दिल्ली में मतदान से पूर्व ‘बुरके वाली वोटर’ पर सियासी बवाल

-असदुद्दीन ओवैसी ने जताई आपत्ति

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 24 मई।
राजधानी दिल्ली में शनिवार 25 मई को मतदान होना है, परंतु इससे पहले ही ‘बुरके वाली वोटर’ पर घमासान शुरू हो गया है। दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (Delhi BJP) के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली चुनाव आयोग (Election Commission) से मुलाकात करके मतदान के लिए आने वाली बुर्काधारी मतदाताओं के सही तरीके से वेरिफिकेशन की मांग की है। बीजेपी द्वारा मुस्लिम महिला मतदाताओं की पहचान की मांग उठाने से सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ है। अब इस मामले में एआईएमआईएम (AIMIM) मुखिया असदुद्दीन ओवैसी (Asduddin owaisi) ने कड़ी आपत्ति जताई है।
दिल्ली बीजेपी के एक प्रतिनिधमंडल में विधायक अजय महावर, जितेन्द्र महाजन और मोहन सिंह विष्ट, वकील नीरज गुप्ता ने चुनाव आयोग को एक ज्ञापन देते हुए निवेदन किया है कि वोटिंग वाले दिन जो भी बुर्का पहने हुए हो या फिर किसी ने मास्क लगाया हो, तो उनका पूरी तरह से चेहरा खुला होना चाहिए ताकि किसी भी तरह की गलत वोटिंग ना हो सके। इसके पीछे का कारण दिल्ली बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि दिल्ली के साथ पड़ोसी राज्य से किसी भी प्रकार का कोई फेड वोटिंग ना हो।
दूसरी ओर चुनाव आयोग ने भरोसा दिलाया है कि इस मामले में कानूनी तौर पर जो भी बेहतर विकल्प होगा उस पर वह काम करेंगे और कोशिश करेंगे कि किसी भी प्रकार की गलत वोटिंग को नहीं होने दिया जाये। दिल्ली बीजेपी द्वारा उठाए इस मामले पर एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी आपत्ति जताई हैं उन्होंने कहा कि बीजेपी बिना वजह से विवाद खड़ा कर रही है। उन्होंने अपने एक्स पर लिखा कि- “तेलंगाना में पिछले दिनों हुए लोकसभा चुनाव के मतदान के दौरान इनके (बीजेपी) उम्मीदवार ने मुस्लिम ख़्वातीन की सरेआम बेइज़्जती की और परेशान करने का काम किया। हर चुनाव में बीजेपी कोई न कोई बहाना ढूंढ कर मुस्लिम ख़्वातीन को परेशान करती है और निशाना बनाती है।”
असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा है कि- “परदा-नशीन औरतों को लेकर निर्वाचन सदन के साफ कवाईद और ज़ाबते हैं, चाहे वो बुर्के में हों या घूंघट में हों या मास्क में, बिना तस्दीक/जांच के किसी को भी वोट देने नहीं दिया जाता है तो फिर बीजेपी को ऐसी ख़ास मांग क्यों करनी पड़ी?” उन्होंने कहा कि बीजेपी का मकसद है कि बस मुस्लिम औरतों को निशाना बनाया जाए, उनको सताया जाए और उन्हें वोट देने में बाधा बनाया जाए।