अब नहीं चुकाना होगा पुराना बकाया हाउस टैक्स

-दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ला रहा ‘आम माफी योजना’
-2016 से चुकाएं संपत्ति कर और हो जाएं बेफिक्र

टीम एटूजैड/नई दिल्ली
राजधानीवासियों के लिए अच्छी खबर है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार से बिजली और पानी मुफ्त मिलने की घोषणा के बाद भाजपा शासित नगर निगम के नेता भी सक्रिय हो गए हैं। दिल्ली वालों को अब अपना पुराना बकाया संपत्ति कर चुकाने से छूट मिलने वाली है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने घोषणा की है कि वह अपने कार्यक्षेत्र में रहने वालों को आम माफी योजना लाकर बकाया हाउस टैक्स में माफी देने जा रहा है। अब लोग एक शपथ पत्र देंगे और उन्हें केवल साल 2016 से ही संपत्ति कर देना होगा। निगम की यह योजना अनधिकृत कालोनियों में रहने वालों के लिए है।
अनधिकृत कॉलोनियों के करदाताओं पर फोकस
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की स्थाई समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता और नेता सदन कमलजीत सहरावत ने बताया कि हमारा निगम पिछले कुछ वर्षों से करदाताओं को राहत पहुंचाने के लिए आम माफी योजना लागू कर रहा है। इस योजना का उद्देश्य संपत्ति कर से अधिक ब्याज और जुर्माने की राशि से भयभीत करदाताओं को राहत प्रदान करना है। एक बार आम माफी योजना से लाभ उठाने के बाद करदाताओं का संपत्तिकर अद्यतन हो जाता है।
उन्होंने विभाग से कहा है कि अनिधिकृत कालोनियों, शहरी और ग्रामीण गांवों के करदाताओं को वित्त वर्ष 2016-17 तक राहत प्रदान करने के लिये अगली आम माफी योजना का जल्द प्रारूप तैयार किया जाये। उन्होंने यह भी कहा कि संपत्ति कर स्वीकार करते समय इन करदाताओं से अपने घर में रहने की स्व घोषमा भी मानी जाये ताकि करदाताओं की संख्या बढ़ाई जा सके। भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि अगले दो महीने के बाद लाई जाने वाली आम माफी योजना में अनधिकृत कॉलोंनियों के करदाताओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। अनधिकृत कॉलोनियों में निर्धन और मध्यम वर्ग के परिवार रहते हैं। ऐसे परिवारें को अपना घर बनाने में अपनी पूरी पूंजी खर्च करनी पड़ती है। कई बार ऐसे परिवार संपत्ति कर का भुगतान नहीं कर पाते लेकिन वे कर का भुगतान करने को इच्छुक होते हैं।
कमलजीत सहरावत ने कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों के करदाताओं के लिए आम माफी योजना लाने से उनकी जुर्माने और ब्याज की बड़ी रकम माफ हो जाएगी। इतना ही नहीं आम माफी योजना के अंतर्गत संपत्ति कर का भुगतान करने के बाद वे हर वर्ष अपने संपत्ति कर का नियमित रूप से भुगतान कर सकेंगे।
अगली आम माफी योजना में 31.03.2019 तक के रेटेबल वैल्यू मैथड से उन कर निर्धारित मामलों के करदाताओं को भी राहत दी सकती है जिनकी डिमांड बकाया है। संपत्ति कर के संकलन से दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के क्षेत्र में सुविधाओं को उन्नत बनाने का काम सुगम होता है।
आम आदमी पार्टी के आरोपों का दिया जवाब
स्थायी समिति अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी की ओर से नगर निगम के नेताओं के ऊपर लगाए गए आरोपों का जवाब भी दिया। उन्होंने कहा कि ऑडिट पैरा में कुछ परियोजनाओं में हुई देरी और उनकी लागत में बढ़ोतरी के लिए नगर निगम जिम्मेदार नहीं है। क्योंकि इसके लिए परियोजनाओं का क्षेत्र बढ़ता गया और जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीनीकरण मिशन से फंड नहीं मिला। उन्होंने कहा कि पुष्प विहार से रिंग रोड तक नाले को इसलिए कवर नहीं किया जा सका क्योंकि एनजीटी ने दिल्ली में नालों के ढकने पर रोक लगा दी थी।
इसके अलावा मोबाइल टावर लगाने के लिए प्रति टावर लगाने पर एक लाख रुपए का शुल्क यानि कुल शुल्क 10.13 करोड़ रुपए नहीं वसूले जाने पर उन्होंने कहा कि निगम ने इस राशि से कहीं अधिक राशि वसूली है। भूपेंद्र गुप्ता और कमलजीत सहरावत ने संपत्ति कर की 1177 करोड़ रुपए की बकाया राशि नहीं वसूले जाने की टिप्पणी पर कहा कि इसमें से डीडीए से 504 करोड़ रुपए बकाया हैं। इसके अलावा 2010 में दिल्ली सरकार द्वारा यह घोषणा करने से कर वसूली की गति धीमी हुए कि अनधिकृत कॉलोनियों में संपत्ति कर देय नहीं होगा। 31.03.2004 तक रेटेबल वैल्यू के तहत बकाया करों की वसूली हाई कोर्ट के फैसले के कारण रुकी रही। उन्होंने कहा कि संपत्ति कर का उल्लंघन करने वाले करदाताओं की संख्या 1,40,455 से कम होकर 92,456 हुए जो 2017-18 में और कम होकर 74,156 हो गई।