भाजपाः दक्षिणी दिल्ली सीट पर दावेदारी-एक दूसरे पर भारी

लोकसभा चुनाव के लिए धर्मवीर सिंह प्रबल दावेदार
रमेश बिधूड़ी, सांसद

टीम एटूजैड/नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव की आहट शुरू होते ही टिकट के दावेदारों में भी हलचल तेज हो गई है। एक ओर जहां वर्तमान सांसद केंद्र की भाजपा सरकार के कामों को लोगों तक पहुंचाने में जुटे हैं। दूसरी ओर वर्तमान सांसदों के टिकट कटने की उम्मीद में नए दावेदार भी अखाड़े में उतर आए हैं। दिल्ली की दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट इस मामले में ज्यादा चर्चा में है। बताया जा रहा है कि कुछ सांसदों के चुनाव क्षेत्र में यदि बदलाव किया जाता है तो इस सीट से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी खुद दावेदारी करने के मूड में हैं। इस

रामबीर सिंह बिधूड़ी

सीट से वर्तमान सांसद रमेश बिधूड़ी के साथ पिछले दिनों कई विवाद जुड़ने के बाद कई दूसरे दावेदार भी टिकट के मैदान में उतर आए हैं। इसके चलते चुनाव से पहले ही दावेदारों के बीच कांटे के टक्कर नजर आ रही है। हाल ही में दक्षिणी दिल्ली जिला में भी लंबे समय के बाद हुए फेरबदल से भी टिकट की दावेदारी और सिफारिशों का समीकरण गड़बड़ाता नजर आ रहा है। ज्यों ज्यों चुनावी मौसम नजदीक आ रहा है, त्यों त्यों टिकट के दावेदारों ने संघ से लेकर भाजपा के बड़े नेताओं के यहां अपनी दावेदारी के बारे में बताना शुरू कर दिया है।
इस सीट पर प्रबल दावेदारों में वर्तमान सांसद रमेश बिधूड़ी

धर्मवीर सिंह

के अलावा रामवीर सिंह बिधूड़ी और धर्मदेव सोलंकी को भी दावेदार माना जा रहा है। इनके अलावा टिकट के दावेदारों में गूजर समाज के ही धर्मवीर सिंह को मजबूत दावेदार बताया जा रहा है। धर्मवीर सिंह फिलहाल भाजपा के बूथ प्रबंधन के प्रदेश प्रमुख हैं। पिछले दिनों उनके नेतृत्व में दिल्ली भाजपा का पहला बूथ अध्यक्षों का सफल सम्मेलन आयोजित किया गया था। बाकी दावेदारों के मुकाबले धर्मवीर सिंह को युवा और सुलझा हुआ दावेदार माना जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी के साथ भी उनकी अच्छी ट्यूनिंग बताई जा रही है। पूर्व विधायक रामबीर सिंह बिधूड़ी और धर्मदेव सोलंकी भी इस सीट से लोकसभा चुनाव के लिए दावेदारी कर रहे हैं। खास बात है कि दक्षिणी दिल्ली जिला में हाल ही में उन्हीं

धर्मदेव सोलंकी

चंदन चौधरी को महामंत्री बनाया गया है, जिनके साथ पिछले दिनों सांसद रमेश बिधूड़ी के द्वारा बदसलूकी की खबरें सामने आई थीं। आने वाले दिनों में इनके अलावा भी टिकट के कई दावेदार सामने आ सकते हैं। खास बात है कि पार्टी नेताओं ने प्रदेश कार्यालय और जिला कार्यालयों में आकर आजीवन सहयोग निधि व सक्रिय सदस्यता जैसी औपचारिकताएं पूरा करना शुरू कर दिया है।