दिल्ली का सियासी हाल-आमने सामने शीला और केजरीवाल
टीम एटूजैड/नई दिल्ली
दिल लगाने की तमन्ना के बीच आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने दिल्ली में पूर्ण राज्य के मुद्दे को ही सिरे से नकार दिया है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे को लेकर शीला दीक्षित को ही निशाने पर ले लिया है। एक ओर कांग्रेस के शीर्ष नेता दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का रास्ता निकाल रहे हैं, इसके लिए सीट बंटवारे के फार्मूले पर सहमति बनाने की कोशिश में हैं। दूसरी ओर आप मुखिया अरविंद केजरीवाल और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस प्रमुख शीला दीक्षित आमने-सामने की सियासी लड़ाई में आ गए हैं।
चुनावी मुद्दा नहीं पूर्ण राज्य
दिल्ली प्रदेश इकाई कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों के लिए दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे को चुनावी मुद्दा मानने से इंकार कर दिया है। पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित ने कहा है कि कांग्रेस राष्ट्रीय मसलों पर चुनाव लड़ेगी और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा के मुद्दे को प्रचार अभियान के समय नहीं उठाया जाएगा। गौरतलब है कि शीला दीक्षित आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के मूड में नहीं हैं। उन्होंने कांग्रेस आलाकमान को इस बारे में स्पष्ट रूप से कह दिया है कि यदि ‘‘आप’’ के साथ कोई चुनावी समझौता होता है तो प्रदेश कांग्रेस का कोई भी बड़ा नेता आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों का प्रचार करने नहीं जाएगा। लेकिन कांग्रेस नेतृत्व के ऊपर सहयोगी दलों का दबाव है कि लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली में केजरीवाल के साथ हाथ मिलाया जाए।
‘आप’ को पूर्ण राज्य का सहारा
आम आदमी पार्टी ने शीला दीक्षित के पूर्ण राज्य के मुद्दे को नकारे जाने जाने को आड़े हाथों लिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 70 सालों में कांग्रेस और भाजपा ने सिर्फ अपनी जेबे भरी हैं। इससे सिर्फ जनता का नुकसान हुआ। मुझसे लोग पूछते हैं कि शीला दीक्षित कैसे सरकार चलाती थीं। मैंने जवाब दिया कि उनके जैसी सरकार हम भी चला सकते हैं। लेकिन फिर हमें आम आदमी पार्टी बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। केजरीवाल ने कहा कि दूसरे राज्यों के एक मतदाता का एक वोट होता है। जबकि दिल्ली के मतदाताओं का वोट आधा होता है। दिल्ली के लोग केंद्र सरकार को हर साल डेढ़ लाख करोड़ रुपए का टैक्स देती है। इनमें से दिल्ली को केवल 325 करोड़ रुपए दिए जाते हैं। भाजपा और कांग्रेस को एक समान बताते हुए केजरीवाल ने कहा कि दोनों पार्टियों ने पिछले 70 साल में केवल भ्रष्टाचार किया और इस स्थिति को बदलने के लिए उन्हें आम आदमी पार्टी बनानी पड़ी।