विनोद सोलंकी बने दिल्ली जूडो काउंसिल के अध्यक्ष… 20 साल बाद हुए चुनाव

-कोर्ट में चल रहे मुकद्दमों की वजह से टलते रहे दिल्ली जूडो काउंसिल के चुनाव
-2022 से खेल मंत्रालय ने रद्द कर रखी है जूडो फेडरेशन आफ इंडिया की मान्यता

विजय कुमार/ नई दिल्ली, 31 अगस्त, 2022।
लगभग 20 सालों से अदालत में चल रहे आपसी झगडों की वजह से टलते आ रहे दिल्ली जूडो काउंसिल के चुनाव आखिर बीते रविवार को संपन्न हो ही गए। चुनावों में डीडी जूडो अकादमी के विनोद सोलंकी को अध्यक्ष बनाया गया है। ईस्ट दिल्ली जूडो अकादमी के विरेन्द्र वशिष्ठ को महासचिव व पालम के रामवीर सोलंकी को कोषाध्यक्ष चुना गया है। इनके अलावा चुनाव आयोजित करवाने में अहम भूमिका निभाने वाले बाबा गंगनाथ अकादमी मुनिरका के समुंदर टोकस को उपाध्यक्ष बनाया गया।
विनोद सोलंकी और समुंदर टोकस सीमा सुरक्षा बल में डीएसपी पद पर है। संगठन में रिषी पाल संयुक्त सचिव बनाया गया है। समुंदर टोकस ने बताया कि इस चुनाव प्रक्रिया में दिल्ली क्षेत्र के सभी जूडो क्लब व अकादमियों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि पिछले कई सालों से जूडो को लेकर कोई ना कोई विवाद कोर्ट में चल रहे थे। एक बैठक में सभी ने कोर्ट के मामलों को आपसी सहमति से समाप्त करने का फैसला किया। जिसके उपरांत सभी ने एकमत होकर कांउसिल के चुनाव करवाने का फैसला लिया।
हालांकि चुनावों में महिला जूडो खिलाडियों का शामिल होना ना के बराबर ही रहा। संगीता गुप्ता टेकी जूडो क्लब और नीना सैनी जेएलएफसी को सहसचिव व कार्यकारिणी के पद पर रखा गया है। इस बार के चुनावों में एक बात देखने को मिली कि जो भी पदाधिकारी बनाए गए हैं वह किसी ना किसी रूप में जूडो खेल से जुडे हुए हैं। इसमें खिलाडियों और अधिकारियों का बेहतरीन मिश्रण दिखाई देता है। हालांकि इसमें एक दो ऐसे पदाधिकारी भी है, जिनका एकमात्र काम पदों पर बनें रहना है।
जूडो फेडरेशन आफ इंडिया की मान्यता रद्द होने से परेशानी
मालूम हो कि जूडो फेडरेशन आफ इंडिया की भारत सरकार के खेल मंत्रालय ने इसी साल से मान्यता रदद कर रखी है। ऐसे में दिल्ली जूडो काउंसिल को इन चुनावों के बाद अपनी फेडरेशन से मान्यता मिलने में कितना समय लगेगा, यह कहा नहीं जा सकता। हां यह जरूर कहा जा सकता है कि दिल्ली जूडो काउंसिल के समस्त खिलाडियों और अधिकारियों ने खिलाडियों के बेहतर भविष्य को देखते हुए सभी ने अपने मतभेद भूलाकर एक मंच पर आने का अच्छा प्रयास किया। लेकिन पदों की लालसा रखने वाले लोग इस संगठन को कितने दिनों तक चलने देगें यह देखना होगा।