-प्रदेश भाजपा नेताओं में उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया को लेकर भारी नाराजगी
-पूर्व विधायकों ने भी जताई थी बैठक में नाराजगी
टीम एटूजैड/नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया को लेकर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी से नाराज हैं। भाजपा नेताओं की नाराजगी इस बात को लेकर है कि तिवारी लोकसभा उम्मीदवारों के चयन को लेकर गंभीर नहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि मनोज तिवारी अपने भोजपुरी के फिल्म कलाकारों रविकिशन और निरहुआ को राजनीति में अडजस्ट करना चाहते हैं और उन्हीं के लिए गोटियां बिछाने में जुटे हैं। पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि तिवारी केवल अपने साथी कलाकारों को प्रोत्साहन के चक्कर में पार्टी के मूल कामकाज की जिम्मेदारी सही ढंग से नहीं निभा पा रहे हैं। वह चाहते हैं कि किसी तरह दोनों कलाकारों को दिल्ली से ही लोकसभा चुनाव लड़वा सकें। हालांकि पहले इन्हें उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ाने की कोशिश की जा रही है। बताया यह भी जा रहा है कि इसके लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के हाथ मिलाने का इंतजार किया जा रहा है। यदि दोनों धुर-विरोधी पार्टियां दिल्ली में हाथ मिला लेती हैं तो तिवारी चुनाव जिताने के लिए ग्लैमर के नाम पर रविकिशन और निरहुआ के नाम की पेशकश करेंगे। बताया यह भी जा रहा है कि इस विषय में मनोज तिवारी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा कर चुके हैं।
सक्रिय कार्यकर्ताओं में नाराजगी
लोकसभा चुनाव के लिए दावेदारी को लेकर प्रदेश भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी से खासे नाराज हैं। दरअसल पिछले दिनों लोकसभा चुनाव को लेकर मीडिया में 21 दावेदारों की जो सूची सामने आई है, सारा बवाल उसको लेकर है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि इस सूची में कई सीटों पर ऐसे नाम भी हैं जो वर्तमान सांसदों के लिए मददगार हैं। थोड़ी सी किंतु-परंतु के बाद केवल वर्तमान सांसदों का नाम ही उम्मीदवार के रूप में रह जाना है। पार्टी नेताओं की नाराजगी इस बात को लेकर है कि मनोज तिवारी ने कई लोगों को लोकसभा चुनाव के लिए उनका नाम आगे बढ़ाने का भरोसा दिलाया था। लेकिन जब मीडिया में यह सूची आई तो उसमें उनका नाम ही नहीं था।
पूर्व विधायकों ने सुनाई खरी-खोटी
बीते शुक्रवार का प्रदेश भाजपा कार्यालय में हुई चुनाव समिति की बैठक के बाद मनोज तिवारी ने पिछले शनिवार को ही नॉर्थ एवेन्यू के अपने आवास पर दिल्ली भाजपा के पूर्व विधायकों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में पूर्व विधायकों ने मनोज तिवारी के ऊपर जमकर अपनी भड़ास निकाली थी। बैठक में करीब 40 पूर्व एमएलए शामिल हुए थे। ज्यादातर का कहना था कि जब पहले ही उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए गए हैं तो फिर दिखावा करने के लिए बैठक क्यों बुलाई गई है। इसके चलते तिवारी को सफाई देनी पड़ी कि अभी किसी का नाम तय नहीं हुआ है। उन्हें यह कहकर मामला शांत करना पड़ा कि यदि कोई पूर्व विधायक लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अपना नाम देना चाहते हैं तो वह अब भी अपना नाम दे सकते हैं। प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में विचार किया जाएगा।
चुनाव समिति के अस्तित्व पर सवाल
बताया जा रहा है कि प्रदेश भाजपा की चुनाव समिति के ज्यादातर सदस्य अपने लिए टिकट मांग रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष, तीनों महासचिव और उपाध्यक्षों के साथ कई दूसरे नेता भी लोकसभा टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। प्रदेश भाजपा नेताओं की नाराजगी इसी बात को लेकर है कि जब चुनाव समिति के ज्यादातर लोग खुद ही टिकट की दावेदारी कर रहे हैं तो दूसरे नेताओं के नाम पर विचार कौन करेगा। कुछ नेताओं ने चुनाव समिति के अस्तित्व पर ही सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जब चुनाव समिति के नेता खुद ही दावेदार हैं तो पार्टी की चुनाव की तैयारियां कौन करवाएगा?
धंधा है पर मंदा है ये!
दरअसल रवि किशन और निरहुआ भले ही भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार हों, लेकिन यह धंधा बेहद मंदी के दौर से गुजर रहा है। यहां के कलाकारों को ज्यादा पैसा नहीं मिल पा रहा है। इसलिए वह अपनी पैठ राजनीति में बनाना चाहते हैं। मनोज तिवारी अपने आपको राजनीति में स्थापित कर चुके हैं, फिलहाल उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद हैं और प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष हैं। अब वह अपने पुराने सहयोगियों रवि किशन और निरहुआ को राजनीति में जमाना चाहते हैं। पिछले दिनों निरहुआ और रविकिशन का एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडिया में उनसे पूछा गया था कि वह हर जगह छाए रहते हैं, उन्हें खूब पैसा मिलता होगा? इसमें निरहुआ कहते हैं कि पगला गए हो का? यहां पैसा होता तो क्या मनोज भैया दिल्ली में होते?