-करोड़ों के बकायेदार ब्लैक लिस्ट ठेकेदारों ने अपने रिश्तेदारों के नाम से भरे टेंडर
-पार्किंग माफिया से मिलीभगत के चलते आरपी सेल के 4 लोगों पर गिरी गाज
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 18 अप्रैल, 2023।
दिल्ली नगर निगम (MCD) का भले ही पुनर्गठन हो गया, सत्ता भी बदल गई लेकिन पार्किंग माफिया (Parking Mafia) का राज ज्यों का त्यों कायम है। जिस पार्किंग माफिया की ओर नगर निगम की करोड़ों रूपये राशि बकाया है और ब्लैक लिस्टेड हैं उन्होंने अब अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम से नये पार्किंग ठेकों के लिए टेंडर भर दिये हैं। निगम के जो हालात इस समय बने हुए हैं, उनसे लगता है कि आने वाले वर्षों में भी इसके आर्थिक हालातों में कोई बदलाव नहीं होने वाला। हालांकि पार्किंग माफिया के साथ मिलीभगत के चलते आरपी सेल के 4 लोगों पर सस्पेंसन की गाज भी गिरी है।
ऐसे ठेकेदारों में सतेंद्र कुमार, संजय कुमार टेक्नोक्रेट प्रा.लि., आयुष पार्किंग सर्विसेज, संजय कुमार टेक्नोक्रेट प्रा.लि., संजय यादव, धीरेंद्र कुमार सिंह और राकेश तिवारी के नाम शामिल हैं। करोड़ों रूपये बकाया रहने और कई मामलों में कोर्ट के आदेश के बावजूद मासिक शुल्क की राशि जमा नहीं कराने की वजह से जब नगर निगम ने एक ठेकेदार धीरेंद्र कुमार को ब्लैक लिस्ट कर दिया तो उसने अपनी पत्नी के नाम से नये टेंडर भरवा दिये हैं।
बताया जा रहा है कि पार्किंग ठेकेदार सतेंद्र कुमार की ओर नगर निगम के पार्किंग साइट-बी 6, सफदरजंग एन्क्लेव के 31 लाख, 77 हजार, 792 रूपये, ग्रीन पार्क मार्केट पार्किंग साइट के 34 लाख, 44 हजार, 487 रूपये और डिफेंस कालोनी मार्केट (गोल गुंबद) के करीब 55 लाख रूपये बकाया हैं। इसी ग्रुप के ठेकेदार संजय कुमार टेक्नोक्रेट प्रा. लि. की ओर नगर निगम के गुप्ता मार्केट (साकेत क्लस्टर) के 1 करोड़, 83 लाख, 69 हजार, 456 रूपये व जसोला डिस्ट्रिक्ट सेंटर- लिविंग स्टाइल मॉल की पार्किंग साहट के करीब 70 लाख रूपये बकाया हैं।
इसी ग्रुप से जुड़े एक अन्य ठेकेदार कंपनी आयुष पार्किंग सर्विसेज की ओर नगर निगम के 4 लाख, 8 हजार, 45 रूपये बकाया हैं। इससे भी बड़ी बात है कि इस कंपनी को एक ब्लैक लिस्टेड पार्किंग ठेकेदार धीरेंद्र कुमार की भाभी चिंता देवी चलाती है। बता दें कि ठेकेदार धीरेंद्र कुमार की ओर डिफेंस कालोनी (गोल गुंबद) पार्किंग साइट के करीब 1 करोड़ 25 लाख रूपये और रोड नंबर- 44, पीतमपुरा पार्किंग साइट के करीब 1 करोड़़ 72 लाख रूपये बकाया हैं। इसी ठेकेदार धीरेंद्र कुमार को नगर निगम ने एक और यानी हौज खास गांव की पार्किंग के मासिक शुल्क की 1 करोड़, 27 लाख, 77 हजार, 98 रूपये की राशि जमा नहीं कराने के चलते अप्रैल 2022 में ब्लैक लिस्ट किया था।
नगर निगम में पार्किंग माफिया के दूसरे ग्रुप की ओर भी नगर निगम की करोड़ों रूपये की राशि बकाया है। इस ग्रुप में संजय यादव और राकेश तिवारी नाम के ठेकेदार शामिल हैं। बताया जा रहा है कि संजय यादव की ओर तिमारपुर ट्रक पार्किंग के मासिक शुल्क की करीब 5 करोड़ 22 लाख रूपये और पीवीआर प्रिया बसंत विहार पार्किंग की करीब 1 करोड़ 25 लाख रूपये की राशि बकाया है। इस ग्रुप के दूसरे ठेकेदार राकेश तिवारी की ओर जनकपुरी कोलंबस क्लस्टर पार्किंग साइट्स की करीब 2 करोड़ 25 लाख रूपये की राशि बकाया है।
6 नये पार्किंग साइट के लिए अलग अलग नामों से की भागीदारी
गौरतलब है कि अब इन लोगों ने दो नये नामों से पार्किंग प्रक्रिया में भागीदारी की है। चिंटू कुमार सिंह के नाम से इनफ्रंट ऑफ ओल्ड दिल्ली रेलवे स्टेशन और अंडर फ्लाईओवर मानसरोवर पार्क के लिए टेंडर भरा है। दूसरे आयुष पार्किंग सर्विसेज (चिंता देवी) के नाम से भागीरथ पैलेस, बैक साइड ऑफ स्कोप मीनार-डिस्ट्रिक्ट सेंटर लक्ष्मी नगर, एडजसेंट एरिया ऑफ कॉम्पिटेंट मारूति शोरूम गाजीपुर और इन फ्रंट ऑफ शांति मुकुंद हॉस्पिटल कड़कड़डूमा के लिए टेंडर भरा है। खास बात है कि टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और कभी भी यह पार्किंग साइट इन लोगों को दिये जा सकते हैं।
ठेकेदारों से बकाया की वसूली नहीं कर पा रहे निगम अधिकारी
दिल्ली नगर निगम में पार्किंग माफिया का राज लंबे समय से चला आ रहा है। 2 लाख और 5 लाख मासिक शुल्क वाले पार्किंग साइट्स की ओर करोड़ों रूपये बकाया हो जाते हैं और आरपी सेल के अधिकारी समय रहते उनसे बकाया राशि की वसूली नहीं कर पा रहे हैं। पार्किंग माफिया का जाल कुछ इस तरह से फैला है कि एक व्यक्ति के डिफाल्टर या ब्लैक लिस्ट हो जाने पर वह अपने किसी रिश्तेदार यानी कि अपने भाई, भतीजे, भाभी, नौकर या पत्नी के नाम से दूसरा ठेका ले लेता है। एक पता और एक ही पिता या फिर पति होने के बावजूद निगम अधिकारी उनकी पहचान करने की जरूरत नहीं समझते और अगली बार फिर से नगर निगम को करोड़ों का चुना लग जाता है।
सियासी तूल पकड़ चुका है पार्किंग माफिया का मामला
गौरतलब है कि धीरेंद्र कुमार सिंह के द्वारा दिल्ली नगर निगम के बकाये की करोड़ों रूपये की राशि का मामला पिछले दिनों सियासी तूल पकड़ चुका है। आम आदमी पार्टी के नगर निगम प्रभारी और विधायक दुर्गेश पाठक ने इस मामले को उठाते हुए उपराज्यपाल से जांच की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि पार्किंग माफिया अपने भाई, भतीजों, भाभी, पत्नी और नौकरों के नाम से नई नई फर्म खोलकर पार्किंग के ठेके लेता है और फिर जनता से करोड़ों रूपये वसूल कर बैठ जाता है।