-शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
-फ्लोर टैस्ट के दौरान कराई जाएगी कार्यवाही की वीडियोग्राफी
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है। कांग्रेस की राज्य सरकार पर छाए सियासी संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ सरकार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया है। आदेश में कहा गया है कि शुक्रवार को सांय 5 बजे तक कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया है कि इस फ्लोर टेस्ट की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। आदेश की खास बात है कि कांग्रेस के बागी विधायकों पर विधानसभा में आने का कोई दबाव नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कर्नाटक और मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशकों पर बागी विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होगी। बता दें कि कांग्रेस के 22 विधायकों के बागी होने के बाद से मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
गुरुवार 19 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपने आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा कि विधानसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण किया जाएगा। विधानसभा सत्र का एक मात्र एजेंडा फ्लोर टेस्ट करवाना ही होगां सभी अधिकारी ये सुनिश्चित करें कि किसी भी तरह आदेश का उल्लंघन न हो सके।
फैसला आने के बाद भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसको न्याय की जीत करार दिया है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा। उन्होंने यह भी कहा कि कमलनाथ सरकार को जनता की आहें लग गई हैं। बता दें कि बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी और जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी। दूसरी ओर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अगर हमारे पास बहुमत होगा, तो हम जरूर पास होंगे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दावा किया था कि हमारी सरकार के पास बहुमत है। लेकिन हम फ्लोर टेस्ट में क्यों जाएं? बीजेपी को लगता है कि हमारी सरकार के पास बहुमत नहीं है, तो शिवराज सिंह चौहान अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएं उसके बाद हम सदन के अंदर बहुमत साबित करके दिखाएंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी आदेश होगा वह हमें स्वीकार होगा।