लालू परिवार में घमासान… परिवार में दूरियों का तूफान

-तेज प्रताप के बाद तेजस्वी यादव ने बनाई परिवार से दूरियां
-कारणः तेज प्रताप और मीसा भारती से नाराजगी या कुछ और

टीम एटूजैड/नई दिल्ली
बिहार के सबसे बड़े समाजवादी झंडावरदार लालू के लाल तेजस्वी यादव ने अब अपने परिवार और पार्टी से दूरियां बनाना शुरू कर दिया है। वह पटना में दूध मार्केट के आंदोलन में कई दिनों बाद सामने आए। इससे पहले वह कई दिनों तक गायब रहे और परिवार, पार्टी व मीडिया से भी बात नहीं की। बिहार के सियासी क्षेत्र में इस बात को लेकर भारी चर्चा शुरू हो गई है कि तेजस्वी यादव आखिर चाहते क्या हैं। क्योंकि, पिछले सप्ताह पटना में आयोजित आरजेडी की बैठक में बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अनुपस्थित थे।
लम्बे इंतज़ार के बाद 16 अगस्त को आरजेडी की बैठक बुलाई गई थी। बैठक में पार्टी के सभी विधायकों, सभी जिलाध्यक्षों और इस बार लोकसभा चुनाव के सभी प्रत्याशियों को भी बुलाया गया था। उम्मीद थी कि विधायकों की बैठक में विधायकों के नेता भी पहुंचेंगे। लेकिन, विधायक दल के नेता और बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ही बैठक से नदारद रहे।
बैठक पटना में तेजस्वी दिल्ली में
आरजेडी की यह बैठक पटना में बुलाई गई थी। लेकिन तेजस्वी यादव इस दौरान दिल्ली में डेरा डाले रहे। इस बैठक को अगले दिन यानी 17 अगस्त के लिए स्थगित कर दिया गया। लेकिन पार्टी के राजकुमार तेजस्वी यादव अगले दिन भी बैठक में नहीं पहुंचे।
परिवार परिवार के भीतर चल रही बातों से नाराज हैं तेजस्वी
आखिर क्या कारण है कि बार-बार तेजस्वी यादव आरजेडी की बैठक से नदारद रहते हैं. पार्टी में अपनी सक्रिय भूमिका को खत्म कर तेजस्वी क्या हासिल करना चाहते हैं या फिर कहानी कुछ और है? सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी के भीतर तेजस्वी का सक्रिय न होना पार्टी से ज़्यादा उनके परिवार के भीतर चल रही लड़ाई के चलते है. सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव में हार के बाद से ही तेजस्वी यादव परिवार के भीतर चल रही बातों से नाराज चल रहे हैं।
तेजप्रताप-मीसा से ठीक नहीं संबंध
आरजेडी सूत्रों का कहना है कि तेजस्वी यादव अपने परिवार में मचे घमासान से ज्यादा परेशान हैं। बड़े भाई तेजप्रताप यादव की गतिविधियों को लेकर नाराज हैं। तेज प्रताप ने लोकसभा चुनाव में शिवहर और जहानाबाद की सीटों पर अपने समर्थक उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। तेजप्रताप यादव ने खुलेआम पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला था। लेकिन अब तेजस्वी यादव हर हाल में इन बातों पर लगाम लगाना चाहते हैं। वहीं तेजस्वी अपनी बड़ी बहन और राज्य सभा सांसद मीसा भारती से भी खफा बताए जा रहे हैं।
तेजस्वी चाहें अध्यक्ष पद और स्वतंत्रता
2019़ के लोकसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने ही पार्टी के चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी। अब वह चाहते हैं कि पार्टी में स्वतंत्र निर्णय ले सकें, जिससे कि पार्टी के खिलाफ काम करने वाले परिवार के लोगों के खिलाफ भी वह निर्णय ले सकें। सूत्रों का कहना है कि तेजस्वी यादव अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना चाहते हैं। क्योंकि एक ओर मीसा भारती पार्टी के फैसलों में दखल देती हैं और दूसरी ओर तेज प्रताप पार्टी का नुकसान कर रहे हैं।
तेज हुई राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग
आरजेडी में तेजस्वी समर्थकों ने उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग तेज कर दी है। भाई वीरेंद्र समेत पार्टी के कई विधायकों और नेताओं इस तरह की मांग तेज कर दी है। बता दें कि यदि तेजस्वी यादव अध्यक्ष बनते हैं तो आरजेडी में जेल में बंद लालू यादव और तेजस्वी की मां राबड़ी देवी का दखल कम हो जाएगा। गौरतलब है कि लालू यादव पहले ही तेजस्वी को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर चुके हैं। लालू ने पहले डिप्टी सीएम और फिर नेता प्रतिपक्ष बनाकर तेजस्वी का कद पार्टी में बड़ा कर दिया था।