केजरीवाल के चहेतों का काम- वक्फ बोर्ड में पदों की बंदरबांट!

-कांग्रेस ने लगाया दिल्ली वक्फ बोर्ड की नियुक्तियों में घोटाले का आरोप

टीम एटूजैड/नई दिल्ली
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार पर दिल्ली वक्फ बोर्ड में पदों की बंदरबांट का आरोप लगाया है। प्रदेष कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता जितेन्द्र कोचर, हरनाम सिंह व ओखला ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष परवेज आलम ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्लाह खान द्वारा बोर्ड में नियुक्तियों में अनियमितता, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का आरोप लगाया है। तीनों नेताओं की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड में 33 नियुक्तियों में भारी भ्रष्टाचार किया गया है। बोर्ड में नियुक्तियों की चयन प्रक्रिया में सभी मापदंडों को चेयरमैन ने अनदेखा किया है। चयनित उम्मीदवारों में उनके करीबी रिश्तेदार और आम आदमी पार्टी के नेताओं का एक बड़ा और गहरा भर्ती घोटाला शामिल है। कांग्रेस ने मामले की जांच की मांग की है।
कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि 26 फरवरी (मंगलवार) को, समाचार पत्रों में दिल्ली वक्फ बोर्ड में विभिन्न 33 पदों के लिए आवेदन मांगने के विज्ञापन छपवाए गए थे। विज्ञापन के तीसरे दिन (1 मार्च) और चौथे दिन (2 मार्च), रिक्त पदों के बारे में प्रसार को रोकने के लिए इतनी जल्द साक्षात्कार आयोजित किए गए थे, ताकि पात्र उम्मीदवारों की कम संख्या आये। ताकि चयन में अध्यक्ष और उनके करीबी सहयोगियों के लिए आसान हो जाए। यही नहीं, परिणाम 6 मार्च को घोषित किए गए थे, और उम्मीदवारों को जॉइन करने के लिए अगले दिन (7 मार्च) का समय दिया गया था। आरोप है कि यह जल्दबाजी इसलिए की गई ताकि योग्य उम्मीदवार चयन प्रक्रिया में षामिल नहीं हो सकें।
कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि संदिग्ध चयन समिति में अध्यक्ष के रिश्तेदारों, आम आदमी पार्टी के नेताओं और उनके व्यापारिक सहयोगियों से भरा हुआ। अपने स्वयं के रिश्तेदारों, और उनके पैतृक गांव (मेरठ में अगवानपुर और सटला) के लोगों की सुविधा के लिए, अध्यक्ष ने एक संदिग्ध चयन समिति का गठन किया, जिसमें उनके अपने बहनोई (इं. अमजद खान), पूर्व आम आदमी पार्टी के अल्पसंख्यक विंग के नेता (फिरोज अहमद) और प्रोफेसर रेहान सूरी, चेयरमैन के बड़े भाई वाक़िफुल्लाह के बिजनेस पार्टनर है। चयन पैनल के चार लोगों में से तीन चेयरमैन के रिश्तेदार और करीबी सहयोगी थे।
जितेन्द्र कुमार कोचर, हरनाम सिंह व परवेज आलम ने आरोप लगाया कि 33 उम्मीदवारों में से अध्यक्ष के कम से कम सात करीबी रिश्तेदार षामिल हैं। 1. कलीम अहमद खान, अध्यक्ष की मौसी का बेटा, 2. रफ़ीउशन खान चेयरमैन का भतीजा, 3. मसिउल्लाह खान चेयरमैन का चचेरा भाई, 4. हिदायतुल्ला खान अध्यक्ष का चचेरा भाई, 5. एमडी बिलाल खान उनकी बुआ का बेटा, 6. फ़िरोज़ आलम अध्यक्ष के निजी सचिव (जो कि विधायक के कार्यालय की देखभाल करते हैं और उन्होंने ओखला विधानसभा में जोगाबाई में मोहल्ला क्लिनिक के लिए अपने परिसर को किराए पर दिया है), 7. किफ़ायतुल्ला खान अध्यक्ष का चचेरा भाई (वेटिंग) में है। जिसके बारे में पता चला है कि उनकी नियुक्ति भी हो गई है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अमानतुल्ला खान के पहले कार्यकाल (2016) के दौरान वक्फ बोर्ड में की गई संदिग्ध नियुक्तियों के जांच सीबीआई के पास पहले ही लंबित है। 2016 के दौरान की गई सभी नियुक्तियों को उपराज्यपाल ने अवैध बताया था। कांग्रेस नेताओं ने अमानतुल्ला खान के इस्तीफे के साथ नई नियुक्तियों की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।