-सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग सीडी-8 का मामलाः
-आरटीआई के तहत शुल्क जमा कराया, नहीं उपलब्ध कराई जानकारी
एटूजैड न्यूज / नई दिल्ली
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी दिल्ली की केजरीवाल सरकार की साख को बट्टा लगा रहे हैं। ताजा मामला रोहिणी स्थित सिविल डिवीजन-8 से सामने आया है। जिसमें आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने उपलब्ध नहीं कराई। आश्चर्य की बात है कि आवेदक से आरटीआई आईडी संख्या 15, 16 व 17/2018 के लिए शुल्क तो जमा करा लिया गया। लेकिन आवेदक को सूचना के दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। फिलहाल यह मामला मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय तक पहुंच गया है।
नियमानुसार आरटीआई में मांगी गई जानकारी 30 दिन के अंदर उपलब्ध करानी होती है। यदि नियत समय में सूचना उपलब्ध नहीं कराई जाती है तो 60 दिन के अंदर आवेदक प्रथम अपील कर सकता है। लेकिन ताजा मामले में शुल्क जमा कराने और अपील में हुए आदेश के बावजूद सीडी-8 के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने सूचना के अधिकार कानून का पूरी तरह से उल्लंघन करते हुए अपने पद का दुरूपयोग किया और आवेदक को सूचना उपलब्ध नहीं कराई। माना जा रहा है कि सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी विकास परियोजनाओं में जमकर धांधली कर रहे हैं। विकास कार्यों में सरकारी धन का दुरूपयोग किया जा रहा है और निजी कंपनियों के साथ मिलीभगत कर जनता के पैसे की बंदरबांट की जा रही है।
आरटीआई एक्टिविस्ट ब्रिजेश शुक्ला ने 22 अक्टूबर 2018 को सीडी-8 में आरटीआई आवेदन लगाकर सूचना मांगी थी। इसके लिए 1 दिसंबर, 2018 को रसीद संख्या 48 के द्वारा 500 रूपये शुल्क जमा करा दिया था। इसके बावजूद सीडी-8 के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और संबंधित अधिकारियों ने सूचना के दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए।
आवेदक ने इसके पश्चात 30 नवंबर को फ्लड सर्कल 2 के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर के यहां प्रथम अपील लगाई थी। जिसकी सुनवाई 15 जनवरी को हुई। सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर ने अपने आदेश में सात दिन के अंदर आवेदक को दस्तावेज उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए। इसके बावजूद सीडी-8 के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने सूचना के दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए।