-हरियाणा व महाराष्ट्र में सोनिया और राहुल गांधी की कम रहीं रैलियां
-दोनों राज्यों के विधानसभा चुनाव में आक्रामक प्रचार से दूर रही कांग्रेस
टीम एटूजेड/नई दिल्ली
हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर मैदान में उतरने से पहले ही कांग्रेस ने शायद हार स्वीकार कर ली है। दानों राज्यों के चुनाव में इस बार कांगे्रस के प्रचार में पहले जैसी धार नहीं दिखाई दी। पार्टी के कई स्टार प्रचारक चुनाव से दूर रहे। यहां तक कि पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी भी प्रचार करते हुए दिखाई नहीं दीं। बता दें कि विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार 21 अक्टूबर को वोट डाले जाने हैं।
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी की ओर से दोनों राज्यों में कराए गए सर्वे में स्थिति ठीक नहीं आई है। इसकी वजह से पार्टी नेताओं में चुनाव प्रचार के प्रति पहले जैसा जोश दिखाई नहीं दिया। बता दें कि शुक्रवार 18 अक्टूबर को हरियाण के महेंद्र गंढ़ में होने वाली सोनिया गांधी की रैली अंतिम क्षणों में रद्द कर दी गई। दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व अघ्यक्ष राहुल गांधी ने भी पहले के मुकाबले बहुत कम चुनाव प्रचार किया।
प्रचार में नहीं दिखीं प्रियंका गांधीः
महाराष्ट्र और हरियाणा मेें विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी कहीं दिखाई नहीं पड़ीं। प्रियंका ज्यादातर समय उत्तर प्रदेश में संगठन में बदलाव में व्यस्त रहीं। एक कांग्रेसी नेता के मुताबिक पार्टी की स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल कई नेता चुनाव मैदान में दिखाई ही नहीं दिए। बड़े नताओं ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई इसलिए दोनों राज्यों में चुनाव प्रचार का पूरा भार स्थानीय नेताओं के ऊपर ही रहा।
मायूस कार्यकर्ताओं को नहीं मिला नेतृत्व का साथः
एक ओर जहां पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चुनाव प्रचार में ज्यादा समय नहीं दिया। दूसरी ओर राहुल गांधी ने भी पहले से कम रैलियां कीं। जबकि माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव में मिली हार से मायूस कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए कांग्रेस नेतृत्व कार्यकर्ताओं के बीच ज्यादा समय देगा। आक्रामक प्रचार की उम्मीद लगाए बैठे कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव में मायूसी ही हाथ लगी। बता दें कि दोनों राज्यों मंे विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए राजनीतिक दलों को लगभग 15 दिन का समय मिला था। दोनों ही राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। ऐसे में भाजपा ने जमकर प्रचार भी किया और आक्रामकता दिखाई।
पूर्व पीएम मनमोहन का सहाराः
दोनों राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कुछ हद तक मोर्चा संभाला। राहुल ने ने हरियाणा में दो और महाराष्ट्र में पांच जनसभाएं कीं। इसके साथ ही पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने मुंबई में प्रचार किया। बताया जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबियत खराब रही। इसकी वजह से उन्होंने चुनावी सभाओं में जाना कम कर दिया। लोकसभा चुनाव में प्रचार का पूरा मोर्चा तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संभाला था। उनकी मां सोनिया गांधी केवल रायबरेली नामांकन दाखिल करने ही गई थीं। इसके बाद केवल उन्होंने एक जनसभा ही की थी।