-तस्कर ने खोले राजः एसएचओ को रिश्वत देकर गोदाम से बॉर्डर तक पार कराई शराब
-सोनीपत के दो थानाध्यक्ष सस्पेंड, पुलिस द्वारा सील शराब को पुलिस से मिलकर बेचा
-पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थन तक फैला तस्करी का जाल
टीम एटूजैड/ सोनीपत
कोरोना महामारी और देशभर में लॉकडाउन के दौरान खरखौदा की अवैध शराब के दिल्ली में करोड़ों रूपये के कारोबार का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आश्चर्य की बात है कि जिस शराब को लॉकडाउन से पहले हरियाणा पुलिस ने जब्त कर गोदाम में सील कर दिया था, माफिया ने उसी शराब को लॉकडाउन में पुलिस की मिलीभगत से पार करा दिया। मामले में खरखौदा थानाध्यक्ष सहित दो थनाध्यक्षों को सस्पेंड कर दिया गया है और 5 पुलिसकर्मी फरार हैं। पुलिस ने मुख्य आरोपी भूपेंद्र दहिया को रिमांड पर ले लिया है। बताया जा रहा है कि दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान शराब की मांग ने सारी सीमाएं तोड़ दी थीं। लोगों ने तीन से चार गुना तक दाम देकर अवैध शराब खरीदी थी।
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शराब ठेकेदार भूपेंद्र दहिया ने पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद जब शराब घोटाले के राज खोले तो खुद जांच करने वाले पुलिसकर्मी सन्न रह गए। भूपेंद्र ने एसआईटी को बताया कि लॉकडाउन में दिल्ली व अन्य इलाकों से शराब की मांग बढ़ने के बाद खरखौदा एसएचओ को मोटी रकम देकर गोदाम से शराब चोरी कराई थी। फिलहाल खरखौदा के दो एसएचओ अरुण व जसबीर को सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस द्वारा सील किए गए गोदाम की पीछे की दीवार तोड़कर घोटालेबाजों ने शराब की सारी पेटियां साफ कर दी थीं।
एसआईटी ने भूपेंद्र को कोर्ट में पेश कर चार दिन के रिमांड पर लिया है। सोनीपत एसपी जश्नदीप सिंह रंधावा के मुताबिक भूपेंद्र दहिया की शराब तस्करी का जाल हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान तक फैला हुआ है। उसके ऊपर 15 मामले दर्ज हैं। पुलिस जांच में अब तक उसके शराब के 10 गोदामों का पता चला है। खरखौदा बाईपास पर भूपेंद्र ने अपनी मां के नाम से किराए पर गोदाम बना रखा है।
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पिछले साल फरवरी व मार्च के महीनों में छापेमारी के दौरान आबकारी विभाग और पुलिस ने यहां अवैध शराब पकड़ी थी। इस अवैध शराब को उसी गोदाम में सील कर दिया गया था। इस शराब की कीमत करीब 25 लाख रूपये बताई जा रही है। आरोप है कि लॉकडाउन के दौरान यह शराब कई गुना ज्यादा दामों पर बेची गई है। इसके अलावा पुलिस ने अलग अलग 7 ट्रकों में पकड़ी गई अवैध शराब और अदालत में आरोपी की खिलाफ चल रहे 14 मामलों से संबंधित शराब भी इन्हीं गोदामों में रखवा रखी थी।
पुलिस द्वारा सील किए गए गोदाम से शराब गायब होने की सूचना मिलने के बाद सोनीपत एसपी ने डीएसपी हेडक्वार्टर जितेंद्र, हरेंद्र कुमार, डॉ. रवींद्र सिंह से मामले की जांच करवाई थी। इस जांच में प्रारंभिक तौर पर शराब के अलग अलग ब्रांड की भारत निर्मित विदेशी शराब की 5500 पेटियां गायब मिलीं थी। इसके बाद हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के स्वयं संज्ञान लेने के चलते मामले में मुख्य आरोपी दहिया के साथ ही दो थाना प्रभारियों समेत पांच पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज किया गया है।
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मुख्य आरोपी भूपेंद्र दहिया की गिरफ्तारी से पूर्व हरियाणा पुलिस की एसटीएफ ने चंडीगढ़ के सेक्टर-50 में दहिया के मकान पर छापा मारा था। तब वह फरार होने में कामयाब रहा था लेकिन वहां से पुलिस ने 97 लाख रूपये नकद, एक रेंज रोवर गाड़ी, दो पिस्टल और तीन मोबाइल फोन बरामद किए थे। बताया जा रहा है कि भूपेंद्र की गिफ्तारी के बाद कई सफेदपोश लोगांं के नाम इस घोटाले में शामिल पाए जा सकते हैं।
शराब तस्कर भूपेंद्र दहिया ने पुलिस का दबाव बढ़ने के बाद 10 मई की रात को खरखौदा थाने में आत्मसमर्पण कर दिया था। उसके बाद तुरंत पुलिस उसे उसके कई ठिकानों पर लेकर गई थी। मामले से जुड़े तथ्यों को उजागर करने के लिए पुलिस ने रात भर कई स्थानों पर दबिश दी है।
ईडी व इनकम टैक्स विभाग को भेजा मामला
जिला एसपी जश्नदीप रंधावा ने प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग को शराब तस्कर भूपेंद्र की संपत्तियों की जांच के लिए लिखा है। उन्होंने आशंका जताई है कि आरोपी ने शराब की तस्करी से करोड़ों रुपए की संपत्ति जोड़ी है। यह संपत्ति सोनीपत के साथ अन्य दूसरे में होने की आशंका है। यदि भूपेंद्र की संपत्तियां दिखाई गई आय से अधिक पाई जाती हैं या बेनामी संपत्तियां पाई जाती हैं तो उन्हें अटैच करने की कार्रवाई की जाएगी।
शराब में मिलावट का खेल
शराब तस्कर भूपेंद्र ने पूछताछ के दौरान बताया है कि उसने पंजाब के राजपुरा में कई लोगों के साथ तालमेल बना रखा है। राजपुरा से पहले सस्ती शराब सोनीपत लाई जाती है। इसके बाद यहां बोतलों पर ब्रांडेड कंपनी के नकली लेवल लगाकर महंगे दामों पर बेच दी जाती है।