एसडीएमसी के लाभकारी परियोजना विभाग का मामला
टीम एटूजैड न्यूज/ नई दिल्ली
राजधानी के तीनों नगर निगमों में फैला भ्रष्टाचार जगजाहिर है। लेकिन दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में कमिश्नर के सिपहसालार अधिकारी अपने ही फैलाए भष्टाचार की खबरों को बाहर आने से रोकने में जुटे हैं। इसके लिए निगम के आला अधिकारी अपने पद के दुरूपयोग के साथ कानूनी परंपराओं का उल्लंघन करने से भी नहीं चूक रहे हैं। ताजा मामला दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के लाभकारी परियोजना विभाग यानी आरपी सेल से जुड़ा है। मामले में विभाग के जनसूचना अधिकारी ने दिंक्षणी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में पार्किंग से जुड़ी जानकारी चाहने वाले एक आरटीआई आवेदन को छोटी सी चूक पर आवेदक को वापस भेज दिया।
वापस भेजा मूल आवेदन
दरअसल एक आवेदक ने एसडीएमसी के साथ एनडीएमसी और ईडीएमसी से उसके अधिकार क्षेत्र में चल रहे वैध-अवैध पार्किंग और उसक बकाएदार ठेकेदारों की जानकारी हासिल करने के लिए आरटीआई दाखिल की थी। इसके साथ उन्होंने जनसूचना अधिकारी के नाम का पोस्टल ऑर्डर संलग्न किया था। लेकिन करीब 25 दिन बाद एसडीएमसी के के आरपी सेल के सहायक आयुक्त कार्यालय से यह आवेदन मूल रूप में इस जवाब के साथ पापस भेज दिया कि पोस्टल ऑर्डर कमिश्नर के नाम नहीं है।
एनडीएमसी और ईडीएमसी ने किया स्वीकार
आवेदक ने इसी आशय के आरटीआई आवेदन उत्तरी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम को भी भेजे थे। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आरपी सेल ने पीआईओ के नाम के पोस्टल ऑर्डर की रसीद जारी करते हुए आवेदक को जल्दी जानकारी देने की सूचना भेज दी। पूर्वी दिल्ली नगर निगम के आरपी सेल ने आरटीआई आवेदन को स्वीकार करते हुए आवेदक को फोन कर नया पोस्टल ऑर्डर आयुक्त, ईडीएमसी के नाम से दाखिल करने के लिए कहा और नया पोस्टल ऑर्डर उसी समय सीमा में जमा भी कर लिया।
सूचना मुहैया कराने में एसडीएमसी फेल
किसी भी तरह की सूचना मुहेया कराने में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आला अधिकारी पूरी तरह से फेल साबित हो रहा हैं। या यह कहना उचित रहेगा कि संबंधित अधिकारी खुद के फैलाए भ्रष्टाचार को दबाने में जुटे हैं और इसकी जानकारी बाहर नहीं आने देना चाहते। इसी आशय की जानकारी आवेदक ने पहले दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के निदेशक सूचना एवं प्रचार से मांगी थी। करीब एक सप्ताह की मशक्कत के बाद उन्होंने जानकारी मुहैया कराने से अपने हाथ खड़े कर दिए। उन्होंने बताया कि संबंधित अधिकारी कोई जानकारी नहीं देना चाहते। इसके बाद ही आवेदक ने यह आरटीआई लगाई थी।
अधिकारियों की नीयत पर उठे सवाल
उत्तरी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों ने बिना किसी परेशानी के आरटीआई आवेदन को स्वीकार कर लिया। लेकिन आरटीआई के मूल आवेदन पर आवेदक का मोबाइल नंबर होने के बावजूद दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आरपी सेल के अधिकारियों ने आवेदक से संपर्क करना उचित नहीं समझा। बल्कि उस आरटीआई आवेदन को ही वापस भेज दिया ताकि आवेदक परेशान होकर यह जानकारी हासिल करने से पीछे हट जाए। अधिकारियों की इस कार्यप्रणाली ने उनकी नीयत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर मांगी गई जानकारी में ऐसा क्या है जिसे अधिकारी छिपाना चाहते हैं? एक अधिकारी ने बताया कि खुद निगम आयुक्त पुनीत गोयल ने संबंधित अधिकारियों को इस तरह के आदेश जारी किए हैं कि वह भ्रष्टाचार की खबरों को बाहर नहीं आने दें।