-MCD शिक्षकों की आवाज़ कुचलने के लिए किया गया कुलदीप खत्री का निलंबनः प्रवीण शंकर
-सोशल मीडिया पर समस्या लिखने व शिक्षक संघों पर प्रतिबंध लगाना तुगलकी फरमानः कपूर
एसएस ब्यूरो/नई दिल्ली 18 जनवरी।
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दिल्ली की शिक्षा मंत्री, महापौर और निगम के शिक्षा निदेशक की तिकड़ी पर दिल्ली नगर निगम (MCD) की शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने और निगम एडिड स्कूलों में हुई शिक्षकों की भर्ती में बड़े घोटाले का आरोप लगाया है। पार्टी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने मामले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो से कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के शासनकाल में दिल्ली नगर निगम का शिक्षा विभाग घोटालों का अड्डा बन गया है इसलिए दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को इसकी उच्च स्तरीय जांच का आदेश देना चाहिए।
नगर निगम के शिक्षा विभाग में घोटाले का सबसे बड़ा प्रमाण है कि अतिरिक्त आयुक्त शिक्षा एवं शिक्षा निदेशक दोनों पदों पर एक ही अधिकारी विकास त्रिपाठी नियुक्त हैं। जिसका नतीजा है कि कोई कितनी शिकायत कर ले पर सुनवाई नहीं होगी। दिल्ली नगर निगम ने दो दिन पूर्व शिक्षक नेता कुलदीप सिंह खत्री को निलंबित कर दिया है। कुलदीप सिंह दिल्ली की शिक्षा मंत्री, दिल्ली नगर निगम की महापौर एवं शिक्षा निदेशक की तिकड़ी द्वारा शिक्षा विभाग के विभिन्न फंडों, नियुक्तियों, आन लाइन ट्रांसफर पॉलिसी, निगम एडिड स्कूलों में भर्ती घोटाले के विरूद्ध आवाज उठा रहे थे।
दिल्ली भाजपा प्रवक्ता ने कहा गुरूवार को कहा कि शिक्षा विभाग में आज शायद ही कोई काम हो जिसमें घोटाले ना हो रहे हों पर सभी घोटाले सार्वजनिक होने के बाद भी कोई कार्रवाई करने वाला नही है। क्योंकि इन घोटालों को दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी, महापौर शैली ओबरॉय एवं नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त एवं शिक्षा निदेशक विकास त्रिपाठी की तिकड़ी का संरक्षण प्राप्त है। घोटालेबाजी को संरक्षण में यह तिकड़ी अब इतनी मज़बूत हो गई है कि घोटालों के विरूद्ध बोलने वाले शिक्षकों का स्थानांतरण से लेकर निलंबन तक कर रही है। शिक्षक नेता कुलदीप सिंह खत्री का निलंबन इसका प्रमाण है।
दिल्ली नगर निगम में घोटालों की शुरुआत फरवरी 2023 में आम आदमी पार्टी (AAP) के सत्ता में आते ही शुरू हो गई थी और इसमे आतिशी एवं शैली ओबरॉय के हथियार बने निगम के शिक्षा निदेशक विकास त्रिपाठी। शिक्षा मंत्री एवं महापौर को खुश करने के लिये शिक्षा निदेशक विकास त्रिपाठी ने गत फरवरी मार्च में दिल्ली सरकार के स्कूलों की तर्ज पर शिक्षकों की स्कूल मैनेजरों की नियुक्ति शुरू की फिर शिक्षकों को शिक्षा ड्यूटी से हटा कर स्कूल प्रशासनिक कमेटी एवं काउंसलर बना दिया।
प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि इसके बाद शिक्षा मंत्री एवं महापौर के स्कूल दौरे शुरू हुऐ जिनके बाद स्कूल प्रिंसीपल एवं शिक्षकों का मानसिक उत्पीड़न शुरू हुआ, विरोध करने पर ’ एक तुगलकी फरमान जारी करते हुए स्कूल शिक्षकों पर सोशल मीडिया पर अपनी समस्या लिखने का प्रतिबंध लगा दिया गया और शिक्षक संघों पर भी रोक लगा दी।’ फरवरी 2023 से लगातार एमसीडी स्कूलों में धांधली चल रही हैं, स्कूल बोय फंड, खेल फंड, छात्र अनुदान जो बैंक में जाना चाहिए, निशुल्क यूनीफॉर्म एवं पुस्तक वितरण कोई भी कार्य ठीक से नहीं हुआ। या तो फंड यूनीफॉर्म वगैरह पहुंचे ही नही हैं या फिर आधे अधूरे।
दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में 7.5 लाख बच्चे पढ़ते हैं पर बैक खाते में अनुदान केवल 4.75 लाख बच्चों तक ही पहुंचा है। इसके बावजूद शिक्षा विभाग की रिपोर्ट में सबको बांटा दिखाया गया है। इसके आलावा शिक्षा विभाग दो बार आन लाइन शिक्षक ट्रांसफर पॉलिसी लाया जिसमें दोनों बार धांधली की शिकायत हैं, जिन्हे उठाने पर विकास त्रिपाठी ने शिक्षक नेताओं को चेतावनी पत्र जारी करवा दिये।
दिल्ली भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली में नगर निगम से एडिड सहायता प्राप्त बहुत से स्कूल है और दक्षिण दिल्ली में ऐसे अनेक स्कूलों में शिक्षक भर्ती के नाम पर घोटाला हुआ है, भर्ती में भारी लेन देन हुआ है जो महापौर तक भी पहुंचा है। इसमें भी शिक्षा निदेशक विकास त्रिपाठी की भूमिका बताई जा रही है। दिल्ली नगर निगम एडिड स्कूलों में हुऐ शिक्षक भर्ती को रद्द कर घोटाले की एंटी करप्शन ब्यूरो से जांच आवश्यक है।