-12 लाख करोड़ रूपये का सोना छिपा होने का अनुमान
-बड़ी मात्रा में दूसरे खनिज पदार्थों का पता चला
टीम एटूजैड/ सोनभद्र। 21 फरवरी, 2020
सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत में सोने के बड़े भंडार का पता चला है। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में खनिजों की बड़े भंडार की बात सामने आई है। कई वर्षों से चल रही खनिज तत्वों की खोज के बीच जमीन के अंदर करीब 12 लाख करोड़ रुपये के छिपे हुए सोने के भंडार की बात सामने आई है।
हाल ही में सोनभद्र की सोन पहाड़ी क्षेत्र में बड़ी मात्रा में सोने का पता चलने पर विश्व भर की निगाहें चमक उठी हैं।
भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के सर्वे में इन पहाड़ियों में तीन हजार टन से ज्यादा सोना दबे होने की उम्मीद जताई गई है। सर्वे के दौरान सोनांचल की पहाड़ी में सोने के अलावा, भारी मात्रा में लोहा, पोटाश और दूसरे खनिज दबे होने का पता चला है। अनुमान के मुताबिक जमीन के नीचे दबे सोने की मौजूदा कीमत करीब 12 लाख करोड़ रुपये है।
वर्ष 2018 में ऑस्ट्रेलिया की खदानों के खनन के दौरान सोने की दो चट्टानों का पता चला था। उसकी कीमत करीब 80 करोड़ रुपये आंकी गई थी। ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका की खदानों के बाद अब सोनभद्र का नाम भी अब सुनहरी चमक से खिल उठा है। सोनभद्र में सबसे पहले 1980 के दशक में सोने का पता चला था। इसके बाद दूसरी बार 1990 से 1992 के बीव की गई थी। इस दौरान सोने की जगहों को चिन्हित किया गया था। सोना खोजने के लिए तीसरी व चौथी कोशिश 2005 से 2012 के बीच की गई।
सोनभद्र के डीएम ने बताया कि परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार के लिए राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनजीआरआई), भारत सरकार द्वारा मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले, उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले, छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले और झारखंड के गढ़वा जिले के आंशिक भू-भागों में हेलिकॉप्टर से भू-भौतिकीय सर्वेक्षण कराया जा रहा है।
भू-भौतिकीय सर्वे के मुताबिक सोनांचल की पहाड़ी में सोने के साथ लोहा सहित भारी मात्रा में दूसरे खनिज दबे हैं। जिले के कई भू-भागों में हेलिकॉप्टर से भू-भौतिकीय सर्वे जारी है। इस सर्वेक्षण में विद्युतीय, चुंबकीय और स्पेक्ट्रोमीटर उपकरणों का प्रयोग किया जा रहा है। बता दें कि इन उपकरणों का कुछ भाग हेलिकॉप्टर के नीचे लटकाकर जमीन की सतह से 60 से 80 मीटर की ऊंचाई पर उड़ते हुए सर्वेक्षण किया जाता है। सोनभद्र डीएम एन.राजलिंगम के मुताबिक जिस जमीन के अंदर यह खनिज संपदा छिपी है, उसके सीमांकन का कार्य 20 फरवरी, 2020 को खनिकर्म प्रभारी अधिकारी विजय कुमार मौर्य की अगुवाई में नौ सदस्यीय टीम ने कर लिया है।
मिला पोटाश का भारी खजाना
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले की सोन पहाड़ी इलाके में 2943.26 टन और जिले के हरदी ब्लॉक में 646.15 किलो सोना होने का अनुमान है। सोनभद्र में ही यूरेनियम वर्ग के अन्य खनिज तत्व होने का भी पता चला है। अनुमान के मुताबिक जिले के छिपिया ब्लॉक में 10 टन सिलेमिनाइट छिपा है। जबकि सर्वे के दौरान जिले के पुलवर, सलईडीह ब्लॉक के कुछ भागों में एंडालुसाइट का पता भी चला है। वहीं कुरछा तथा बरवाडीह ब्लॉक में जमीन के अंदर करीब दस मिलियन टन पोटाश का भंडार भी छिपा है।
मिली ग्रेफाइट की चट्टान
सोनभद्र जिले के म्योरपुर ब्लॉक हेडक्वॉर्टर से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भुकु पहाड़ी पर ग्रेनाइट होने की पुष्टि की गई है। खनिज प्राप्त करने के लिए इस स्थान पर खुदाई का भी काम शुरू करा दिया गया है।