गलत था शाहीन बाग पर रेफरेंडम बनाना!

अयातित नेतृत्व व आधारहीन मुद्दों की वजह से हारी बीजेपीः जगदीश ममगांई
जगदीश ममगांई

गृह मंत्री अमित शाह व बीजेपी के केन्द्रीय नेताओं को घेरे रीढ़विहीन चारण किस्म के दिल्ली बीजेपी के नेता क्या उनसे कह सकेंगे कि दिल्ली विधानसभा का चुनाव स्थानीय व राज्य विषयों पर लड़ने के बजाए सीएए व शाहीन बाग पर रिफ़रेंडम बनाना गलत था। जनता ने इसके खिलाफ वोट दिया है! शाह ने अपने वार्ड से चुनाव जिताने के लिए निगम पार्षदों की तो क्लास ली पर मोदीजी के नाम पर जीते सांसदों को नहीं चेताया। उनसे अपना व्यवहार सुधारने की ताकीद नहीं की। जबकि पिछले 2015 के विधानसभा चुनाव में 4 लोकसभा क्षेत्रों में बीजेपी का खाता नहीं खुला था। हालांकि उन चारों सांसदों को दोबारा लोकसभा का टिकट दे दिया गया, जिनके यहां खाता खुला था उन तीन में से दो सांसदों के टिकट काट दिये गए।
बीजेपी दिल्ली में कमजोर विशेषकर आयातित नेतृत्व, अवांछित मुद्दे, अभद्र टिप्पणियां, 8 महीने से चुनाव के निमित्त तैयार विरोधी अरविंद केजरीवाल एंड कंपनी के खिलाफ देर से चुनाव रणनीति एवं प्रचार शुरू तथा मतदान करने वाले मतदाताओं पर कटाक्ष करने के कारण हारी है। बीजेपी के सोशल मीडिया परस्त कार्यकर्ता बीजेपी विरोधी पार्टी विशेषकर ‘आप’ को वोट देने वाले हिंदुओं को गद्दार, दोगले, पाकिस्तानपरस्त लिखते रहे। इससे पहले कभी भी दिल्ली में हिंदुओं और मुसलमानों को विभाजित करने के लिए ऐसा प्रयास नहीं हुआ। बिजली-पानी-बस में मिल रही राहत पर दिल्लीवासियों को ‘मुफ्तखोर’, ‘हरामखोर’, फ्री के लिए देश को भी बेच देंगे जैसी उपाधियों से सुशोभित करते रहे।
दिल्लीवासियों को गाली देने की सनक में ऐसे छिछोरे समर्थक यह भूल गए कि इसी ‘मुफ्तखोर’ जनता ने 8 माह पहले लोकसभा चुनाव में 56.58 प्रतिशत वोट देकर बीजेपी को लोकसभा की सातों सीट भारी बहुमत से जिताई थीं। बिजली सब्सिडी व महिलाओं को बसों में मुफ्त यात्रा के खिलाफ बोलने वाले यह भूल जाते हैं कि केन्द्र की मोदी सरकार ने 8 करोड़ महिलाओं को मुफ्त गैस चूल्हा दिया है। वेतनभोगियों द्वारा दिए जाने वाले टैक्स से टैक्स न देने वाले किसानों को 6000 रूपए की राशि प्रतिवर्ष दे रहे हैं। 15 करोड़ से अधिक परिवारो को गैस सिलेंडर में सब्सिडी दी जा रही है …। ‘चावल वाले बाबा’ के नाम से मशहूर रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में 1 रूपए किलो चावल देकर कई बार सरकार बनाई है। सबसे बड़ा सवाल है कि यदि यह मुफ्तखोरी को वोट है तो, दिल्ली की पॉश कालोनी जो न तो 200 यूनिट से लाभान्वित होते हैं और न ही मुफ्त बस यात्रा से तो उन क्षेत्रों में बीजेपी क्यों नहीं जीती ?
भारत की राजधानी दिल्ली के ‘शाहीन बाग’ को बीजेपी ने पाकिस्तान व देशद्रोह का प्रतीक बनाया जबकि वहां धरने पर बैठी मुस्लिम महिलाओं के समर्थन देने हिन्दू व सिख बड़े पैमाने पर पहुंचते रहे, और तो और वहां सिखों द्वारा नियमित लंगर लगाया हुआ है। एक सिख सेवादार ने तो इसके लिए अपना मकान तक बेच दिया। परिणामों से स्पष्ट है कि सिख बाहुल्य क्षेत्रों में बीजेपी बहुत बुरी तरह से हारी है। पहले नगर निगम फिर लोकसभा और अब विधानसभा तीनों में बीजेपी देश की सुरक्षा के नाम पर ही वोट मांगती रही, आमजन का मत था कि देश की सुरक्षा के लिए मोदीजी को चुन दिया फिर भी देश खतरे में ही है ?
केजरीवाल व उनकी पार्टी ‘आप’ ने यह चुनाव मुफ्त बिजली-पानी, मोहल्ला क्लिनिक, स्कूली शिक्षा, महिलाओं की मुफ्त बस यात्रा आदि विषयों पर संयमित तरीके से लड़ा। जबकि बीजेपी ने शाहीन बाग, नागरिकता संशोधन विधेयक, पाकिस्तानवाद, दिल्लीवासी मुफ्तखोर को इतने उग्र तरीके से उभारा कि मोदी सरकार की उपलब्धियां और दिल्ली के मूलभूत मुद्दों को उठाया ही नहीं।
(लेखकः नगर निगम निर्माण समिति के पूर्व चेयरमैन, दिल्ली मामलों के विशेषज्ञ, राजनीतिक विश्लेषक और रंग बदलती दिल्ली व लोक शिल्पी पुस्तकों के रचनाकार हैं)