-आस्टेलियन मीडिया ने खड़ा किया विवाद
विजय कुमार/ नई दिल्ली,16 फरवरी, 2023।
दिल्ली के फीरोजशाह कोटला अरूण जेटली (Arun Jaitly) क्रिकेट स्टेडियम (Cricket Stadium) पर शुक्रवार 17 फरवरी से भारत (India) और आस्ट्रेलिया (Australia)के बीच खेला जाने वाला दूसरा टेस्ट मैच (Test Match) शुरू होने से पहले ही विवादों में फंस गया है। शुक्रवार को 4 टेस्ट मैचों की श्रंखला का दूसरा मुकाबला खेला जाएगा। लेकिन इससे पहले ही आस्टृलियन मीडिया ने विवाद खडा कर दिया है। उनका आरोप है कि उन्हें पिच की फोटो नहीं लेने दी जा रही है। जिस पिच पर शुक्रवार से मैच होना है उसको छुपाया जा रहा है। दरअसल स्टेडियम के ग्राउंडस्टाफ ने ऑस्ट्रेलियन मीडिया को पिच की फोटो लेने से मना कर दिया था। जिसकी वजह से यह विवाद खडा हो गया।
वैसे कोटला मैदान पर कुल 7 पिच बनी हुई हैं। इस बार सेंटर पिच पर नहीं, बल्कि तीसरे नंबर की पिच पर टेस्ट मैच मैच खेला जाएगा। यह आरपी मेहरा ब्लाक से तीसरे नंबर की पिच है। असल में टेस्ट श्रंखला की शुरूआत से ही, कोटला पिच की कड़ी निगरानी की जा रही है। शुक्रवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरा टेस्ट मैच शुरू हो रहा है। इससे पूर्व देशी ही नहीं, विदेशी मीडिया रिपोर्टरों ने भी पिच को पढ़ने की कोशिश की।
ऐसे में पिच को तैयार करने वाले एक स्टाफ ने तस्वीरें लेने के लिए रिपोर्टरों को कम से कम 30 मीटर की दूरी पर होने को कहा, ताकि विकेट के चारों तरफ बने घेरे से वह अंदर ना आ सकें। मगर जब रिपोर्टस नहीं मानें तो स्टाफ ने उनको सीमा रेखा से बाहर जाने को कहा तथा बताया गया कि वह इस तरह तस्वीर नहीं ले सकते।
वैसे जहां तक कोटला की पिच की बात है तो यहां भी फैसला स्पिनरों द्वारा ही किया जा सकता है। पिच में नमी नाम की चीज नजर नहीं आ रही। ऐसे में सूखी पिच पर गेंद का स्पिन होना स्वाभाविक है। वैसे भी यहां पर जिन चार टेस्ट मैचों में परिणाम निकला है, उनमें स्पिनरों की ही मुख्य भूमिका रही है। टीम इंडिया का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस मैदान पर पिछले 63 सालों से किला अभेद्य है। ऑस्ट्रेलिया 1959-60 में दोनों देशों के बीच यहां खेले गए पहले टेस्ट में कप्तान रिची बेनो की फिरकी की बदौलत जीता था।
कोटला पर खेले गए जिन चार टेस्ट मैचों में परिणाम निकला है। उनमें स्पिनरों ने 63 विकेट लिए। 1969-70 में खेले गए टेस्ट में भारत सात विकेट से जीता था, तब बिशन सिंह बेदी और इरापल्ली प्रसन्ना ने नौ-नौ विकेट लिए थे। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का पहला टेस्ट भी यहीं 1996 में खेला गया, जिसे भारत ने नयन मोंगिया की 152 रन की पारी की बदौलत सात विकेट से जीता। भारतीय स्पिनरों ने कुल 14 विकेट लिए, जिसमें नौ विकेट अनिल कुंबले के थे।
जबकि दोनों देशों के बीच यहां अंतिम टेस्ट मैच 2012-13 में खेला गया, जिसे भारत ने छह विकेट से जीता। यहां भारतीय स्पिनरों ने 17 विकेट लिए। रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा ने मिलकर सात-सात विकेट लिए। दोनों ने ही एक पारी में पांच-पांच विकेट भी चटकाए। यहां नाथन लियोन ने भी नौ विकेट लिए। उन्होंने पहली पारी में 94 रन देकर सात विकेट लिए थे।