जानें कब खत्म होगा शराब का इंतजार

-दिल्ली सरकार ने आबकारी विभाग से मांगे शराब की दुकानें खोलने पर सुझाव
-उत्तर प्रदेश-हरियाणा सरकारों ने कंपनियों को दी शराब के उत्पादन की अनुमति

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
कोरोना की महामारी ने शराब के शौकीनों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अंगूर की बेटी के साथ लोगों की दूरियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। दिल्ली-एनसीआर में ज्यों ज्यों कोरोना के मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, त्यों त्यों सुरा के शौकीनों की प्यास जोर पकड़ती जा रही है। केंद्र की मोदी सरकार ने फिलहाल शराब की दूकानें खोलने पर 3 मई तक के लिए रोक लगा दी है। इसके बाद भी सुरा के शौकीनों की तलब पूरी करने का रास्ता नजर नहीं आ रहा। लेकिन दिल्ली सरकार ने हाला के मतवालों के लिए अंधेरे में एक किरण दिखाने की कोशिश की है।
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अपने आबकारी विभाग से लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानें खोलने के लिए एहतियाती सुझावों सहित रिपोर्ट देने के लिए कहा है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और हरियाणा की खट्टर सरकार ने अपने यहां कंपनियों को शराब और बीयर के उत्पादन की अनुमति दे दी है। इसके बाद कई राज्यों में कुछ एहतियाती कदमों के साथ शराब की बिक्री शुरू होने की उम्मीद बढ़ गई है। इसके बाद ही दिल्ली सरकार ने आबकारी विभाग को यह रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है।
दिल्ली सरकार के एक आला अधिकारी के मुताबिक 27 अप्रैल या इसके आसपास दिल्ली में शराब और बीयर की बिक्री शुरू की जा सकती है। हालांकि शराब की सभी दुकानें खोल पाना दिल्ली में कोरोना की महामारी की वर्तमान स्थिति को देखते हुए संभव नजर नहीं आ रहा है। आबकारी विभाग शराब और बीयर की बिक्री के लिए किसी अन्य विकल्प का सुझाव दे सकता है। दिल्ली में शराब और बीयर की करीब 850 दुकानें हैं और शराब की बिक्री से दिल्ली सरकार को हर साल करीब 5 हजार करोड़ रूपये के राजस्व की आमदनी होती है। ऐसे में अन्य राज्य सरकारों की तरह दिल्ली सरकार भी राजस्व के इस बड़े हिस्से को गंवाना नहीं चाहती।
फूड आइटम में कवर होती हैं शराब एवं बीयर
वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने शराब की बिक्री पर 3 मई 2020 तक लॉकडाउन की अवधि के लिए रोक लगा दी है। लेकिन फूड आइटम्स और अन्य जरूरी वस्तुओं की बिक्री, उत्पादन, भंडारण और आपूर्ति को छूट दी गई है। अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में शराब की बिक्री शुरू करने के लिए दिल्ली सरकार को केंद्र की मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्डस एक्ट 2006 के तहत फूड आइटम्स लॉकडाउन के अंतर्गत बिक्री के लिए छूट वाली वस्तुओं में आती हैं। अल्होलिक बेवरेज (शराब एवं बीयर आदि) इस कानून में दी गई परिभाषा के अनुसार फूड आइटम में कवर होती हैं।
रेड जोन की वजह से बढ़ी मुश्किल
दिल्ली वालों की मुश्किलें राजधारी के सभी 11 जिले रेड जोन में आने की वजह से बढ़ी हैं। दिल्ली में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हालात भले ही काबू में हैं, लेकिन केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के मुताबिक लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जाना है और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लोगों की भीड़ को काबू में रखा जाना बेहद जरूरी है। ऐसे में दिल्ली में शराब की सभी साढ़े आठ सौ दुकानों को लॉकडाउन के दौरान खोला जाना संभव नहीं है। यदि गिने-चुने इलाकों में शराब की दुकानें खोली जाती हैं, तो वहां सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखना सरकार के सामने बड़ी समस्या होगा। ऐसे में दिल्ली सरकार के सामने शराब और बीयर की ऑनलाइन बिक्री का विकल्प ही बचता है।
सीआईएबीसी ने दिया बिक्री का सुझाव
पिछले दिनों ही शराब विक्रेताओं के संगठन कंफेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (सीआईएबीसी) ने भी सरकार के सामने पहले शराब की ऑनलाइन बिक्री का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद कोरोना के काबू में आने के बाद धीरे-धीरे शराब की सभी दुकानें खोलने की बात कही थी। सीआईएबीसी ने केंद्र सरकार से भी अपील की है कि लॉकडाउन की वजह से शराब उद्योग को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। कोरोना की रोकथाम के दिशानिर्देशों पर अमल की शर्त के साथ शराब उद्योग को धीरे धीरे खोल दिया जाए।
होम डिलीवरी के रजिस्ट्रेशन करे सरकार
सीआईएबीसी के विनोद गिरी के मुताबिक शराब उद्योग विभिन्न करों के जरिए सरकार को करीब दो लाख करोड़ रूपये का राजस्व देता है। इस उद्योग के साथ करीब 40 लाख किसानों की आजीविका जुड़ी है। इस उद्योग से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 20 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है। सरकार चाहे तो शराब विक्रेताओं को ऑनलाइन आवेदन के जरिये होम डिलिवरी के लिए रजिस्ट्रेशन कराने को कह सकती है। हर पात्र दुकानदार को अन्य जरूरी चीजों के विक्रेताओं की तरह होम डिलिवरी के लिए तीन-चार कर्फ्यू पास दिये जाएं, ताकि लोगों तक शराब और बीयर पहुंचाई जा सके।
लॉकडाउन में पहले भी बिक रही थी शराब
बता दें कि लॉकडाउन के प्रथम चरण में पंजाब, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल और मेघालय समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में शराब की बिक्री की जा रही थी। पूरी दिल्ली इस समय कोरोना के रोड जोन में है। लेकिन जरूरी वस्तुओं की ऑनलाइन डिलीवरी हॉटस्पॉट इलाकों में भी जारी है। ऐसे में दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने शराब की बिक्री शुरू करने के लिए एक्साइज विभाग से एक रिपोर्ट मांगी है। इसमें विभाग को एहतियाती कदम उठाते हुए शराब की दुकानें खोलने की अनुमति देने के लिए कहा गया है। ताकि शराब की बिक्री से लॉकडाउन पर किसी तरह का असर नहीं पड़े।
कोरोना से निपटने के लिए राजस्व जरूरी
दिल्ली में 25 मार्च से शराब और बीयर की साढ़े आठ सौ से ज्यादा दुकानें पूरी तरह से बंद हैं। इसकी वजह से दिल्ली सरकार को हर महीने करीब 5 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। महामारी की चुनौती से निबटने और चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने में राज्य सरकारों को अतिरिक्त धन खर्च करना पड़ रहा है। इसलिए राज्य सरकारें चाहती हैं कि शराब की बिक्री का कोई ऐसा रास्ता निकाला जाए, जिससे कि लॉकडाउन का पालन भी हो जाए और सरकार को राजस्व भी मिलता रहे।