-कमिश्नर पर लापरवाही का आरोप, मुश्किल में निगम के डॉक्टर्स
-आयुष निदेशक पर गिरी शीर्ष अधिकारियों के गुस्से की गाज
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
भारी आलोचनाएं झेलने के बाद आखिर उत्तरी दिल्ली नगर निगम में आयुष के अस्पतालों को खोलने का ऐलान कर दिया गया है। लेकिन निगम के शीर्ष अधिकारियों की लापरवाही के चलते इन अस्पतालों में डॉक्टर्स का पहुंचना मुहाल हो गया है। निगम के आयुष के अस्प्तालों में अब डॉक्टर्स की कमी की नई समस्या खड़ी हो गई है। खास बात है कि एनसीआर क्षेत्र में रहने वाले उत्तर प्रदेश और हरियाणा के इलाकों से डॉक्टर्स निगम के अस्पतालों में ड्यूटी पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसके चलते सभी आयुर्वेदिक अस्पतालों, पंचकर्म अस्पतालों और डिस्पेंसरीज को पूरी क्षमता में खोल पाना संभव नहीं हो पा रहा है।
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बता दें कि दिल्ली के तीनों निगमों में काम करने वाले करीब 50 फीसदी अधिकारी और कर्मचारी दिल्ली से बाहर एनसीआर के अलग अलग इलाकों में रहते हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों ने दिल्ली बॉर्डर पर सख्ती कर दी है और बिना पास के किसी को आने-जाने नहीं दिया जा रहा। इसकी वजह से आयुष विभाग के डॉक्टर्स, फार्मासिस्ट और विभाग के दूसरे कर्मियों ने ड्यूटी पर पहुंचने से हाथ खड़े कर दिए हैं।
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समस्या का समधान निकालने के लिए अब आयुष विभाग के आला अधिकारियों का पूरा अमला जुट गया है। विभाग के ऐसे डॉक्टर्स और दूसरे कर्मियों की सूची तैयार की जा रही है, जो लोग दिल्ली से बाहर एनसीआर के इलाकों में रहते हैं। लेकिन उनकी समझ में भी यह बात नहीं आ रही कि गुरूग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और नोएडा में रहने वाले निगम के डॉक्टर्स को ड्यूटी पर कैसे बुलाया जाए।
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उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुष विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया कि यह समस्या एलोपैथी विभाग के डॉक्टर्स व दूसरे स्टॉफ और सफाईकर्मियों के साथ भी आ रही है। लेकिन निगम आयुक्त वर्षा जोशी ने इस मामले में समय रहते कोई कदम नहीं उठाए। इसके चलते अब आयुष विभाग के सामने अपने स्वास्थ्यकर्मियों को बॉर्डर पार कराने की समस्या खड़ी हो गई है। अधिकारी ने बताया कि आयुष विभाग में पहले ही डॉक्टर्स और दूसरे स्टाफ की कमी है। कुछ लोगों के दिल्ली बॉर्डर पार नहीं कर पाने की वजह से सभी अस्पताल और डिस्पेंसरीज को खोल पाना मुश्किल हो रहा है।
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गौरतलब है कि निगम के डॉक्टर्स और दूसरे कर्मियों को दिल्ली बॉर्डर पार करने में आ रही समस्याओं के बारे में निगम की डॉक्टर्स एसोसिएशन ने नॉर्थ डीएमसी के आला अधिकारियों को पहले ही बता दिया था। एसोसिएशन ने मांग की थी कि संबंधित अधिकारियों से बात करके इसका कोई स्थायी हल निकाला जाए। लेकिन उत्तरी दिल्ली निगम के आला अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे और समय रहते उचित कदम नहीं उठाए। इसका खामियाजा अब आयुष विभाग को भी भुगतना पड़ रहा है।
ट्रांसफर-पोस्टिंग पर बढ़ी नाराजगी
निगम आयुक्त की कार्यप्रणाली को लेकर उनके प्रति बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस नेताओं में नाराजगी बढ़ती जा रही है। निगम के नेताओं का कहना है कि आयुक्त निगम के काम में सुधार करने के बजाय अधिकारियों के ट्रांसफर में लगी हैं। पिछले कुछ दिनों में निगम आयुक्त ने थोक के भाव में अधिकारियों के ट्रांसफर किए हैं। निगम आयुक्त के इन निर्णयों को लेकर लॉकडाउन के बाद होने वाली बैठकों में भारी हंगामा होने के आसार हैं। सूत्रों का कहना है कि आयुक्त वर्षा जोशी किसी भी अधिकारी के बारे में धारणा बना लेती हैं उन्हें इधर से उधर करती रहती हैं। सत्ताधारी पार्टी के एक नेता ने कहा कि निगम आयुक्त नगर निगम के मूल अधिकारियों को परेशान करने में जुटी हैं। दूसरी ओर आईएएस लॉबी को बढ़ावा दे रही हैं। ताकि बाहर से प्रतिनियुक्ति पर नगर निगम में आने वाले अधिकारी मजे करते रहें। पिछले कुछ दिनों में उन्होंने ऐसे कई आईएएस अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार दिए हैं। जबकि वह अपना मूल काम ही सही ढंग से नहीं कर पा रहे हैं।
