-स्ट्रीट वेंटर्स को पहचान पत्र जारी करने की सिफारिश
-तीन जोन में बांटकर मिलेगी लॉकडाउन में राहत
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
कोरोना के साथ लड़ाई में मोदी सरकार 15 अप्रैल से लॉकडाउन का दूसरा चरण शुरू करने पर विचार कर रही है। इस दौरान उद्योग मंत्रालय ने टेक्सटाइल, निर्माण, जेम्स एंड ज्वेलरी जैसे 15 बड़े औद्योगिक क्षेत्रों के लिए काम करने की छूट देने की सिफारिश की है। इसके साथ ही स्ट्रीट वेंडर्स को भी पहचानपत्र के साथ काम करने की मंजूरी देने की सिफारिश भी सरकार से की गई है। हालांकि लॉकडाउन बढ़ाने और इसमें कोई छूट दिए जाने या नहीं दिए जाने के बारे में अंतिम फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा लिया जाना है। लेकिन माना जा रहा है कि कोरोना के आंकड़ों के मुताबिक देश और राज्यों को अलग अलग जोन में बांटा जाएगा।
मोदी सरकार देश के इलाकों को राज्यों के बजाय कोरोना के संक्रमण के स्तर के हिसाब से रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटकर ढील दिए जाने संबंधी नियम तय करने जा रही है। कोरोना के ऑरेंज और ग्रीन जोन में सीमित समय के लिए बाजार खोले जा सकते हैं। सरकार की ओर से कहा गया है कि देश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने और लोगों की आमदनी शुरू करने के लिए उद्योगों में काम शुरू होना जरूरी है। लेकिन इस दौरान लोगों के बीच शारीरिक दूरी और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन आवश्यक होगा।
बता दें कि रेड जोन के तहत हॉटस्पॉट वाले जिले रहेंगे और वहां पहले की तरह सबकुछ बंद रखा जाएगा। ऑरेंज जोन में उन स्थानों को रखा जा रहा है जिन जिलों में नए मरीज नहीं आ रहे हैं और पुराने मरीज बेहद कम हो गए हैं। ग्रीन जोन में उन स्थानों को रखा जा रहा है जो जिले कोरोना संक्रमण से मुक्त हैं। ऐसे इलाकों में व्यापारिक और औद्योगिक गतिविधियों को शुरू किया जाएगा।
जानें कहां क्या छूट मिलेगी
रेड और ऑरेंज जोन में सभी होटल, रेस्तरां, लॉज, गेस्टहाउस और हॉस्पिटिलिटी की सेवाएं बंद रहेंगीं। रेड ओरेंज जोन में परिवहन व सार्वजनिक परिवहन सेवाएं भी पूरी तरह से बंद रहेंगीं। केवल ग्रीन जोन में हॉस्पिटेलिटी और लोकल परिवहन सेवाओं की छूट दी जाएगी। भारत से बाहर जाने के लिए विशेष और कमर्शियल उड़ानों की ही छूट दी जाएगी। इसके साथ ही चुनिंदा देशों के लिए उड़ान की सीमित छूट रहेगी। खास बात यह है कि केंद्र व राज्य सरकारें शराब की दुकानें खोलने और होम डिलीवरी जैसी सेवाएं देने पर विचार कर रही हैं। लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकारों को यह अधिकार देने का विचार किया जा रहा है कि वह किस जोन में शराब की दुकानें खोले रखना चाहती हैं। या फिर बंद रखना चाहती हैं।
लॉकडाउन में इन पर रहेगा पूर्ण प्रतिबंध
