MAYOR ELECTION: पूरे एक साल के लिए होगा मेयर का चुनाव… नगर निगम में तैयारियां शुरू

-मेयर, डिप्टी मेयर के लिएइ 250 पार्षद, 10 सांसद और 14 विधायक डालेंगे वोट
-नये हाउस में होगे कुल 284 सदस्य, एल्डरमैन को नहीं होगा वोटिंग का अधिकार

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 16 दिसंबर, 2022।
तकनीकी आशंकाओं के बीच अब यह स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली नगर निगम की 6 जनवरी 2023 को होने जा रही सदन की पहली बैठक में होने वाला मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव पूरे एक साल के लिए होगा। जनवरी में बनने वाले दिल्ली के मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल महज तीन माह का नहीं बल्कि पूरे एक साल का होगा। उपराज्यपाल ने अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया है।
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 14 दिसंबर 2022 को ही मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव कराने की हरी झंडी दे दी है। उपराज्यपाल की ओर से मंजूरी किये गये प्रस्ताव में 6 जनवरी को होने वाली नगर निगम की आमसभा की बैठक को वर्ष की पहली बैठक कहा गया है। दिल्ली नगर निगम अधिनियम की धारा 35 की उपधारा (1) के मुताबिक ‘‘कॉरपोरेशन वर्ष की पहली बैठक में चुने गये पार्षदों में से किसी एक को अपना चेयर पर्सन चुनेगी जिसे मेयर के नाम से जाना जाता है और एक और सदस्य को डिप्टी मेयर के रूप में चुना जायेगा।’’ इसी आदेश के मुताबिक हर वर्ष सदन की पहली बैठक में मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव की प्रक्रिया को पूरा किया जाता है।
राजधानी के सियासी अखाड़े में अब तक दिल्ली नगर निगम अधिनियम की नियमावली की विभिन्न प्रकार से व्याख्या की जा रही थी। माना जा रहा था कि दिल्ली के पहले मेयर का कार्यकाल 3 माह और आखिरी मेयर का कार्यकाल 9 माह का रहेगा। लेकिन उपराज्यपाल की ओर से जिस फाइल को हरी झंडी दी गई है, उसमें अप्रैल माह अथवा जनवरी माह का कोई जिक्र नहीं किया गया है। इसमें केवल वर्ष और पहली आम सभा यानी कि बैठक का जिक्र किया गया है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल पूरे एक साल का ही रहेगा और अगले मेयर का चुनाव जनवरी 2024 में होगा।
284 सदस्यों वाला होगा नगर निगम का हाउस, चुनाव में 274 सदस्य ही डाल सकेंगे अपना वोट
दिल्ली नगर निगम का नया सदन (हाउस) 284 सदस्यों वाला होगा। उपराज्यपाल की ओर से निगम सचिव को भेजी गई फाइल में नगर निगम के कुल सदस्यों का व्यौरा भी तय किया गया है। नियमानुसार दिल्ली के चुने हुए 250 निगम पार्षदों के साथ दिल्ली के 7 लोकसभा सांसद और 3 राज्य सभा सांसद, दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष की ओर से मनोनीत किये गये 14 विधायक और दिल्ली के एडमिनिस्ट्रेटर यानी उपराज्यपा की ओर से मनोनीत किये गये 10 एल्डरमैन पार्षदों सहित कुल 284 सदस्य होंगे। लेकिन 10 एल्डरमैन पार्षदों को मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव में वोट डालने का अधिकार नहीं होगा।