-10 एल्डरमैन के बावजूद जोन (वार्ड समितियों) से बहुमत पाना हुआ मुश्किल
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 16 मई, 2023।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए दिल्ली नगर निगम (MCD) की स्टेंडिंग कमेटी (Standing Committee) पर कब्जे की चाबी हाथों में आते-आते अब दूर जाती दिख रही है। प्रदेश बीजेपी नेतृत्व आम आदमी पार्टी (AAP) से आये एक निगम पार्षद को नहीं रोक पाया और नरेला जोन बीजेपी के हाथों सेनिकलता हुआ दिखाई दे रहा है। दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद नियुक्तियों से संबंधित अधिकार दिल्ली सरकार के हाथों में आने के बाद सेंट्रल जोन भी बीजेपी के हाथों से निकलने जा रहा है। इसके बावजूद यदि सुप्रीम कोर्ट ने एल्डरमैन पार्षदों (Elder man Councilor) के मामले में यदि उपराज्यपाल (LG) यानी कि बीजेपी के पक्ष में दिया तो भी बीजेपी के लिए जोन (वार्ड समितियों) जरिये स्टेंडिंग कमेटी पर कब्जा कर पाना अब टेढ़ी खीर साबित होने जा रहा है, क्योंकि अब नरेला और सेंट्रल जोन में बीजेपी का खेल बिगड़ता नजर आ रहा है।
बता दें कि दिल्ली नगर निगम के लिए 250 वार्ड के लिए चुनाव होने के बाद 12 जोन में से बीजेपी केवल 4 जोन में बहुमत में है। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी सीधे तौर पर 8 जोन में बहुमत में थी। लेकिन उपराज्यपाल ने 10 एल्डरमैन पार्षदों को मनोनीत करके आम आदमी पार्टी का खेल खराब कर दिया था। उपराज्यपाल ने नरेला और सिविल लाइंस जोन में चार-चार और सेंट्रल जोन में दो एल्डरमैन पार्षद मनोनीत कर दिये थे। इसके बाद आप के एक निगम पार्षद विनोद सहरावत ने आप छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन कर ली थी। जिसकी वजह से बीजेपी नरेला और सिविल लाइंस जोन में भी बहुमत में आ गई थी।
सेंट्रल जोन में कुल 25 वार्ड हैं, इनमें से आम आदमी पार्टी के 13, बीजेपी के 10 और कांग्रेस के 2 निगम पार्षद चुनकर आये थे। बाद में उपराज्यपाल ने इस जोन में बीजपी के दो कार्यकर्ताओं को एल्डरमैन पार्षद मनोनीत कर दिया। इस तरह से यहां वोटों का आंकड़ा आप के पास 13, बीजेपी के पास 12 और कांग्रेस के पास 2 बन गया है। इसके पश्चात उपराज्यपाल ने कांग्रेस की एक निगम पार्षद को हज कमेटी में सदस्य मनोनीत कर दिया। बताया जारहा है कि यहां बीजपी और कांग्रेस के बीच यह सौदा हुआ था कि जोन के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन के पद कांग्रेस के पास रहेंगे और स्टेंडिंग कमेटी के लिए बीजेपी का एक सदस्य चुनकर जायेगा। इस तरह से बीजेपी के पास 13 में से 7 जोन पर कब्जे का आंकड़ा पूरा हो गया था।
नरेला जोन में बिगड़ा बीजेपी का खेल
आप पार्षद पवन सहरावत की बीजेपी छोडकर पौने तीन महीने में ही घर वापसी के बाद नरेला जोन में बीजेपी का खेल बिगड़ता नजर आ रहा है। 16 वार्ड में से यहां आप के 10 निगम पार्षद चुनकर आये थे। बीजेपी के पास यहां निर्दलीय जीते गजेंद्र दराल सहित कुल 6 पार्षद हैं। बीजेपी के पास यहां 4 एल्डरमैन निगम पार्षद हैं। जिसकी वजह से नरेला जोन में आप और बीजेपी के पास 10-10 वोट हैं। नरेला जोन में बीजेपी नगर निगम में अपनी सत्ता के पिछले 15 वर्षों में भी गच्चा खाती रही है। यदि अभी नरेला जोनके चुनाव कराये जाते हैं तो यहां बीजेपी को फिर से एक बार हार का सामना करना पड़ सकता है।
सेंट्रल जोन में बीजेपी को हो सकता है एससी के फैसल का नुकसान
बताया जा रहा है कि सेंट्रल जोन में बीजेपी को सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का नुकसान हो सकता है। इस फैसले के बाद नियुक्तियों और तबादलों से संबंधित अधिकार आप सरकार के पास आ गये हैं। मंगलवार को मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अपने इस विभाग की बैठक भी बुलाई है। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सरकार कांग्रेस की पार्षद नाजिया दानिश की नियुक्ति (मनोनयन) को निरस्त कर सकती है और किसी अन्य पार्षद या व्यक्ति को हज कमेटी में भेज सकती है। ऐसे में सेंट्रल जोन में बीजेपी के किसी पार्षद को स्टेंडिंग कमेटी में लाने का खेल बिगड़ सकता है और आम आदमी पार्टी अपना बर्चस्व बनाये रखने में सफल हो सकती है। यहां आप के पास अभी कुल 13 वोट हैं, बीजेपी के पास 12 (2 एल्डरमैन सहित) और कांग्रेस के पास 2 वोट हैं। यदि कांग्रेस मतदान से वॉकआउट भी कर जाती है तो भी रिजल्ट आप के पक्ष में ही जायेगा।