जर्सी के भगवा रंग पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने जताई आपत्ति
टीम एटूजैड/नई दिल्ली- लंदन
आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 के महासंग्राम के बीच टीम इंडिया की जर्सी को लेकर भारत में बवाल खड़ा हो गया है। दूसरे देशों में भले ही यह आम बात हो लेकिन भारत में जर्सी के रंग को सियासी तूल दिया जा रहा है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने जर्सी के रंग के पीछे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का हाथ बताया है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार क्रिकेट में भी भगवा राजनीति को शामिल करने की कोशिश कर रही है। हालांकि भारत में बढ़ते विवाद पर खुद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल ने स्पष्टीकरण जारी किया है।
जर्सी के रंग में बदलाव की वजहः
आईसीसी का स्पष्टीकरणः
टीम इंडिया के लिए भगवा यानी नारंगी रंग के चयन पर आईसीसी ने कहा, ’बीसीसीआई को रंग के कई विकल्प दिए गए थे और उन्होंने वही चुना जो उन्हें जर्सी के रंग के साथ बेहतर लगा। यह इसलिए करना पड़ा क्योंकि इंग्लैंड की टीम भी भारत की तरह नीले रंग की ही जर्सी पहनती है। यह डिजाइन भारत की पुरानी टी-20 जर्सी से लिया गया है, जिसमें नारंगी रंग था।
आईसीसी के मुताबिक जर्सी को डिजाइन करने वाले डिजाइनर अमेरिका के हैं। उन्होंने कोई नया रंग का इस्तेमाल नहीं किया है। बल्कि जो पहले से ही मौजूद है उसी से जर्सी को बनाया है। जर्सी के डिजाइन के दौरान यह भी ध्यान में रखा गया कि क्रिकेट प्रेमियों को टीम इंडिया के खिलाड़ियों को पहचानने में कोई परेशानी न हो।
राजनीति में दखल से इनकार
बीसीसीआई के कार्यवाहक अक्ष्यक्ष सी के खन्ना ने जर्सी के रंग पर उठे विवाद पर कहा कि बोर्ड ने यह रंग तय किया है। टीम इंडिया इस जर्सी में इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले वर्ल्ड कप मुकाबले में उतरेगी। इस जर्सी को लेकर हो रही देश में राजनीति में बोर्ड किसी प्रकार का दखल नहीं देगा।
सपा-कांग्रेस का विरोधः
समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आसिम आजमी ने कहा कि इस फैसले के पीछे केंद्र सरकार का हाथ है। यह देश में बढ़ते भगवाकरण का हिस्सा है। मोदी जी पूरे देश का भगवाकरण करना चाहते हैं। एक मुसलमान वह था जिसने भारतीय तिरंगे को डिजाइन किया था। तिरंगे में अन्य रंग हैं, केवल नारंगी ही क्यों चुनें? यह बेहतर होगा कि उनकी जर्सी तिरंगे पर आधारित हो।
दूसरी ओर पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक नसीम खान ने कहा कि मोदी सरकार भगवा राजनीति कर रही है। जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है, तब से वह भगवा राजनीति कर रही हैं। तिरंगे का सम्मान किया जाना चाहिए और राष्ट्रीय सद्भाव को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
भाजपा-शिवसेना का समर्थन
पूरे मामले पर भाजपा नेता राम कदम ने कहा कि भगवा रंग को लेकर विपक्ष को क्या आपत्ति है। कभी भगवा आतंक का मुद्दा होता है तो कभी भगवा रंग का। खेल से इसे दूर रखना चाहिए। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नही है इसलिए यह रंगों की राजनीति कर रही हैं।
शिवसेना नेता गुलाबराव पाटिल ने भी सपा और कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि इंडियन जर्सी अगर भगवा होती है तो इस पर राजनीति क्यों। झंडे में भी भगवा रंग है क्या झंडे को लेकर भी आपत्ति है। हमने किसी को हरा पहनने से नहीं रोका तो भगवा को लेकर क्यों आपत्ति होती है।
द. अफ्रीका ने बदली जर्सी
आईसीसी नियमों के अनुसार मेजबान टीम को आईसीसी टूर्नामेंट में खेलते हुए अपनी जर्सी के रंग को बरकरार रखना होता है। भारत की जर्सी भी नीले रंग की है, ऐसे में भारत की जर्सी में यह बदलाव किया गया है। मेजबान इंग्लैंड नीली जर्सी में ही उतरेगा। मौजूदा विश्व कप में 2 जून को दक्षिण अफ्रीका ने बांग्लादेश के खिलाफ मैच में अपनी शर्ट बदली थी। उस मैच में अफ्रीकी खिलाड़ी हरे रंग की जगह पीले रंग की शर्ट में मैदान पर उतर थे।
10 टीमों के लिए रंगों का विकल्पः
आईसीसी टूर्नामेंट में दो टीमें एक दूसरे के खिलाफ एक ही रंग की जर्सी में नहीं खेल सकतीं। यही कारण है कि टीमों के पास एक वैकल्पिक रंग की जर्सी होती है। अफगानिस्तान की जर्सी का रंग नीला और वैकल्पिक रंग लाल है। ऑस्ट्रेलिया की जर्सी का रंग सुनहरा (गोल्ड) और वैकल्पिक रंग हरा। बांग्लादेश की जर्सी का रंग हरा और वैकल्पिक रंग लाल। इंग्लैंड की जर्सी का रंग हल्का नीला (इंग्लैंड के खिलाफ मैच में अन्य टीमें वैकल्पिक जर्सी के साथ खेल रही हैं। टीम इंडिया की जर्सी का रंग नीला और वैकल्पिक रंग नारंगी है। न्यूजीलैंड की जर्सी का रंग काला और वैकल्पिक रंग सिल्वर ग्रे। पाकिस्तान की जर्सी का रंग हरा और वैकल्पिक रंग लाइम (चूने जैसा रंग)। साउथ अफ्रीका की जर्सी का रंग हरा और वैकल्पिक रंग सुनहरा (गोल्ड)। श्रीलंका की जर्सी का रंग नीला और वैकल्पिक रंग पीला। वेस्टइंडीज की जर्सी का रंग मैरून (क्योंकि वेस्टइंडीज की टीम की जर्सी का रंग किसी भी टीम की जर्सी के रंग से नहीं मिलता इसलिए इस टीम ने वैकल्पिक रंग नहीं चुना है)।