-6 में 2 मंत्री जेल में, 4 मंत्रियों के सहारे चल रही दिल्ली सरकार
जे.के. शुक्ला/ नई दिल्लीः 27 फरवरी, 2023।
उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के जेल जाने के बाद दिल्ली की आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party) की सरकार के लिए मुश्किलें और ज्यादा बढ़ गई हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में केजरीवाल मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है। मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि दिल्ली विधानसभा में बजट किसके द्वारा पेश किया जायेगा? कुल 7 सदस्यों वाली दिल्ली सरकार की कैबिनेट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के अलावा 6 अन्य मंत्री हैं।
सीएम (CM) केजरीवाल के पास कोई मंत्रालय नहीं है। बाकी के 6 मंत्रियों में से एक सत्येंद्र जैन (Satender Jain) पहले से तिहाड़ जेल में हैं। ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार कर रखा है। अब मनीष सिसोदिया के भी जेल चले जाने से सरकार की मुश्किलें और बढ़ने की आशंका है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गिरफ्तारी के बाद भी सत्येंद्र जैन को अभी तक उनके पद से नहीं हटाया है। वह सरकार में बिना विभाग के मंत्री बने हुए हैं।
जैन के जेल जाने के बाद उनके ज्यादातर मंत्रालय मनीष सिसोदिया को सौंपे गए थे। उसी के चलते सिसोदिया के पास इस वक्त 18 मंत्रालयों का जिम्मा था। इनमें फाइनैंस, पीडब्लूडी, पावर, वॉटर, हेल्थ, एजुकेशन, होम, विजिलेंस, प्लानिंग, सर्विसेज, टूरिज्म, अर्बन डिवेलपमेंट जैसे सरकार के ज्यादातर प्रमुख विभाग शामिल हैं। सिसोदिया के गिरफ्तार होने के बाद अब ये विभाग कौन संभालेगा, यह भी सबसे बड़ा सवाल है।
अभी पेश होना है दिल्ली का बजट
सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि दिल्ली सरकार का बजट कौन पेश करेगा? इस पर भी अब सरकार को जल्द से जल्द फैसला लेना पड़ेगा। क्योंकि अगर बजट तय समय पर पेश नहीं हुआ, तो सरकार के सामने तकनीकी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। वित्त मंत्री के रूप में बजट बनाने में अपनी व्यस्तता का हवाला देकर ही सिसोदिया ने पिछले हफ्ते सीबीआई से पूछताछ में शामिल होने के लिए कुछ दिन की मोहलत मांगी थी। उसी के बाद सीबीआई ने उन्हें एक हफ्ते का समय देकर रविवार को पूछताछ के लिए बुलाया था।
दिल्ली सरकार में अब केवल वह 4 मंत्री बचे हैं जिनके पास अन्य विभागों का जिम्मा है। इनमें सबसे अधिक 6 विभाग मंत्री कैलाश गहलोत के पास हैं। वह ट्रांसपोर्ट, रेवेन्यू, महिला एवं बाल विकास, सूचना एवं प्रौद्योगिकी जैसे मंत्रालयों का जिम्मा संभाले हुए हैं। मंत्री गोपाल राय के पास पर्यावरण, सामान्य प्रशासन और डिवेलपमेंट जैसे केवल तीन विभाग हैं। चूंकि वह आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश के संयोजक भी हैं, इसलिए उन्हें प्रशासनिक कामों में ज्यादा व्यस्त नहीं रखा गया है।
अन्य मंत्रियो में इमरान हुसैन के पास दो और राजकुमार आनंद के पास चार मंत्रालयों का जिम्मा है। यही कारण है कि सरकार चलाने के लिए अब सीएम अरविंद केजरीवाल को जल्द से जल्द या तो अपनी कैबिनेट में फेरबदल करना पड़ेगा या फिर मौजूदा 4 मंत्रियों को कुछ अन्य विभागों का जिम्मा सौंपना पड़ेगा। बताया जा रहा है कि स्वयं अरविंद केजरीवाल अपने पास कोई विभाग नहीं रखना चाहते हैं, ऐसे में किसी आने वाले दिनों में केजरीवाल सरकार में कुछ नये बदलाव देखने को मिल सकते हैं।