खबर छपी तो डायरेक्टर पर गिरी गाज
उत्तरी दिल्ली में शीर्ष अधिकारयों का अहम चरम पर है। एलोपैथी विभाग में डॉक्टर्स को ताश के पत्तों की तरह इधर से उधर फेंटने के बाद अब निगम अधिकारियों की गाज आयुष विभाग के निदेशक पर गिरी है। एटूजैड न्यूज ने गुरूवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुष विभाग के बंद पड़े अस्पतालों पर खबर प्रकाशित की थी। नॉर्थ डीएमसी के पांच पंचकर्म और दो आयुर्वेदिक अस्पतालों के साथ करीब छह दर्जन डिस्पेंसरीज के बंद पड़े होने पर खबर चलाने के बाद निगम अधिकारी हरकत में आए।
निगम के आला अधिकारियों ने आनन फानन में आयुष विभाग के अस्पतालों और डिस्पेंसरीज को खोलने के आदेश जारी कर दिए। लेकिन आला अधिकारियों की नाराजगी की गाज निदेशक डॉक्टर चंद्रकेतु पर गिरी है। उन्हें निदेशक पद से हटाकर आरएमएस बनाया गया है। उनकी जगह डॉक्टर राज मान को उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुष विभाग के निदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
डायरेक्टर को हटाना गलत, पहले करनी चाहिए थी व्यवस्थाः महापौर
उत्तरी दिल्ली के महापौर अवतार सिंह ने निगम आयुक्त की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने आयुष विभाग के निदेशक डॉक्टर चंद्रकेतु को बिना किसी कारण के उनके पद से हटाए जाने को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स और दूसरे स्वास्थ्यकर्मियों को दिल्ली बॉर्डर पर आने-जाने में हो रही समस्या का समाधान पहले ही कर लिया जाना चाहिए था। यह निगम आयुक्त और संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी है। लॉकडाउन और दिल्ली बॉर्डर्स को सील किए हुए काफी समय गुजर चुका है। लेकिन निगम अधिकारियों ने अब तक जरूरी कदम नहीं उठाए।
तीनों निगमों में सबसे खराब हालतः अवस्थी
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता हरीश अवस्थी ने कहा कि दिल्ली के तीनों नगर निगमों में सबसे ज्यादा खराब हालत में उत्तरी दिल्ली नगर निगम ही है। आयुक्त वर्षा जोशी का काम करने का तरीका सही नहीं है, इसकी वजह से निगम खस्ताहाल होता जा रहा है। सत्ता में बैठे बीजेपी नेता स्थिति को संभाल नहीं पा रहे हैं। निगम आयुक्त को स्वास्थ्यकर्मियों के आने-जाने की समस्या का समधान पहले ही कर लेना चाहिए था। लेकिन निगम आयुक्त यहां के कर्मियों को उनके काम में सहयोग करने के बजाय उनके ट्रांसफर पोस्टिंग में लगी हुई हैं। निगम आयुक्त की इन्हीं हरकतों की वजह से पक्ष-विपक्ष के पार्षदों में भी भारी नाराजगी है। उन्होंने कहा कि खुद निगम आयुक्त की जिम्मेदारी थी कि वह पहले से स्वास्थ्यकर्मियों के बॉर्डर से आने-जाने की व्यवस्था करवातीं, लेकिन उन्होंने अपनी यह जिम्मेदारी नहीं निभाई। यदि वह दूसरे अधिकारियों का ट्रांसफर कर सकती हैं तो खुद विफल रहने पर तो उन्हें इस्तीफा देकर सरकारी नौकरी से सन्यास ले लेना चाहिए।
नहीं संभल रहा काम तो हमसे मदद लेंः पाठक
आम आदमी पार्टी के नेता और आप के नगर निगम के चुनाव प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि महामारी के समय लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं देना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पास दिलाने में बड़ी समस्या नहीं है। निगम आयुक्त यदि काम नहीं संभाल पा रही हैं तो हमसे मदद मांग सकती हैं। हम निगम की सेवाओं को सुचारू बनाने में मदद करने के लिए तैयार हैं।
शीर्ष अधिकारियों की चुप्पी
एटूजैड न्यूज ने खबर पर प्रतिक्रिया के लिए शीर्ष अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन अधिकारियों ने पहले की तरह चुप्पी साध रखी है। फोन नहीं उठाने पर निगम आयुक्त, एक अतिरिक्त आयुक्त और एक निदेशक स्तर के अधिकारी को मैसेज किया गया, लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। एटूजैड न्यूज को निगम आयुक्त, निदेशक पी एंड आई व संबंधित अधिकारियों की ओर से प्रतिक्रिया का इंतजार है।