कागजों में बना डालीं 165 पुलिया… जमीन पर मिलीं केवल 35

-पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों की हेराफेरी का मामला
-यूपी की सीमा में जाकर पुलिया बना आए पूर्वी निगम के अधिकारी

टीम एटूजेड/ उत्तर पूर्वी दिल्ली
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों ने गोकलपुर विधानसभा क्षेत्र की अनियमित कालोनियों में 165 पुलिया बना डालीं। ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर नगर निगम से करोड़ों रूपये के बिल भी पास करा लिए। लेकिन जब मामला खुला तो ढूंढने पर भी बनाई गई पुलिया नहीं मिलीं। दरअसल दिल्ली सरकार के बाढ़ नियंत्रण एवं सिंचाई विभाग ने यह निर्माण कराया था। सनसनीखेज मामला खुलने पर जब पुलिया ढूंडी गईं तो केवल 35 ही मिलीं। इनमें से भी करीब 7-8 पुलिया नगर निगम के कार्यक्षेत्र में आती ही नहीं हैं। यह पुलिया उत्तर प्रदेश की सीमा में आती हैं।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के स्थायी समिति अध्यक्ष ने मामले की विजीलेंस जांच के आदेश दिए हैं। पहली नजर में दोषी पाए गए दो इंजीनयरों को हटा दिया गया है। क्वालिटी कंट्रोल और नॉर्थ जोन के चीफ इंजीनियर को मामले की अलग से जांच करने के आदेश जारी किए गए हैं। एएसटीएफ ने जब हर्ष विहार वार्ड सहित दूसरे इलाकों में बनवाई गई पुलियों की जांच की तो केवल 35 पुलिया ही पाई गईं। खास बात है कि ऐस 9 वर्क ऑर्डर पाए गए हैं, जिनके तहत बनवाई गई पुलिया एसटीएफ को अब भी नहीं मिली हैं।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों ने माना है कि पुलिया बनवाने के नाम पर घोटाला हुआ है। इंजीनियर इन चीफ विजय प्रकाश ने बताया कि निगम द्वारा अनिधिकृत कालोनियों में कोई काम नहीं कराया जाता। किसी काम का कोई भी बिल जमा कराने के लिए अधिकतम 6 महीने का समय होता है। जबकि इन कामों के सभी बिल कई साल बाद तक भुगतान के लिए निगम में जमा कराए गए।