कर्नाटक का सियासी नाटकः
-99 का फेर… एचडी कुमारस्वामी सरकार हुई ढेर
-सरकार के पक्ष में 99 और विपक्ष में पड़े 104 वोट
हीरेन्द्र सिंह/बेंगलुरू
आखिर 14 माह बाद ही सही भाजपा अध्यक्ष और देश के गृहमंत्री अमित शाह का कर्नाटक में फिर से भाजपा सरकार बनाने का सपना साकार हो गया। करीब एक सप्ताह तक चले सियासी नाटक का पटाक्षेप हो गया। सदन में कुमारस्वामी सरकार विश्वास मत हासिल नहीं कर सकी। भाजपा के पक्ष में 105 वोट पड़े जबकि कुमारस्वामी के पक्ष में 99 वोट ही पड़ सके। कुमारस्वामी सरकार का सत्ता का आंकड़ा 9 वोट पीछे रह गया। सदन में 204 विधायक थे। बागी, निर्दलीय और बसपा विधायक सदन में नहीं आए। कुमारस्वामी सरकार लगभग 14 माह पुरानी थी। 23 मई 2018 को कुमारस्वामी कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे। इस तरह कर्नाटक में एक बार फिर भाजपा सरकार का उदय हुआ।
सत्ता के लिए एक हुए कांग्रेस-जेडीएस
बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर ने अलग अलग चुनाव लड़ा था। नतीजे आने के बाद जेडीएस और कांग्रेस ने सत्ता पर काबिज होने के लिए हाथ मिला लिया था। हालांकि भाजपा ने सबसे बड़ा दल होने के नाते सरकार बनाने कादावा पेश किया था। लेकिन भाजपा के बीएस येदियुरप्पा सदन में अपना बहुमत साबित नहीं कर पाए थे। भाजपा की सरकार बनाने की वह टीस अब कुमारस्वामी सरकार के गिरने के साथ खत्म हो गई।
16 विधायकों के इस्तीफे से शुरू हुआ संकट
कुमारस्वामी सरकार का संकट कांग्रेस के 13 और जेडीएस के तीन विधायकों के इस्तीफे के साथ शुरू हो गया था। दो निर्दलीय विधायकों आर शंकर और एच नागेश ने सरकार से समर्थनवापस ले लिया था। बाद में कांग्रेस अपने एक विधायक एस रामलिंगा रेड्डी को वापस लाने में कामयाब रही फिर भी सत्ता नहीं बचा सकी।