देशभर में लॉकडाउन के दौरान 15 अप्रैल के बाद भी कुछ स्थनों और गतिविधियों व सेवार पर पूर्ण प्रतिबंध की हिदायत दी गई है। गृह मंत्रालय की ओर से राज्य सरकारों को जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक सभी प्रकार के सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक और खेल संबंधी आयोजनों पर पाबंदी बनी रहेगी। इनके साथ ही सिनेमा हॉल, मॉल्स, पार्क, पर्यटन स्थल, धार्मिक स्थलों, क्लबों, जिम और शैक्षणिक संस्थानों के खुलने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
श्रम मंत्रालय से मांगा सुझाव
केंद्र की मोदी सरकार ने कहा है कि जिन कंपनियों को काम शुरू करने की इजाजत दी जा रही है, वहां का प्रबंधन अपने कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान काम पर आने के लिए कह सकता है। यदि कोई कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं आता है तो ऐसी स्थिति में बिना काम के दी जाने वाली सैलरी की जिम्मेदारी कंपनी मालिक या नियोक्ता पर नहीं होगी। मोदी सरकार ने इस संबंध में श्रम मंत्रालय से स्थिति को स्पष्ट करने के लिए कहा है।
बड़ी कंपनियों में 20-25 फीसदी कर्मचारी ही कर सकेंगे काम
सिफारिश के मुताबिक बड़ी कंपनियों में एक शिफ्ट में एक साथ केवल 20 से 25 फीसदी कर्मचारियों को ही काम करने छूट दी जाएगी। इसी तरह हाउसिंग और कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में काम करने की तभी छूट दी जाएगी, जब कंपनियों की ओर से मजदूरों को वहां रहने की व्यवस्था की जाएगी। कंस्ट्रक्शन साइट को सैनेटाइज कराने व स्वच्छता की पूरी जिम्मेदारी कॉन्ट्रैक्टर की रहेगी। बता दें कि सरकार ने इंडस्ट्री को संचालित करने की इजाजत देने के बारे में दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश निम्न प्रकार हैंः
1. इजाजत पाने वाले उद्योगों को निम्न शर्तों का पालन करना होगा
ए) संस्थान में कर्मचारियों के लिए सिंगल एंट्री पॉइंट की व्यवस्था करनी होगी।
बी) सोशल डिस्टेंसिंग और शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए पर्याप्त स्थान रखना होगा।
सी) कर्मचारियों को लाने-ले जाने के लिए अलग ट्रांसपोर्ट और फैक्ट्री परिसर में उनके रहने का इंतजाम करना होगा।
डी) पूरे औद्योगिक परिसर का बेहतर क्वालिटी के साथ सेनिटाइजेशन करना होगा।
ई) जिला और राज्य के अधिकारियों के द्वारा उद्योगों को चलाने की इजाजत देने के साथ जरूरी इंतजामों का निरीक्षण करन होगा।
2. उद्योगों को चलाने के लिए वाहनों और कर्मचारियों की आवाजाही में कोई परेशानी न हो, इसका ध्यान रखा जाएगा। कर्मचारियों और माल की आवाजाही पर निगरानी रखने वाला अमला गृह मंत्रालय के निर्देशों का पूरी तरह पालन करेगा। इस बारे में कई परेशानियां सामने आई हैं। गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि जिन उद्योगों को चालू करने की इजाजत दी गई है, उनके कर्मचारियों और माल को राज्य और स्थानीय प्रशासन द्वारा फ्री मूवमेंट दिया जाए।
3. सोशल डिस्टेंसिंग, शारीरिक दूरी और सैनेटाइजेशन की व्यवस्था वाली टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक मेन्यूफैक्चरिंग जैसा काम करने वाली बड़ी कंपनियों को सिंगल शिफ्ट में काम करने की इजाजत दी जा सकती है।
4. एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों और लघु उद्योगों को मिनिमम मैनपॉवर के साथ काम करने की इजाजत दी जाएगी। ऐसे उद्योगों का माल ले जाने का पास जारी करते समय संबंधित अधिकारी उसकी जांच कर सकेंगे और निर्यात की इजाजत दे सकेंगे।
5. सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग, व्यक्ति से व्यक्ति की दूरी और सुरक्षा के इंतजाम करने पर न्यूनतम कर्मचारियों के साथ निम्न उद्योगों को भी काम करने की इजाजत दी जा सकती हैः-
भारी इलेक्ट्रिकल आइटम जैसे ट्रांसफार्मर और सर्किट व्हीकल्स, ऑप्टिक फाइबर केबल सहित टेलीकॉम इक्विपमेंट और पुर्जे, कंप्रेसर और कंडेंसर यूनिट, स्टील और फेरस अलाय मिल, स्पिनिंग और जिनिंग मिल, पावर लूम, रक्षा और संबंधित उत्पाद बनाने वाले यूनिट, सीमेंट प्लांट (सीमेंट का उत्पादन एक निरंतर प्रक्रिया होती है और इसे तीन शिफ्ट में संचालित किया जाता है। इसे सुरक्षा सैनिटेशन और डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने पर अनुमति दी जा सकती है), लकड़ी का पल्प और कागज निर्माण इकाइयां (ऐसे स्थानों पर उत्पादन शुरू किया जा सकता है जहां कोरोना वायरस के मामले कम आए हों इसके लिए राज्य सरकारों के डाटा को आधार बनाया जा सकता है), उर्वरक प्लांट, पेंट और डाई उत्पादन की इकाइयां, सभी प्रकार के खाने-पीने की वस्तुएं, प्लास्टिक उत्पादन इकाइयां, बीज प्रोसेसिंग इकाइयां, ऑटो मोबाइल इकाइयां, रत्न और आभूषण निर्माण की इकाइयां (बड़े और संगठित क्षेत्र में)
सभी एसईजेड और विशेष आर्थिक जोन में उत्पादन की इजाजत रहेगी, लेकिन उन्हें सैनिटाइजेशन और डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा)।
6. निरंतर उत्पादन करने वाले उद्योग जैसे कि स्टील, पावर और माइनिंग को गृह मंत्रालय ने पहले ही लॉकडाउन से बाहर रखा है। ये उद्योग निरंतर काम करते रहेंगे।
7. सभी बड़े उद्योगों में शिफ्ट को इस तरह संचालित किया जाएगा कि उसकी शुरुआत और आखिर में एकदम भीड़ इकट्ठी ना हो।
8. हाउसिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर को काम करने की इजाजत दी जा सकती है, लेकिन इसके लिए उन्हें मजदूरों को साइट पर ही रहने का इंतजाम करना होगा। साथ ही ठेकेदार को सैनिटाइजेशन और डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा।
9. छोटे और बड़े सभी तरह के मालवाहक वाहनों को कहीं भी आने-जाने की छूट होगी। संबंधित अधिकारी इन्हें राज्य के अंदर या बाहर, एक शहर से दूसरे शहर तक जाने से नहीं रोकेंगे। ऐसे वाहन खाली हो या भरे इसके बारे में अधिकारी कोई सवाल नहीं करेंगे।
10. ऐसे सभी उद्योग जिन्हें संचालित करने की अनुमति दी गई है वह कामगारों को ड्यूटी पर बुला सकेंगे। अगर कोई मजदूर काम पर नहीं आता है, तो कंपनी या व्यक्ति उसे बिना काम के तनख्वाह देने के लिए बाध्य नहीं होगा। यह श्रम मंत्रालय की तरफ से स्पष्ट किया जाएगा।
