पीएम मोदी के दरबार में पहुंचा नॉर्थ निगम के कोरोना वॉरियर्स की सेलरी का मामला

-नगर निगम डॉक्टर्स एसोसिएशन ने लिखा प्रधानमंत्री मोदी को खत
-निगम के कोरोना वॉरियर्स में निगम आयुक्त के प्रति बढ़ रहा गुस्सा

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कोरोना वॉरियर्स (डॉक्टर्स व स्वास्थ्यकर्मियों) की सेलरी का मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दरबार में पहुंच गया है। निगम के डॉक्टर्स और दूसरे स्वास्थ्यकर्मी बीते तीन महीनों से बिना वेतन काम करने को मजबूर हैं। दिल्ली म्यूनिसिपल डॉक्टर्स एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनके मामले में दखल देने की मांग की है। इन कोरोना वॉरियर्स ने उनका वेतन दिलाने के लिए पत्र में पांच दिन का समय दिया है। नाराज डॉक्टर्स और स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि एक ओर डॉक्टर्स को सेलरी नहीं मिल रही दूसरी ओर निगम आयुक्त लॉकडाउन के दौरान अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के जरिए अपने चहेतों को सैट करने में जुटी हैं।

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एसोसिएशन की ओर से गृहमंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्ष वर्धन, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, निगम आयुक्त और महापौर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र की प्रतियां भेजी गई हैं। डॉक्टर्स ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि तीन महीने से नगर निगम ने उन्हें वेतन नहीं दिया है। चौथे महीने और गुजर चुके हैं, लेकिन अभी तक निगम के आला अधिकारी उन्हें वेतन के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं।

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डॉक्टर्स एसोसिशन ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के डॉक्टर्स की आर्थिक हालत खस्ता हो चुकी है। उन्हें अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। इसलिए उन्हें बीते तीन महीने के वेतन का तुरंत भुगतान कराया जाए। खास बात है कि आर्थिक तौर पर सबसे ज्यादा कमजोर समझे जाने वाले पूर्वी दिल्ली नगर निगम में भी कर्मचारियों को समय से वेतन दिया जा रहा है।

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एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ आरआर गौतम ने कहा कि नगर निगम के डॉक्टर्स की आर्थिक हालत बिगड़ चुकी है। वह अपनी जान हथेली पर रखकर लॉकडाउन के दौरान अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। एसोसिएशन ने अभी कोई चेतावनी नहीं दी है। हालांकि बिना वेतन के ड्यूटी पर जुटे कोरोना वॉरियर्स में अपने वेतन को लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है।
तीन माह से नहीं मिला वेतन
उत्तरी दिल्ली नगर निगम अकेला ऐसा निगम है, जहां डॉक्टर्स व स्वास्थ्यकर्मियों के साथ दूसरे विभागों के अधिकारियों और कर्मियों को बीते तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। यहां केवल चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ही फरवरी महीने का वेतन दिया गया है। बाकी सभी कर्मियों का फरवरी, मार्च और अप्रैल माह का वेतन बकाया है। जबकि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में कर्मचारियों को नियमित तौर पर वेतन दिया जा रहा है। इसके चलते कोरोना महामारी के दौरान किसी भी दिन निगमकर्मियों का गुस्सा फूट सकता है।
निगम के पेंशनधारकों पर दोहरी मार
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पेंशनधारकों पर दोहरी मार पड़ रही है। निगम के रिटायर्ड कर्मचारियों को बीते तीन महीनों से पेंशन का भुगतान नहीं किया गया है। दूसरी ओर उनके बैंक खातों में बचत की रकम में से बैंकों ने टैक्स की राशि पेंशन आने से पहले ही काट ली है। ऐसे में पेंशनधारकों को तो और ज्यादा परेशानी हो रही है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम से सेवानिवृत एक पूर्व अधिकारी ने बताया कि निगम के पेंशनधारकों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। किसी भी दिन उत्तरी निगम के पूर्व कर्मचारी निगम आयुक्त के कार्यालय का घेराव कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग वर्तमान में सेवा में हैं, वह तो फिर भी अधिकारियों से मिलकर अपनी समस्या बता देते हैं, पूर्व कर्मचारियों को तो यह अधिकारी मिलने तक का समय भी नहीं दे रहे।