-हर जिला कार्यालय पर नेताओं से होगी उम्मीदवारों के नाम पर रायशुमारी
-प्रभारी, अध्यक्ष, महामंत्री, मंडल अध्यक्ष व दूसरे नेताओं की ली जाएगी राय
-हर नेता को बायोडाटा पकड़ाने वालों के नामों पर नहीं होगा विचार!
हीरेन्द्र सिंह राठौड़ / नई दिल्ली
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को अपने उम्मीदवारों के नामों पर विचार करेगी। भाजपा के सभी 14 जिला संगठन कार्यालयों पर पार्टी के प्रमुख नेता दूसरे नेताओं से नाम मांगेंगे। पार्टी ने इस बार इसके लिए एक नया फॉर्मूला तैयार किया है। इसके तहत पार्टी के संबंधित नेताओं और पदाधिकारियों से राय लेने के साथ एक बॉक्स और रजिस्टर भी रखा जाएगा। जिसमें विधानसभा क्षेत्र के लिए सुझाए गए नामों को लिखा जाएगा।
बता दें कि 14 जिलों के लिए पार्टी के कुल 7 वरिष्ठ नेताओं को पर्यवेक्षक बनाया गया है। इनमें केन्द्रीय मन्त्री प्रकाश जावड़ेकर, नित्यानंद राय, अनिल जैन, श्याम जाजू, तरुण चुग, अरुण सिंह और हरदीप पूरी के नाम शामिल हैं। इनमें से हर नेता के जिम्मे एक लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले 10 विधानसभा क्षत्रों की जिम्मेदारी होगी।
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने बताया कि सभी जिलों के तहत आने वाली 5-5 विधानसभा सीटों के लिए जिला अनुसार पर्यवेक्षक तय किए गए हैं। यह पर्यवेक्षक विधानसभा क्षेत्र के प्रभारियों, मंडल अध्यक्षों, वर्तमान और पूर्व निगम पार्षदों के साथ ही जिला अध्यक्ष व दूसरे वरिष्ठ पदाधिकारियों से संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा करेंगे। हर विधानसभा क्षेत्र से संभावित उम्मीदवारों के तीन या चार नाम लिए जाएंगे। उनमें से नामों को अंतिम रूप दिया जा सकेगा।
सबको बायोडाटा बांटने वालों के नामों पर नहीं होगा विचार
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने बताया कि मंडल, विधानसभा क्षेत्र और जिलों से आने वाले नामों पर विचार किया जाएगा। जो लोग पार्टी में सभी नेताओं को अपना बायोडाटा पकड़ाते घूम रहे हैं, यदि उनका नाम जिला संगठन से नहीं आता है तो उनके नामों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। बता दें कि पिछले करीब एक महीने से प्रदेश भाजपा कार्यालय में उम्मीदवारी के लिए बायोडाटा पकड़ाने वालों की बाढ़ सी आई हुई है।
केंद्रीय नेतृत्व करेगा अंतिम निर्णय
मनोज तिवारी ने बताया कि पार्टी की ओर से निर्धारित पर्यवेक्षक बुधवार को उम्मीदवारों के नाम पर रायशुमारी करेंगे। लेकिन उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व द्वारा ही किया जाएगा। यह जरूरी नहीं होगा कि मंडल और जिला पदाधिकारियों की ओर से आए नामों में से ही किसी नाम को पार्टी का उम्मीदवार बनाए।
पहले भी होती रही है दिखावे की कवायद
गौरतलब है कि प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में पिछले चुनावों में भी इस तरह की दिखावे की कवायद होती रही है। अधिकतर बार ऐसा हुआ है कि पार्टी ने ऐसे उम्मीदवार दिए जिन्हें मंडल या जिला संगठन की ओर से भेजा ही नहीं गया। चर्चा है कि इस बार भी कुछ इसी तरह की कवायद की जा रही है ताकि संगठन के लोगों को मानसिक रूप से संतुष्ट किया जा सके।
दूसरे दलों से आए नेताओं को किया जाना है अडजस्ट
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में पिछले कुछ महीनों में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता शामिल हुए हैं। बताया जा रहा है कि कई नेता बीजेपी में इसी शर्त पर शामिल हुए हैं कि उन्हें पार्टी की ओर से विधानसभा चुनाव लड़ाया जाएगा। जबकि यदि संगठन में रायशुमारी होती है तो मंडल और जिलों की ओर से सामानयतः केवल पार्टी के पुराने नेताओं के नाम ही आएंगे। ऐसे में पार्टी की इस कवायद को केवल आईवॉश के तौर पर देखा जा रहा है। इस बारे में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि यदि दूसरे दलों से आए नेताओं को मजबूत माना जाता है तो उन्हें चुनाव में उतारा जा सकता है।
केजरीवाल के सामने नौसिखिया को उतारेगी बीजेपी
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने पत्रकारों के साथ हुई बातचीत में बताया कि पार्टी इस बार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने किसी गैर-राजनीतिक व्यक्ति को चुनाव मैदान में उतारने पर विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि इतने सारे मुद्दे हैं कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किसी आम आदमी का सामना नहीं कर पाएंगे। इस बार उन्हें चुनाव में भाजपा की ओर से उतारे गए किसी आम आदमी का सामना करना होगा।