‘मोदी’ फिल्म का कलाकार… झेल रहा लॉकडाउन की मार

-बिलासपुर के होटल में फंसा ‘‘मोदी काका का गांव’’ का स्टार
-घर पर मां बीमार लेकिन बेटा सैकड़ों किलोमीटर दूर लाचार

टीम एटूजैड/ बिहासपुर (छत्तीसगढ़)
कोरोना वायरस की मार से बचाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार और राज्य सरकारें लोगों की मदद का लाख दावा कर रही हैं। लेकिन मजदूर हों या कलाकार, सब के सब लॉकडाउन की मार झेलने को मजबूर हैं। राज्य सरकारों के काम जमीन से ज्यादा ट्विटर और सोशल मीडिया पर ही दिखाई दे रहे हैं। जिलाधिकारी, पुलिस के आला अधिकारी और प्रदेशों के सचिवों-मुख्य सचिवों से लेकर मंत्रियों और मुख्यमंत्री तक सोशल मीडिया पर तो रोजाना के हालातों को लेकर सक्रिय हैं, लेकिन फिर भी देशभर के विभिन्न इलाकों में ऐसे हजारों लोग फंसे हुए हैं, जिनके पास न खाने को कुछ बचा है ओर नाही रहने के लिए कोई जगह है। यहां तक कि अपनी पहचान छुपाकर भीख मांगने की स्थिति में पहुंच गए हैं।
ऐसी ही एक कहानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन से प्रेरित फिल्म ‘मोदी काका का गांव’ के स्टार की है। बिहार के मधुबनी जिले के एक गांव के रहने वाले चंद्रमणि मिश्रा एक फिल्म कलाकार हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं और अब तक करीब 300 टीवी शो कर चुके हैं। क्राइम प्रट्रोल व सावधान इंडिया में आए दिन दिखाई देते रहते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली पर बनी फिल्म ‘मोदी काका का गांव’ में मुख्य भूमिका निभाई थी। यह फिल्म 9 महीने तक सेंसर बोर्ड के पास अटकी पड़ी रही। खुद प्रधानमंत्री मोदी की हरी झंडी के बाद ही इस फिल्म को मुंबई, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में रिलीज हुई थी।
चंद्रमणि मिश्रा शूटिंग के सिलसिले में छत्तीसगढ़ गए थे और फिलहाल 23 मार्च से छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में फंसे हुए हैं। बिहार में चंदमणि की मां की तबियत बहुत ज्यादा खराब है और उनका बेटा वहां से करीब 850 किलोमीटर दूर बिलासपुर (छत्तीसगढ़) में फंसा हुआ है। चंद्रमणि मिश्रा ने एटूजैड न्यूज को बताया कि वह शहर के एक होटल में फंसे हुए हैं, इतने दिनों से रहते खाते उनके पास पैसे भी खत्म हो गए हैं। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से मदद मांगी लेकिन अभी तक उन्हें कोई मदद नहीं मिली। इतने दिनों से शूटिंग बंद पड़ी है, इसकी वजह से पैसे आना बंद हो गया है। इस कलाकार के सामने मजबूरी यह है कि न तो वह लोगों से आर्थिक मदद मांग सकता है और ना ही सरकार के मुफ्त वाले राशन से अपना गुजारा कर सकता है। केंद्र और राज्य सरकार ने ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की है जो इन जैसे लोगों की मदद हो सके।
लॉकडाउन के साइट इफैक्ट्स का मारा यह कलाकार बीमारी के समय में अपनी मां के पास जाना चाहता है। लेकिन राज्य सरकार की ओर से ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की जा रही कि वह अपनी मां के पास पहुंच सके। चंद्रमणि मिश्रा ने बताया कि उन्होंने स्थानीय प्रशासन से मदद मांगी लेकिन कोई मदद नहीं मिल पाई। उन्होंने बताया कि वह दिल्ली के बिहार भवन में भी संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन किसी से कोई मदद नहीं मिल पा रही।