जेडीयू से प्रशांत किशोर व पवन वर्मा की छुट्टी

-अनुशासनहीनता के तहत की दोनों के खिलाफ कार्रवाई
-पार्टी महासचिव केसी त्यागी ने की आधिकारिक घोषणा

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और पवन वर्मा की जनता दल यूनाईटेड से छुट्टी कर दी गई है। जेडीयू के प्रधान महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी है। पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पार्टी का अनुशासन, पार्टी का निर्णय और पार्टी नेतृत्व के प्रति वफादारी ही दल का मूल मंत्र होता है। उन्होंने कहा कि पिछले कई महीनों से दल के अंदर पदाधिकारी रहते हुए प्रशांत किशोर ने कई विवादास्पद बयान दिए जो पार्टी के निर्णय के खिलाफ थे।
केसी त्यागी ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ किशोर ने अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। जो अपने आप में स्वेच्छाचारिता है। किशोर और ज्यादा नहीं गिरें, इसके लिए आवश्यक है कि वह पार्टी से मुक्त हों। उन्होंने आगे कहा कि पवन वर्मा दल में आए और उन्हें जितना सम्मान मिलना चाहिए था, उससे अधिक सम्मान राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने दिया। उनको दिए सम्मान को उन्होंने संजोने और पार्टी के प्रति समर्पित रहने की बजाय इसे पार्टी की मजबूरी समझा।
पार्टी अध्यक्ष को पत्र लिखकर उसे सार्वजनिक करना, उसमें निजी बातों का उल्लेख करना और उसे सार्वजनिक करना यह दिखाता है कि दल का अनुशासन उन्हें स्वीकार नहीं है। त्यागी ने आगे कहा कि जनता दल (यू) प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को तत्काल प्रभाव से प्राथमिक सदस्यता सहित अन्य सभी जिम्मेदारियों से मुक्त करता है।
नीतीश को कहा था झूठा
बता दें कि प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को झूठा कहा था। उन्होंने कहा कि अगर यह सच है तो उनके इस सच को कौन मानेगा कि वह अमित शाह के सुझाए गए शख्स को न कहने की हिम्मत कर सकते हैं। उन्होंने यह नीतीश कुमार के लिए यह भी लिखा था कि आपने मेरा रंग अपने जैसा बनाने की एक नाकाम कोशिश की है।
प्रशांत को बताया करॉना वायरस
नीतीश कुमार के साथ प्रशांत किशोर के विवाद में पार्टी के दूसरे नेता भी कूद पड़े थे। वरिष्ठ नेता अजय आलोक ने प्रशांत किशोर पर हमला बोलते हुए कहा था कि वे जहां जाना चाहते हैं, वहां जाएं। उन्हें भी इस करॉना वायरस के जाने से बड़ी खुशी होगी। इससे पहले भी अजय ने ट्वीट करके कहा था कि प्रशांत अपने कद को देखकर बात करें।