगस्टर शक्ति नायडू से हाथ मिला लिया था। तो छेनू ने खुद को दिल्ली का डॉन बताने वाले गैंगस्टर नीरज बवानिया के साथ करीबी बना रखी है। दोनों गैंग एक-दूसरे के खून के प्यासे हैं। हो गए।
नासिर 2019 में ही जमानत पर बाहर आया है और अपने लिए राजनीतिक जमीन तलाशने लगा था। इमरान शैफी ने आरपीआई से जुड़े अपने करीबी शकील सैफी के जरिए नासिर को 18 जुलाई 2019 को केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले की मौजूदगी में आरपीआई दिल्ली प्रदेश की युवा शाखा का मुखिया बनवा दिया था। खास बात है कि आरपीआई में उसने नासिर ठाकुर के नाम से एंट्री मारी थी।
50 करोड़ की प्रापर्टी का मालिक है नासिर
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच से जुड़े सूत्र बताते हैं कि नासिर के पास करीब 50 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी है। नासिर के गैंग में 25 से ज्यादा बदमाश काम कर रहे हैं। हालांकि पुलिस का कहना है कि गैंग के सभी बदमाशों की गिरफ्तारी की जाएगी और जरूरत पड़ी तो प्रॉपर्टी भी जब्त की जाएगी।
गिरफ्तार हो चुके कई बदमाश
नासिर मकोका में अपनी गिरफ्तारी के डर से भूमिगत चल रहा है। लेकिन उसके कई शार्पशूटर गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पिछले दिनों इस गिरोह के एक शार्पशूटर इबले हसन उर्फ दिलशाद को पुलिस ने शाहीन बाग इलाके से गिरफ्तार किया था। उस पर हत्या के चार मामले दर्ज हैं। वह मूलरूप से हापुड़ का रहने वाला है और जामिया नगर के अबुल फजल एनक्लेव में रहता था। वह बदमाश 14 जून 2019 को जेल से जमानत पर बाहर आया था।
नासिर गिरोह के बदमाशों का कृष्णा नगर, जाफराबाद, वेलकम, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, आंबेडकर नगर, सराय रोहिल्ला और मानसरोवर पार्क थाना क्षेत्रों में भारी आतंक है। खास बाद है कि दिलशाद पिछले समय से नासिर के साथ मिलकर यमुनापार में विवादित जमीन खरीदने लगा था।
छेनू गैंग का है बड़ा दबदबा
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इरफान उर्फ छेनू गैंग का दबदबा नासिर गैंग से ज्यादा है। वह खुद शार्पशूटर है लेकिन फिलहाल मकोका के आरोप में जेल में बंद है। पिछले दिनों नासिर गैंग के करीबी लोहा व्यापारी इमरान को छेनू गैंग के शार्पशूटर्स ने गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी। इसके बाद नासिर गैंग के ही दो बदमाशों वाजिद और आरिफ हुसैन की हत्या कर दी थी। इस डबल मर्डर में वॉन्टेड छेनू गैंग के बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से एक आरोपी बदमाश की पहचान शाहबाज कुरैशी उर्फ शब्बू (21) के रूप में हुई। उसके पास से पिस्टल और 4 कारतूस भी बरामद किए। वह छेनू गैंग का एक्टिव मेंबर है। इसी गैंग में उसका चाचा मुमताज भी शामिल है। पूछताछ में शाहबाज कुरैशी ने इस बात का खुलासा किया कि अपने चाचा की हत्या का बदला लेने के लिए नासिर गैंग के दो बदमाशों की हत्या की थी।
आरोपी ने खुलासा किया कि उसने अपने साथियों अनवर उर्फ हटेला, मुमताज, वसीम, रिजवान, शाहरूख, इमरान और राशिद के साथ मिलकर वाजिद और आरिफ हुसैन की गोली मारकर हत्या की थी। दोनों लोगों को 40 से अधिक गोलियां मारी गई थीं। शाहबाज ने बताया कि फरारी के दौरान, वह अपने गैंग के बाकी साथियों और परिवार वालों से फेसबुक, यूट्यूब, वाट्सऐप और फेसबुक मैसेंजर पर लगतार सक्रिय था।
पिछले दिनों उत्तरी जिला के स्पेशल स्टाफ ने छेनू पहलवान गिरोह के हथियार सप्लायर कमर अब्बास उर्फ कमरुल (29) को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोपी से चार पिस्टल व 18 कारतूस बरामद किए थे। इनमें नासिर गैंग के सदस्य हसन उर्फ सूफी उर्फ कलुआ की न्यू उस्मानपुर इलाके में हत्या में इस्तेमाल हथियार भी शामिल हैं।
कमर के रिश्ते के भाई अनवर उर्फ राजू उर्फ बेचैन ने न्यू उस्मानपुर इलाके में हसन की दो माह पूर्व गोली मारकर हत्या कर दी थी। वारदात के बाद अनवर व उसके साथी रिजवान ने कमर के घर पनाह ली थी। वारदात में इस्तेमाल हथियार भी कमर को सौंप दिए थे। न्यू उस्मानपुर में कलुआ की हत्या करने के बाद अनवर व रिजवान कमर के घर पर तीन-चार दिन रुके थे।