अरब देशों में बैन है ‘मजहबी वायरस’ पैदा करने वाला तबलीगी जमात

-शीर्ष मुस्लिम देश ईरान में भी लगाई गई है तबलीगी जमात पर बंदिश
-सऊदी अरब में है सलफी मसलक मुसिलमों की बहुतायत
-तबलीगी जमात को नहीं मानते ईरान के शिया मुस्लिम

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
देशभर को कोराना के ‘मजहबी वायरसों’ को भेजकर तबाही का मंजर खड़ा करने वाले तबलीगी जमात को खुद अग्रणी मुस्लिम देश ही मान्यता नहीं देते। भले ही दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित तबलीगी जमात के मरकज से दुनिया के 150 देशों में इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए जमात के लोग आते-जाते हों। लेकिन जिस सऊदी अरब से इस्लाम की शुरुआत हुई, वहां यह तबलीगी जमात पूरी तरह से प्रतिबंधित है। खास बात है कि इस्लाम को मानने वाले बड़े देश ईरान में भी तबलीगी जमात के मुल्लाओं को इस्लाम के प्रचार-प्रसार की इजाजत नहीं है।
सऊदी अरब और ईरान सहित कई बड़े मुस्लिम देशों में तबलीगी जमात अपनी जगह नहीं बना पाया है। बता दें कि सऊदी अरब में सलफी मसलक (संप्रदाय) के मानने वाले लोग बहुतायत में हैं। वहां की ज्यादातर मस्जिदों के इमाम सलफी मसलक के हैं। जबकि तबलीगी जमात के मुस्लिम हनफी मसलक के हैं। इन्हीं लोगों की वजह से इस्लाम में धार्मिक और वैचारिक मतभेद हैं। यही कारण है कि सऊदी अरब में तबलीगी जमात पर पूरी तरह से बैन है। कारण है कि सलफी मसलक में इस्लाम के प्रचार-प्रसार की इस तरह का कोई विधान नहीं है।
खास बात है कि सऊदी अरब में मस्जिदों की सभी व्यवस्थाएं सरकार के पास हैं। वहां मस्जिदों को किसी को ठहरने के लिए होटल की तरह इस्तेमाल नहीं किया जाता। सऊदी अरब में मस्जिदों में इस तरह की भीड़ इकट्ठा करने पर भी प्रतिबंध है। जबकि इस्लाम की व्यवस्थाओं को तोड़कर तबलीगी जमात के लोग मस्जिदों में ही जाकर ठहरते हैं। यही कारण है कि सऊदी अरब अमीरात में तबलीगी जमात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है।
सऊदी अरब की तरह ही ईरान में भी तबलीगी जमात को एंट्री करने की इजाजत नहीं है। ईरान में शिया संप्रदाय के लोग बहुलता में हैं। शिया संप्रदाय तबलीगी जमात के कार्यकलापों को इस्लाम विरोधी मानता है। इसके चलते तबलीगी जमात और शिया संप्रदाय में बड़े वैचारिक मतभेद हैं। दूसरी ओर शिया संप्रदाय के धार्मिक क्रियाकलापों को तबलीगी जमात इस्लाम के खिलाफ बताता है। यही कारण है कि अपनी स्थापना के 93 साल बाद भी तबलीगी जमात ईरान में नहीं घुस पाया है। ईरान में तबलीगी जमात पर खुले तौर पर और चोरी-छिपे काम करने पर पूरी तरह से रोक है।
दिल्ली और लाहोर से काम कर रहा तबलीगी जमात
तबलीगी जमात दिल्ली के निजामुद्दीन के मरकज और पाकिस्तान में लाहौर के पास रायविंड के मरकज से दुनियाभर के करीब 150 देशों में जमात निकाल कर भेजता और बुलाता है। यहां से निकलने वाली 40 दिन और चार महीने वाली जमातें विदेश जाती हैं। कुछ मौलानाओं की जमातें गिने-चुने दिन के लिए निकलती हैं। उन्हें स्थानीय स्तर पर ही भेजा जाता है।