11. फल और सब्जी विक्रेता जैसे सभी स्ट्रीट वेंडर्स को काम करने की इजाजत दी जाएगी, ताकि लोगों के घर तक सामान पहुंचाया जा सके और इस वर्ग के सामने आने वाली नकदी की समस्या दूर की जा सके।
12. चुनिंदा मरम्मत यूनिट को ऑपरेट करने की इजाजत होगी। इनमें छोटी इकाइयां जैसे मोबाइल , रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर, टेलीविजन, प्लंबिंग, चर्मकार, प्रेस वाले, इलेक्ट्रीशियन, ऑटोमोबाइल मैकेनिक, साइकिल रिपेयर मैकेनिक को काम करने की इजाजत दी जाएगी। इन लोगों को अपने साथ आईडी कार्ड रखना होगा और वे पहले से जहां काम कर रहे थे, उसी जगह पर काम करेंगे। इससे लोगों को लॉक डाउन के दौरान जरूरी सुविधाएं मिल पाएंगी और काम करने वालों के पास से भी नकदी की समस्या दूर होगी। इन सेवाओं से किसी प्रकार की भीड़ इकट्ठी नहीं होती है ,इसलिए इन्हें काम करने दिया जा सकता है। इस तरह की मरम्मत का काम करने वाली ई कॉमर्स सेवाओं को भी ऑपरेट करने की इजाजत दी जा सकती है।
13. रबरः रबर से बनी कई चीजें मेडिकल और हेल्थ केयर के साथ ही घरेलू कामों में इस्तेमाल होती हैं। लिहाजा, इनके उत्पादन को मंजूरी दी गई है। मैन्यूफैक्चिरिंग के दौरान सेफ्टी, सैनिटेशन और सोशल डिस्टेंसिंग के मापदंडों का पालन जरूरी होगा।
(ए) प्रेशर कुकर में इस्तेमाल की जाने वाली रबर (गास्केट्स) (बी) एलपीजी यानी घरेलू गैर में इस्तेमाल होना वाला होज पाइप (सी) सर्जिकल ग्लव्स
(डी) एड्हेसिव यानी चिपकाने वाली चीजें (ई) हॉस्पिटल में उपयोग की जाने वाली रबर शीट्स (एफ) मेडिकल सिलिकॉन (जी) फार्मास्युटिकल स्टॉपर्स (दवाएं सुरक्षित रखने में इस्तेमाल होते हैं) (एच) लेटेक्स गुड्स यानी रबर से बनी चीजें (आई) हॉस्पिटल्स में इस्तेमाल की जाने वाली ट्रॉलियों के रबर से बने पहिए (जे) एप्रॉन्स जो रबर कोटेड हों (के) फेस मास्क बनाने में इस्तेमाल होने वाले एड्हेसिव्स (एल) रबर के जूते और सेफ्टी शूज (एम) कैथेटर्स (एन) मेडिकल डिवाइसेज यानी उपकरण (ओ) आईव्ही ट्यूब्स (पी) एनेसथेसिया बैग्स (बेहोश करने के लिए डॉक्टर इस्तेमाल करते हैं) (क्यू) वेंटीलेटर बेलोस (वेंटीलेटर में उपयोग किए जाने वाले स्पेशल रबर बेल्ट) (आर) रबर स्टॉपर्स (मरीज को बॉटल लगाने में उपयोग होते हैं) (S) डेंटल सप्लाइज (रबर डैम्स, ग्लव्स, रबर थ्रेड और डेंटल बैंड्स)
14. लकड़ी या प्लाईवुड के वो जरूरी सामान जो फार्मा कंपनी और एफएमसीजी कंपनियां पैकेजिंग में इस्तेमाल करती है। इनके लिए राज्य की संबंधित संस्थाओं की मंजूरी भी जरूरी होगी।
15. कांच और मेटल इंडस्ट्रीज को कम से कम कर्मचारियों के साथ मैन्यूफैक्चिरिंग की मंजूरी। इनमें रिसाइक्लिंग प्रोसेस भी शामिल होगा।
16. बैंक और कस्टम डिजिटल डॉक्यूमेंट्स बॉन्ड्स के साथ स्वीकार कर सकेंगे। मूल दस्तावेज यानी ओरिजनल डॉक्यूमेंट्स लॉकडाउन खत्म होने के बाद पेश किए जा सकेंगे।
17. खेती यानी एग्रीकल्चर से जरूरी सभी गतिविधियों को मंजूरी। इनमें एग्रो कैमिकल (खाद या कीटनाशक आदि) प्रोडक्शन, डिस्ट्रब्यूशन और सेल (बिक्री) शामिल हैं।