-मनजीत सिंह जीके पर लगाया गुरूद्वारा कमेटी की संपत्तियां बेचने का आरोप
-गुरू घर की संपत्तियों की सुरक्षा के लिए बचनबद्ध है मौजूदा टीमः एसजीपीसी
एसएस ब्यूरो/नई दिल्ली, 2 जून।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरमीत सिंह कालका और महासचिव जगदीप सिंह काहलों ने सोमवार को कहा कि कमेटी के पूर्व प्रधान परमजीत सिंह सरना और मनजीत सिंह जी.के. हमेशा दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी की छवि को नुक़सान पहुँचाने में लगे रहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मनजीत सिंह जी.के. के कार्यकाल के दौरान ही कमेटी की संपत्तियाँ बेची गईं।
सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कालका और काहलों ने बताया कि पिछले दो-तीन दिनों से परमजीत सिंह सरना और मनजीत सिंह जी.के. झूठे और भ्रामक बयान देकर संगत को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन संगत इनका सच जानती है।
उन्होंने बताया कि परमजीत सिंह सरना के समय यानी 2006 में छठा वेतन आयोग लागू हुआ था और यह भार मनजीत सिंह जी.के. के समय में आया। इनकी विफलताओं और गलतियों के कारण दिल्ली कमेटी को समस्याओं का सामना करना पड़ा। 2016 में सातवाँ वेतन आयोग लागू हुआ। मौजूदा तीन वर्षों में गुरुद्वारा कमेटी की टीम ने स्कूलों में वेतन और वेतन आयोग के बकाया भुगतान के लिए 114 करोड़ रुपये की सहायता दी है।
उन्होंने कहा कि अब भी ये लोग झूठा प्रचार करने से बाज नहीं आते। अदालतों में इनके वकीलों ने मांग की थी कि गुरु घर की संपत्तियाँ बेचकर भुगतान किया जाए, लेकिन अदालत से बाहर संगत को भ्रमित करने वाला प्रचार करते हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी ने अदालत में हलफनामा देकर बताया है कि दिल्ली के ऐतिहासिक गुरु घर, अन्य गुरु और संपत्तियाँ श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की संपत्तियाँ हैं और 1971 के अधिनियम के अनुसार कोई भी दुनियावी अदालत इन्हें बेच नहीं सकती। उन्होंने बताया कि 2 मई 2025 के आदेशों की समीक्षा के लिए उन्होंने अदालत में अपील दायर की है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मनजीत सिंह जी.के. के प्रधान होने के समय करोलबाग में कमेटी की संपत्ति बेची गई थी। मौजूदा टीम हर स्थिति में इन संपत्तियों की रक्षा करने के लिए वचनबद्ध है क्योंकि ये कौम और संगत की अमानत हैं।
उन्होंने कहा कि मनजीत सिंह जी.के. और परमजीत सिंह सरना जानबूझकर झूठा प्रचार करके संगत को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन संगत सच्चाई जानती है। उन्होंने कहा कि मनजीत सिंह जी.के. ने न केवल एक लाख कनाडाई डॉलर का घोटाला किया, बल्कि 10 लाख रुपये के फ्रॉड मामले में अब दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करके यह साबित कर दिया है कि उन्होंने घोटाला किया है।
उन्होंने कहा कि सारा सच संगत के सामने है और इनके द्वारा किए गए गलत कामों का खामियाज़ा मौजूदा प्रबंधन को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जहाँ हम अब तक 114 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुके हैं, वहीं आगे की तय तारीखों के अनुसार बाकी भुगतान भी संगत के सहयोग से करेंगे।