‘आरसीईपी’ पर सोनिया-राहुल से डरी मोदी सरकार!

-रीजनल कांप्रिहेंसिव इकॉनमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट पर मोदी सरकार के यूटर्न का मामला
-दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सक्रिय हुई कांग्रेस, केंद्र सरकार पर लगाई आरोपों की झड़ी

संजीव अरोड़ा/नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस सक्रिय हो गई है। भाजपा और आम आदमी पार्टी के खिलाफ सड़कों पर उतरने के साथ ही प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने मोदी सरकार पर कांग्रेस के डर से आरसीईपी पर पीछे हटने की बात कही है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चौपड़ा ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी देश के करोड़ो किसानों, छोटे मझोले दुकानदारों, मजदूरों व लाखों घरेलू उद्योगों को भुखमरी की कगार पर पहुॅचाने वाले रीजनल कांप्रिहेंसिव इकॉनमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (आरसीईपी) रोकने का सारा श्रेय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी को जाता है। उन्होंने प्रभावी ढंग से न केवल देश के लोगों के पक्ष को रखा था बल्कि कांग्रेस ने इस जनविरोधी एग्रीमेन्ट को रोकने के लिए आर-पार की लडाई लड़ने का निर्णय ले लिया था। चोपड़ा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के आक्रामक रूख को देखकर मोदी सरकार डर गई और आरसीईपी पर पीछे हटना पड़ा।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में संवाददातां को संबोधित किया। इस मौके पर राष्ट्रीय प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि मोदी सरकार के समय में औद्योगिक वृद्धि अगस्त 2019 में सिकुड़कर मात्र 1.1 प्रतिशत रह गई है, जो 7 साल में सबसे कम है। मैन्यूफैक्चरिंग वृद्धि की दर भी गिरकर -1.2 प्रतिशत (नैगेटिव) के निचले स्तर पर आ गई है, जो अक्टूबर, 2014 के बाद सबसे कम है। कोर सेक्टर में वृद्धि पिछले चार सालों में सबसे कम है। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि अप्रैल 2012 के बाद कैपिटल गुड्स की वृद्धि -21 प्रतिशत (नैगेटिव) सबसे कम दर्ज की गई है, यानि । बिजली के सेक्टर में वृद्धि -0.9 प्रतिशत (नैगेटिव) है, जो फरवरी 2013 के बाद सबसे कम है।
8 लाख करोड़ पहुंचा एनपीएः
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि बैंकों का एनपीए 8,00,000 करोड़ रुपये हो गया है। क्योंकि भाजपा सरकार के पांच सालों के कार्यकाल में बैंकों से धोखाधड़ी के लगभग 25,000 मामले सामने आए हैं। जिनमें बैंकों को 1,74,255 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया। उन्होंने कहा कि बैकों के साथ धोखा देने वाले अपराधियों को दंड देने के बजाय भाजपा सरकार उनका बचाव कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने देश के नागरिकों का ‘पैसा लूटो और भाग जाओ’ का नया नियम बना लिया है।
ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू में दो लाख करोड़ की गिरावटः
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पत्रकारों को बताया कि देश में गंभीर वित्तीय संकट पैदा हो गया है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है कि साल 2019-20 में केंद्र सरकार के ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू में 2,00,000 करोड़ रुपये की गिरावट अनुमानित है। 2018-19 में भी ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू में 1,90,000 करोड़ रुपये की गिरावट हुई। उन्होंने कहा कि जीएसटी कलेक्शन का मासिक आंकड़ा 1,00,000 करोड़ रुपये तक भी नहीं पहुंच पा रहा। उन्होंने कहा इससे स्पष्ट होता है कि देश का साल 2019-20 में वित्तीय घाटा 4 प्रतिशत रहने वाला है। यदि 10,00,000 करोड़ रुपये के अनपेड बिल्स को भी गणना में ले लिया जाए, तो यह वित्तीय घाटा 8 प्रतिशत को पार कर जाएगा।
आरबीआई से निकासी पर सवालः
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक अराजकता की स्थिति बन गई है। क्योंकि भाजपा सरकार अब आरबीआई इमरजेंसी रिज़र्व को खाली करने से भी नहीं चूक रही, जिसे युद्ध या गंभीर वित्तीय संकटों, देश की रक्षा करने के लिए सुरक्षित रखा जाता है। अगस्त 2019 में आरबीआई ने भाजपा सरकार को 1,76,000 करोड़ रुपये दिए। इससे पहले 2014-15, 2015-16, 2016-17 और 2017-18 में भी आरबीआई द्वारा प्रतिवर्ष 2,13,000 करोड़ रुपये भाजपा सरकार को दिए गए। इस प्रकार भाजपा शासन के पांच सालों में अब तक कुल 3,89,000 करोड़ रुपये आरबीआई द्वारा भाजपा सरकार को भुगतान किया जा चुका।